Move to Jagran APP

राजस्थान में किसका खेल बिगाड़ेंगे बसपा, बेनीवाल और तिवाड़ी?

बेनीवाल 29 अक्टूबर को जयपुर में किसान हुंकार रैली के साथ ही पार्टी के नाम का एलान करेंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 03:10 PM (IST)
राजस्थान में किसका खेल बिगाड़ेंगे बसपा, बेनीवाल और तिवाड़ी?
राजस्थान में किसका खेल बिगाड़ेंगे बसपा, बेनीवाल और तिवाड़ी?

जयपुर,नरेन्द्र शर्मा। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जहां राजस्थान में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने का एलान किया है। वहीं खींवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने नई पार्टी का गठन कर भाजपा के बागी नेता घनश्याम तिवाड़ी के साथ गठबंधन पर सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है। बसपा,बेनीवाल और तिवाड़ी के बीच तालमेल को लेकर भी कसरत चल रही है।

loksabha election banner

बेनीवाल 29 अक्टूबर को जयपुर में किसान हुंकार रैली के साथ ही पार्टी के नाम का एलान करेंगे। पार्टी का आकार क्या होगा, कौन-कौन नेता होंगे, बसपा और तिवाड़ी के साथ किस हद तक गठजोड़ होगा इसकी पूरी तस्वीर 29 अक्टूबर को ही साफ होगी। ऐसे में बड़ा सवाल है कि बसपा,तिवाड़ी और बेनीवाल विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भाजपा या फिर सत्ता का इंतजार कर रही कांग्रेस में से किसका खेल बिगाड़ेंगे।

बसपा,बेनीवाल और तिवाड़ी का अपना-अपना गणित

बसपा नेतृत्व की सोच है कि तिवाड़ी और बेनीवाल को साथ लेकर जाट एवं ब्राहम्ण समाज में पैठ बनाई जा सकती है। बसपा अपने वोट बैंक के साथ जाट और ब्राहम्ण मतदाताओं को जोड़कर सत्ता की चाबी अपने पास रखना चाहती है । वहीं बेनीवाल और तिवाड़ी की रणनीति है कि जाट एवं ब्राहम्ण मतदाताओं को तो वे दोनों अपने साथ जोड़ लेंगे,लेकिन दलित और मुस्लिम वर्ग को बसपा के साथ मिलकर ही लुभाया जा सकता है। इस लिए ये दोनों नेता बसपा के साथ तालमेल करने पर विचार कर रहे है। ये दोनों नेता भी बसपा के साथ मिलकर सत्ता की चाबी अपने पास रखना चाहते है।

पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में हो सकता है असर

राज्य में 7 दिसंबर को मतदान होगा। उससे करीब एक महीने पहले जिस पार्टी का गठन और फिर तिवाड़ी एवं बसपा के साथ अधिकारिक रूप से तालमेल होगा, उसकी चुनौती को लेकर संशय हो सकता है। लेकिन बेनीवाल की अपनी सियासी ताकत है। पश्चिम राजस्थान में जाट समुदाय में खासे लोकप्रिय है। ऐसे में नई पार्टी बनने के बाद सभी की नजरें जाट वोट बैंक पर लगी हुई है।

बेनीवाल जहां पश्चिमी राजस्थान में ताकत रखते हैं,वहीं तिवाड़ी का पूर्वी राजस्थान की अगड़ी जातियों में प्रभाव है। ये दोनों नेता बसपा के साथ मिलकर पूरे प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बदलने में जुटे है। चुनावी विश्षेलक दावा कर रहे हैं कि बसपा,तिवाड़ी और बेनीवाल कई सीटों पर वोट कटवा भी साबित हो सकते है। ऐसे में कांटे की टक्कर वाली सीट पर अगर इनका मजबूत उम्मीदवार हो तो भाजपा या कांग्रेस प्रत्याशी का खेल बिगाड़ सकते है।

तिवाड़ी और बेनीवाल का दावा है कि वे मतदाताओं को बेहतर विकल्प देने की कोशिश करेंगे। चुनाव पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का मानना है कि दिग्गज भाजपा नेता जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह अगर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो जाट समाज के वोट बैंक में बेनीवाल जाट बहुल सीटों पर, खासकर जैसलमेर और बाड़मेर जिले की सीटों पर सेंध लगा सकते है। मारवाड़ और शेखावाटी में जाट और राजपूतों के बीच सियासी वर्चस्व की जंग चलती रही है । 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.