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वसुंधरा राजे व सचिन पायलट के लिए मुसीबत बने नेताओं के बिगड़े बोल

राजस्थान विधानसभा चुनाव निकट आते देख भाजपा व कांग्रेस के बड़बोले नेताओं को पार्टी नेतृत्व ने शांत रहने के लिए कहा है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 05:20 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 05:20 PM (IST)
वसुंधरा राजे व सचिन पायलट के लिए मुसीबत बने नेताओं के बिगड़े बोल
वसुंधरा राजे व सचिन पायलट के लिए मुसीबत बने नेताओं के बिगड़े बोल

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में सत्तारूढ़ दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं के बिगड़े बोल पार्टी नेतृत्व के लिए मुसीबत बने हुए हैं। सत्तारूढ़ दल भाजपा के मंत्रियों व नेताओं के बड़बोलेपन के कारण जहां सीएम वसुंधरा राजे को कई बार डांट लगानी पड़ी है। रविवार को सीएम ने नेताओं को हद में रहकर बोलने की हिदायत दी है। वहीं, कांग्रेस नेताओं के बिगड़े बोल के चलते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को उनकी खिंचाई करनी पड़ी है। अब विधानसभा चुनाव निकट आते देख दोनों ही दलों के बड़बोले नेताओं को पार्टी नेतृत्व ने शांत रहने के लिए कहा है।

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भाजपा में नहीं थम रहे मंत्रियों और विधायकों के बिगड़े बोल

वसुंधरा राजे सरकार के मंत्रियों और विधायकों से लेकर भाजपा संगठन के पदाधिकारियों तक ने कई बार ऐसी टिप्पणियां की हैं, जिनके कारण सीएम को उनकी खिंचाई करनी पड़ी। हालांकि ऐसे नेताओं पर सीएम की डांट का भी असर नहीं हो रहा है। चुनाव से ठीक पहले राज्य के कैबिनेट मंत्री नंदलाल मीणा ने खुद चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करते हुए गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया सहित उम्रदराज नेताओं को टिकट नहीं देने की मांग की है। मीणा ने कटारिया को "फ्लॉप" नेता बताते हुए कहा कि वे आरएसएस के नाम पर कमा कर खा रहे हैं। सीएम ने मीणा के बयान पर नाराजगी जताते हुए उन्हे शांत रहने के लिए कहा है।

इससे पहले विधायक हीरालाल नागर, ज्ञानदेव आहूजा, कैलाश चौधरी, विजय बंसल और भवानी सिंह राजावत अपने बेलगाम बोल के कारण विवादों में रह चुके हैं। आहूजा मेव समाज को लेकर कई बार आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने हनुमानजी को देश का सबसे पहला आदिवासी नेता बताते हुए कहा कि इसके कारण ही उनके सबसे अधिक मंदिर बने हुए हैं।

इसी तरह सीकर के सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने कुछ दिनों पूर्व काम नहीं करने वाले अफसरों को टंगवाने की बात कही थी। वहीं, विधायक हीरालाल नागर ने कहा था कि किसान मुआवजे के लिए आत्महत्या कर रहे हैं। विधायक भवानी सिंह राजावत और विजय बंसल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर टिप्पणी की थी। हालांकि बंसल ने सीएम के कहने पर माफी भी मांगी थी। विधायक बनवारी लाल सिंघल ने पिछले दिनों अलवर में कहा था कि मुस्लिम समाज अधिक बच्चे इसलिए पैदा करने का मकसद बहुसंख्यक होने की चाहत है। सीएम ने अब इन विधायकों को हद में रहकर अपनी बात कहने के निर्देश दिए हैं।

कांग्रेस में भी है बड़बोले नेता

दो दिन पहले पहले मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। गुढ़ा इससे पहले भी कई बार अभद्र भाषा का प्रयोग सार्वजनिक रूप से कर चुके हैं। जयपुर की पूर्व महापौर और प्रदेश कांग्रेस की महामंत्री ज्योति खंडेवाल कुछ दिनों पहले मुस्लिम समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुकी हैं। उन्होनें जयपुर के विधानसभा क्षेत्रवार मुस्लिम समाज के आंकडे सार्वजनिक कर अल्पसंख्यक को टिकट नहीं देने की बात कही थी। हालांकि पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट की डांट के बाद वे शांत हुईं। दो दिन पहले जयपुर के कांग्रेस नेता मोहम्मद कलीम कुरैशी ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की जिसके चलते उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। 


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