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Rajasthan Chunav 2018: देश चलाने के लिए विजन चाहिए, नारे नहींः अरुण जेटली

Arun Jaitley in jaipur, अरुण जेटली ने कहा कि वे किसानों की कर्ज माफी का वादा कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि सत्ता में उन्हें आना नहीं है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 04:38 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 04:38 PM (IST)
Rajasthan Chunav 2018: देश चलाने के लिए विजन चाहिए, नारे नहींः अरुण जेटली
Rajasthan Chunav 2018: देश चलाने के लिए विजन चाहिए, नारे नहींः अरुण जेटली

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दस दिन में किसाने की कर्ज माफी के वादे पर कड़ा प्रहार करते हुए केंद्रीय वित मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि देश चलाने के लिए विजन चाहिए नारे नहीं। नारों की राजनीति 1971 में चलती थी, जब गरीबी हटाओ का नारा दिया गया था। गरीबी आज भी मौजूद है।

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जयपुर में मंगलवार को भाजपा का घोषणा पत्र जारी किए जाने के मौके पर आए जेटली ने प्रेसवार्ता में कहा कि बेरोजगारी को लोग मुद्दा बना रहे हैं, जो देश में 50 साल तक राज करते रहे। हमारी धाीमी आर्थिक प्रगति के लिए पूरी दुनिया हमारा माखैल उड़ाती थी। जिन्होंने समस्या खड़ी कीं, वे उसे मुद्दा बना रहे हैं।

जेटली ने कहा कि वे राजस्थान में दस दिन में किसानों की कर्ज माफी का वादा कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि सत्ता में उन्हें आना नहीं है। जिन लोगों को इन विषयों की समझ नहीं होती और जिन्हें सस्ती लोकप्रियता चाहिए होती है, वे ही ऐसी बातें करते हैं। ऐसे लोगों को यह पता नहीं होता कि प्रशासन और सरकार कैसे चलती है।

जेटली ने कहा कि कर्नाटक व पंजाब में भी कांग्रेस ने ऐसी घोषणा की थी और पंजाब में तो अर्थव्यवस्था का हाल यह हो गया कि विकास कार्यों केे लिए पैसा ही नहीं बचा। उन्होंने कहा कि देश चलाने के लिए विजन चाहिए केवल नारे नहीं चाहिए। नारों की राजनीति अब नहीं चलती। लोगों की अपेक्षाएं बहुत बढ़ गई हैं और वे बहुत कड़े सवाल पूछते हैं।

नोटबंदी और जीएसटी पर विपक्ष के आराोपों पर जेटली ने कहा कि कांग्रेस के जमाने में अधिकतर वस्तुओं पर 31 प्रतिशत तक टैक्स लगता था। आज एक साल में हम 334 वस्तुओं को 18 और 12 प्रतिशत की दर में ले आए हैं। इसके अलावा 74 प्रतिशत नए लोग जीएसटी के दायरे में आए हैं। नोटबंदी से पहले 3.80 करोड़ लोग आयकर रिटर्न भरते थे। पांच वर्ष में यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। इसलिए ऐसे बातें वो लोग करते हैं, जो नादान हैं, आंकड़े नहीं जानते हैं। इनकी आदत बन गई है कि नादानी को छिपाने के लिए तथ्य या आंकड़ों में न जा कर नारा दे दो।

जेटली ने कहा कि हम कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर इसलिए बात करते थे कि कांग्रेस के माथे पर यह कलंक था। सब जानते हैं कि कोयले की खानों के लिए कांग्रेस के आफिस से पर्ची जाती थी। आज हम पर आरोप लगाने के लिए उन्हें झूठे तथ्य गढ़ने पड़ रहे हैं।

किसानों की आय दोगुनी किए जाने के सवाल पर जेटली ने कहा कि हम योजनाओं के जरिए किसान तक वो सुविधाएं पहुंचा रहे हैं, जिससे वह मजबूत बने और उसे सरकार की ओर देखने की जरूरत नहीं पड़े।

तेलंगाना में कांग्रेस के कथित घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के बारे में उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो यह विभेदकारी घोषणापत्र है और भाजपा इसका समर्थन नहीं करती है। संविधान में भी इसकी इजाजत नहीं है।

पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के विषय में उन्होंने कहा कि यह विषय काउंसिल की चर्चा में आया है। यह विषय एजेंडा पर है। हम आम राय बनाने के प्रयास में है। किसी भी राज्य पर निर्णय को थोपना नहीं चाहते हैं।  


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