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कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं जसवंत सिंह के विधायक बेटे

विधानसभा चुनाव निकट आते दखे राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है। राजस्थान की राजनीति में सबसे अधिक उबाल मेवाड़ में नजर आ रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 02:15 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 06:07 PM (IST)
कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं जसवंत सिंह के विधायक बेटे
कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं जसवंत सिंह के विधायक बेटे

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। विधानसभा चुनाव निकट आते दखे राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है। इन दिनों राजस्थान की राजनीति में सबसे अधिक उबाल मेवाड़ (जोधपुर संभाग) में नजर आ रहा है। भाजपा के दिग्गज नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र और भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह एवं उनकी पत्नी चित्रा सिंह के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के चलते राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।

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मानवेन्द्र सिंह ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होने को लेकर चर्चा करना शुरू कर दिया है। वे और उनकी पत्नी चित्रा सिंह पिछले एक सप्ताह से बाड़मेर एवं जैसलमेर जिलों के दौरे कर अपने समर्थकों की राय जानने में जुटे है। मानवेन्द्र सिंह ने मंगलवार को "दैनिक जागरण " से बातचीत में कहा कि,मेरे राजनीतिक भविष्य को लेकर 22 सितम्बर को पचपदरा में होने वाली स्वाभिमान रैली में निर्णय होगा।

उन्होंने कहा,मुझे भविष्य की राजनीति कैसे करनी है,यह निर्णय स्वाभिमान रैली में होगा। इस रैली में सभी स्वाभिमानी लोग शामिल होंगे,चाहे वे किसी भी समाज से हो। हालांकि मानवेन्द्र सिंह 22 सितम्बर की रैली में राजपूत समाज के लोगों को अधिक से अधिक एकत्रित करने में जुटे है।जानकारी के अनुसार पिछले एक दशक से भाजपा से अलग-थलग पड़े जसवंत सिंह समर्थक पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस नेतृत्व के सम्पर्क में है। जसवंत सिंह समर्थक कांग्रेस नेतृत्व से मानवेन्द्र सिंह के साथ ही एक से दो अन्य लोगों के लिए टिकट चाहते है।

भाजपाई बता रहे दबाव की राजनीति

भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र शिव में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा कराने से इंकार करने और जोधपुर संभाग में यात्रा के पहले चरण से दूरी बनाए रखने के कारण भाजपा एवं मारवाड़ में कई तरह की चर्चा है। भाजपा नेताओं के एक वर्ग का कहना है कि मानवेन्द्र सिंह 22 सितम्बर को स्वाभिमान रैली कर दबाव की राजनीति करने का प्रयास कर रहे है। मानवेन्द्र सिंह चाहते है कि मारवाड़ में भाजपा उनकी मर्जी के अनुसार निर्णय करे और उनकी पसंद के लोगों को टिकट दे।इनका मानना है कि मानवेन्द्र सिंह कांग्रेस के सम्पर्क में तो है,लेकिन वे अभी भी भाजपा के केन्द्रीय नेताओं के सम्पर्क में है।

क्षत्रिय युवक संघ का मानवेन्द्र को समर्थन

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने से रोके जाने,समराऊ में राजपूत समाज के घरों को जलाकर लूटपाट करने,चतुर सिंह हत्याकांड की सीबीआई जांच नहीं कराने,जयपुर राजपरिवार की सम्पति राजमहल पैलेस पर जेडीए द्वारा कब्जा करने और आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले को लेकर वसुंधरा राजे सरकार से नाराज चल रहे क्षत्रिय युवक संघ ने मानवेन्द्र सिंह का समर्थन किया है। क्षत्रिय युवक संघ मारवाड़ में आरएसएस की तर्ज पर काम करता है ।संघ का मारवाड़ के राजपूत समाज में काफी प्रभाव माना जाता है।

जसवंत सिंह परिवार की नाराजगी के कारण

जसवंत सिंह और सीएम वसुंधरा राजे के बीच पहले काफी मधुर संबंध थे,लेकिन पिछले सात-आठ साल में दोनों के बीच दूरी बढ़ी। पिछले लोकसभा चुनाव में जसवंत सिंह बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे,लेकिन सीएम ने कर्नल सोनाराम को टिकट दिलवाया। जसवंत सिंह निर्दलिय चुनाव लड़कर हार गए। इसके बाद जसवंत सिंह ने अपने पैतृक गांव जैसोल में रियाण का कार्यक्रम किया।

मारवाड़ में प्रचलन है कि रियाण के दौरान समाज के लोग एक-दूसरे से अफीम की मनुहार करते है। इस कार्यक्रम को लेकर स्थानीय पुलिस ने जसवंत सिंह के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज किया। वहीं जोधपुर के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री का मंदिर बनाने की घोषणा की तो जसवंत सिंह की पत्नी शीतल कंवर ने हिन्दू धर्म की भावना भड़काने का आरोप लगाते हुए इस्तगासे से मुकदमा दर्ज करवाया था। 


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