राजस्थान विधानसभा चुनावः कांग्रेस ने उम्मीदवार चयन को लेकर बनाए मापदंड
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में इस बार टिकट वितरण को लेकर भारी गहमागहमी का माहौल है।
जयपुर , जागरण संवाददाता। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में इस बार टिकट वितरण को लेकर भारी गहमागहमी का माहौल है। दावेदारों की भारी भीड़ के बीच टिकट वितरण के नए मापदंडों ने नेताओं में खलबली मचा दी है।
कांग्रेस में इस बार पुराने टिकट वितरण का तरीका काफी हद तक बदल दिया गया है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस बार दो बार हारे हुए, उम्रदराज नेताओं और बड़े अंतराल से हारने वाले नेताओं के टिकट काटने के मापदंड तय कर दिए गए है। कुछ अपवादों को छोड़ लगातार दो बार और बड़े अंतराल से हारने वालों के टिकट कटना तय माना जा रहा है। स्क्रीनिंग कमेटी दिल्ली में लगातार उम्मीदवारों के पैनल पर मंथन कर रही है ।कांग्रेस में इस बार टिकट वितरण का थ्री-टियर फार्मूला बनाया गया है। इस फार्मूले के तहत सर्वे एजेंसियों की रिपोर्ट और चार राष्ट्रीय सचिवों की रिपोर्ट को टिकट वितरण का आधार बनाया जा रहा है। इन दोनों रिपोर्ट को शक्ति एप से कार्यकर्ताओं की रायशुमारी से मिलाया जा रहा है।
करीब 50 नेता टिकट की दौड़ से बाहर होंगे
कांग्रेस में टिकट वितरण के नए मापदंडों से कई पुराने नेताओं की टिकट खटाई में पड़ सकती है । नए मापदंडों से करीब 50 नेता टिकट की दौड़ से बाहर हो रहे है । नए मापदंडों की कांग्रेस हलकों के भीतर जबर्दस्त चर्चाएं है। टिकट कटने की आशंका वाले नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है और वे अपने सियासी आकाओं के जरिए हरसंभव लॉबिंग कर रहे है । कांग्रेस दशहरे के बाद उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने की तैयारी में है । इसके लिए दिल्ली में मैराथन बैठकों का दौर जारी है. अब सबको कांग्रेस की पहली सूची का इंतजार है, लेकिन इस बार कांग्रेस के टिकट कई सियासी सुरमाओं को चौंका सकते हैं ।
इन नेताओं ने पहली ही संन्यास लेने की बात कही
उम्रदराज नेताओं को टिकट नहीं देने की कांग्रेस आलाकमान की मंशा को भांपते हुए पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष नारायण सिंह,पूर्व वित्त मंत्री प्रधुम्न सिंह एवं वरिष्ठ नेता बनवारी लाल शर्मा ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा दो माह पहले ही कर दी थी । ये तीनों ही नेता अपने पुत्रों को टिकट दिलवाने में जुटे है।