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राजस्थान: सीएम को लेकर गहलोत-पायलट में खींचतान, राहुल ने किया दिल्ली तलब

राहुल गांधी पहले वेणुगोपाल और पांडे से फीडबैक लेंगे और फिर पायलट एवं गहलोत से बात करने के बाद अपना निर्णय सुनाएंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 01:29 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 08:10 PM (IST)
राजस्थान: सीएम को लेकर गहलोत-पायलट में खींचतान, राहुल ने किया दिल्ली तलब
राजस्थान: सीएम को लेकर गहलोत-पायलट में खींचतान, राहुल ने किया दिल्ली तलब

जयपुर, जेएनएन। जयपुर से लेकर दिल्ली तक बुधवार दिनभर चली कवायद के बावजूद कांग्रेस राजस्थान के नये मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं कर सकी। अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गुरूवार को दिल्ली में नये सीएम के नाम की घोषणा करेंगे।

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सीएम पद को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच विवाद इतना गहरा गया कि आलाकमान की तरफ से भेजे गए पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल और राज्य प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अविनश पांडे द्वारा दिनभर की गई समझाइश के बावजूद किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी। आखिरकार राहुल गांधी ने वेणुगोपाल, पांडे, पायलट और गहलोत को दिल्ली तलब किया है। अब गुरूवार को राहुल गांधी पहले वेणुगोपाल और पांडे से फीडबैक लेंगे और फिर पायलट एवं गहलोत से बात करने के बाद अपना निर्णय सुनाएंगे।

राजभवन से समय दो बार मांगा समय
गहलोत और पायलट में से किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनने के कारण राज्यपाल से पूर्व निर्धारित समय के स्थान पर एक घंटा देरी से समय देने का आग्रह किया गया। पहले राज्यपाल से मिलने का समय 7 बजे तय हुआ था, लेकिन फिर कांग्रेस नेताओं के आग्रह पर राजभवन ने 8 बजे का समय दिया।

राहुल को सौंपा अधिकार, फिर ली विधायकों की राय
इससे पहले सुबह 11 बजे पीसीसी मुख्यालय में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री के चयन का अधिक पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपे जाने को लेकर एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रखा और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ सीपी जोशी और पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट ने इसका अनुमोदन किया। प्रस्ताव पारित होने के बाद केन्द्रीय पर्यवेक्षक केसीवेणुगोपाल और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने एक-एक विधायक से अलग-अलग मुलाकात कर भावी मुख्यमंत्री को लेकर राय ली। इसमें गहलोत और पायलट के नाम उभर कर सामने आए।

युवा और पहली बार बने विधायकों ने पायलट के पक्ष में राय दी, वहीं गहलोत को सीएम बनाने की वकालात पुराने विधायकों ने की। वेणुगोपाल और पांडे ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर चुनाव लड़कर जीतने वाले निर्दलीय विधायकों से भी चर्चा की। विधायकों से चर्चा के बाद पांडे और वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से टेलिफोन पर बात कर दिनभर की प्रक्रिया की जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार उन्होंने विधायकों और नेताओं में व्याप्त गुटबाजी की जानकारी राहुल गांधी को दी। इस पर यह तय हुआ कि अब राहुल गांधी दिल्ली में निर्णय करेंगे।

विश्वेन्द्र सिंह ने जताई आपत्ति 
भरतपुर के पूर्व महाराज और वरिष्ठ विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार राहुल गांधी को सौंपे जाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद पर्यवेक्षक द्वारा विधायकों से अलग-अलग राय लेने पर आपत्ति जताई। अपनी राय दिए बिना बैठक से बाहर आए विश्वेन्द्र सिंह ने मीडिया से कहा कि जब मामला राहुल गांधी पर छोड़ दिया गया तो फिर बेवजह की प्रक्रिया की जा रही है।


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