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कांग्रेस ने मोदी लहर में जीती थी झाड़ोल विधानसभा सीट, इस बार आसान नहीं सफर

यदि हीरालाल दरांगी चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरते हैं तो कांग्रेस के लिए यह सीट मुश्किल हो जाएगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 08:32 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 08:32 PM (IST)
कांग्रेस ने मोदी लहर में जीती थी झाड़ोल विधानसभा सीट, इस बार आसान नहीं सफर
कांग्रेस ने मोदी लहर में जीती थी झाड़ोल विधानसभा सीट, इस बार आसान नहीं सफर

उदयपुर, जेएनएन। वर्ष 2013 में चली मोदी लहर के दौरान कांग्रेस मेवाड़ की 28 सीटों में से महज दो सीटें जीत पाईं, जिनमें उदयपुर जिले की झाड़ोल विधानसभा भी शामिल थी। किन्तु इस बार स्थिति उलट है। मोदी लहर के बावजूद यहां से जीतने वाले विधायक का टिकट काटे जाने से उसके समर्थकों ने कांग्रेस से किनारा कर लेने की घोषणा की है।

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कांग्रेस की ओर से विधानसभा के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची में झाड़ोल विधानसभा से मौजूदा विधायक हीरालाल दरांगी को टिकट देने की बजाय पूर्व विधायक कुबेरसिंह भजात के बेटे सुनील भजात को टिकट दिया। इससे विधायक हीरालाल दरांगी के समर्थक नाराज हो गए।

दरांगी के समर्थकों ने शुक्रवार को फलासिया में बैठक की और शनिवार को उसके समर्थक बिछीवाड़ा स्थित चामुण्डा माता मंदिर में जुटे। सभी ने निर्णय लिया कि कांग्रेस यदि उनके नेता दरांगी को टिकट देने के लिए पुनर्विचार नहीं करती तो वह कांग्रेस से किनारा कर लेंगे। समर्थकों ने विधायक दरांगी के निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने तथा उनको समर्थन दिए जाने की घोषणा भी की।

ऐसे हालात में यदि हीरालाल दरांगी चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरते हैं तो कांग्रेस के लिए यह सीट मुश्किल हो जाएगी। इतिहास बताता है कि कांग्रेस यहां तभी चुनाव हारी है जब उसकी पार्टी के किसी नेता ने बागी बनकर चुनौती दी है।

साल 2003 और 2008 में यहां कांग्रेस के बागियों ने ही अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को पटखनी दी और इसका फायदा भाजपा को मिला और उसके उम्मीदवार जीते। झाड़ोल में कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं। साल 2003 से पहले यहां कुबेरसिंह भजात विधायक रहे। जबकि साल 2003 में सीपी जोशी गुट ने रामलाल गाडऱी को बागी बनाकर मैदान में उतारा। जिससे कांग्रेस के वोट कटने से भजात चुनाव हार गए। इसका फायदा भाजपा के बाबूलाल खराड़ी को मिला और वह जीत गए।

सीपी जोशी की इस बगावत का बदला अशोक गहलोत गुट ने साल 2008 में लिया जब सीपी समर्थक हीरालाल दरांगी को टिकट मिला तो नाराज गहलोत गुट ने वीरमचंद लूर को बागी खड़ा कर चुनाव लड़वाया और एक बार फिर यहां से भाजपा के बाबूलाल खराड़ी विजयी रहे।

इस बार माना जा रहा है कि झाड़ोल से हीरालाल दरांगी का टिकट इसीलिए कटा कि वह सीपी जोशी समर्थक नेता हैं और गहलोत ने टिकट वितरण में अपने समर्थक कुबेरसिंह भजात के बेटे सुनील भजात को टिकट दिलाया।


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