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राजस्थान में जीजा-साली के बीच होगा रोचक मुकाबला

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ससुराल धौलपुर में जीजा-साली के बीच मुकाबला होगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 09:23 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 09:24 AM (IST)
राजस्थान में जीजा-साली के बीच होगा रोचक मुकाबला
राजस्थान में जीजा-साली के बीच होगा रोचक मुकाबला

धौलपुर, आशीष भटनागर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ससुराल धौलपुर में जीजा-साली के बीच मुकाबला होगा। दिलचस्प है कि कांग्रेस प्रत्याशी जीजा नौसिखिया हैं और भाजपा प्रत्याशी साली वर्तमान विधायक। पड़ोस की राजाखेड़ा सीट पर मुकाबला कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं के वारिसों के बीच है।

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जिले की चार में से तीन सीटों पर बसपा दोनों प्रम़ुख दलों की मुश्किल बढ़ाएगी। धौलपुर और बाड़ी से दोनों पर्टियों के बागी भी मैदान में हैं। धौलपुर सीट पर भाजपा ने अपनी वर्तमान विधायक शोभारानी कुशवाह पर फिर से भरोसा जताया है। करीब दो साल पहले उनके पति को हत्या के षड्यंत्र मामले में आजीवन कारावास की सजा होने पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें उन्होंने 38 हजार वोट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बनवारी लाल शर्मा को शिकस्त दी थी।

कांग्रेस ने डॉ. शिवचरण कुशवाह को टिकट थमाया है। वे पहली बार चुनाव में हाथ आजमा रहे हैं। दोनों प्रत्याशियों के बीच जीजा-साली का रिश्ता मुकाबले को रोचक बनाएगा। यहां पर कांग्रेस के दो बागी और भाजपा छोड़ बसपा प्रत्याशी बने किशन शर्मा भी दोनों प्रमुख पार्टियों की मुश्किल बढ़ाएंगे। राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में भी चुनावी मुकाबला कम रोचक नहीं है। यहां पर दो कांगे्रस के दिग्गज नेताओं के पुत्र आमने-सामने हैं।

पुरानी सीट धौलपुर और कांगे्रस छोड़कर आए अशोक शर्मा को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। उनके पिता बनवारी लाल शर्मा धौलपुर से पांच बार विधायक रहे हैं। उन्होंने एक बार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी चुनाव में धूल चटाई थी। दूसरी ओर कांगे्रस के प्रत्याशी रोहित बोहरा के पिता पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह आठ बार इस क्षेत्र से विधायक रहे हैं। उम्रदराज होने के चलते इस बार उन्होंने अपनी विरासत पुत्र रोहित बोहरा को सौंपी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन अपने पिता की विरासत को बरकरार रख पाता है।

बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से दो बार से विधायक रहे गिर्राज सिंह मलिंगा कांगे्रस की टिकट पर फिर से मैदान में हैं। वर्ष 2008 में पहली बार बसपा की टिकट पर जीते थे। बसपा विधानमंडल दल का कांगे्रस में विलय होने के बाद से कांगे्रस का ही प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भाजपा ने वर्ष 2003 में विधायक रहे जसवंत सिंह गुर्जर को भी तीसरी बार टिकट दी है। दोनों ही प्रत्याशियों को अपनी-अपनी पार्टी के परम्परागत वोट बैंक के साथ अपनी बिरादरी के वोटों के दम पर जीत दर्ज करने का भरोसा है।

यहां भाजपा के बागी रामहेत कुशवाह बसपा प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक रहे हैं। क्षेत्र में बाहुल्य वोट बैंक का प्रतिनिधित्व करने वाले कुशवाह दोनों प्रमुख पार्टियों के लिए दुविधा खड़ी कर सकते हैं। अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने अपनी वर्तमान विधायक रानी कोली का टिकट काटकर छीतरिया लाल जाटव को प्रत्याशी बनाया है।

कांगे्रस ने अपने पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा को टिकट दी है। दोनों प्रत्याशी इस क्षेत्र से पहली बार चुनाव मैदान में हैं। हालांकि बीते वर्ष शुरू हुआ महाविद्यालय वसुंधरा सरकार की उपलब्धि के तौर पर गिनाया जा रहा है लेकिन बसपा प्रत्याशी उदयवीर सिंह दोनों प्रमुख दलों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। 

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