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क्या भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा पाएंगे मानवेंद्र सिंह?

मानवेंद्र सिंह पहले अपने पिता जसवंत सिंह की उपेक्षा और अब खुद की अनदेखी को स्वाभिमान का मुद्दा बता रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 12:41 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 06:40 PM (IST)
क्या भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा पाएंगे मानवेंद्र सिंह?
क्या भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा पाएंगे मानवेंद्र सिंह?

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। भाजपा के दिग्गज नेता जसवंत सिंह के विधायक पुत्र मानवेंद्र सिंह का भाजपा से अलग होना लगभग तय हो चुका है। अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों ने भी भाजपा से अलग होने का मन बना चुके मानवेंद्र सिंह से बातचीत नहीं करने का निर्णय किया है। हालांकि केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत नहीं चाहते कि मानवेंद्र सिंह पार्टी अलग हो । 22 सितंबर को बाड़मेर के पचपदरा में होने वाली "स्वाभिमान रैली" में मानवेन्द्र सिंह अपने अगले राजनीतिक कदम की घोषणा करेंगे।

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मारवाड़ (जोधपुर संभाग) के जैसलमेर, बाड़मेर और नागौर जिलों में मिल रहे समर्थन से मानवेन्द्र सिंह काफी उत्साहित नजर आ रहे है। राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों ने उन्हे समर्थन देने की पहले ही घोषणा कर दी है। रैली के लिए समर्थन मांगने लोगों के बीच जा रहे मानवेन्द्र सिंह पहले अपने पिता जसवंत सिंह की उपेक्षा और अब खुद की अनदेखी को स्वाभिमान का मुद्दा बता रहे है ।

मानवेद्र सिंह की नजर है मारवाड़ के राजपूत समाज पर

मानवेंद्र सिंह रैली के लिए समर्थन मांगने नागौर पहुंचे तो आनंदपाल एनकाउंटर केस की जांच में राजपूत नेताओं और युवाओं को परेशान करने का मुद्दा उठाकर उन्होंने जख्मों को कुरेद दिया। मानवेंद्र सिंह ने वहां चतुरसिंह फर्जी मुठभेड़ की चर्चा की। जोधपुर के सामराऊ में राजपूत समाज के घरों को जलाने और फिर पुलिस द्वारा उपद्रवियों का ही पक्ष लेने का मुद्दा भी मानवेन्द्र सिंह उठा रहे है।

मानवेंद्र सिंह की उम्मीद भाजपा के सबसे बड़े वोट बैंक माने जाने वाले राजपूत समाज पर टिकी है। वे खुद को बाड़मेर-जैसलमेर तक सीमित रखने के बजाय मारवाड़ का नेता बनने की चाह रख रहे है मारवाड़ में करीब 18 फीसदी राजपूत वोट बैंक है। भाजपा के 23 राजपूत विधायकों में से 14 अकेले मारवाड़ से है।

भाजपा को चिंता मानवेंद्र के पार्टी छोड़ने से अधिक राजपूत वोट बैंक में सेंध की है। इस वोट बैंक को जाने से रोकने के लिए भाजपा भी रणनीति बनाने में जुटी है।भाजपा नेतृत्व ने राजपूत समाज की नाराजगी दूर करने और इस वोट बैंक में सेंध रोकने की चाल चल दी है।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान में विधानसभा चुनाव की चुनाव प्रबंध समिति का संयोजक बनाने के साथ ही जोधपुर संभाग के राजपूत नेताओं को चुनाव अभियान की अगली पंक्ति में रखा जा रहा है। उधर कांग्रेस मानवेन्द्र सिंह की भाजपा से बढ़ती दूरी का राजनीतिक लाभ उठाने में जुटी है।

कांग्रेस के नेता अपने भाषणों में जसवंत सिंह और मानवेन्द्र सिंह का भाजपा में अपमान का मुद्दा उठा रहे है । कांग्रेस चाहती है कि मानवेन्द्र सिंह भाजपा के वोट बैंक में अधिक से अधिक सेंध लगाए,जिससे उसे लाभ मिल सके।  


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