Move to Jagran APP

राजस्थान: मतदान में एक से 2 प्रतिशत की कमी या बढ़ोतरी ने बदली सीएम की कुर्सी

राजस्थान मे 15 वीं विधानसभा के शुक्रवार को मतदान सम्पन्न हो गया,अब 11 दिसम्बर को मतगणना होगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 04:01 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 10:48 AM (IST)
राजस्थान: मतदान में एक से 2 प्रतिशत की कमी या बढ़ोतरी ने बदली सीएम की कुर्सी
राजस्थान: मतदान में एक से 2 प्रतिशत की कमी या बढ़ोतरी ने बदली सीएम की कुर्सी

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान मे 15 वीं विधानसभा का चुनाव शुक्रवार सम्पन्न हो गया। अब 11 दिसम्बर को मतगणना होगी। वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने कई नए प्रयोग किए, लेकिन ये काम नहीं आया। वहीं, वोट प्रतिशत कम होने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के नेता अपने-अपने पक्ष में दलीलें दे रहे हैं।

loksabha election banner

33 साल में हुए सात विधानसभा चुनाव का रिकॉर्ड देखें तो एक प्रतिशत कम मतदान अथवा दो फीसदी अधिक मतदान से सत्ता परिवर्तन हो जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, उसका कारण मोदी लहर को माना गया। भाजपा को 200 में से 163 सीटें मिली और कांग्रेस आजादी के बाद सबसे कम 21 सीटों पर सिमट कर रह गई।

पिछले सात चुनाव का रिकॉर्ड

साल 1985 में 2 प्रतिशत बढ़ोतरी से सत्ता परिवर्तन हुआ। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए विधानसभा चुनाव में 54.93 प्रतिशत मतदान हुआ और कांग्रेस ने 113 सीटें हासिल कर एक बार फिर सत्ता प्राप्त की। प्रदेश में 1980 में भी कांग्रेस की सरकार थी।

  1. साल 1990 के चुनाव में 2 प्रतिशत वोटों की बढ़ोतरी से सत्ता बदल गई और भाजपा ने 85 सीटें हासिल कर निर्दलियों के सहयोग से सरकार बनाई। इस चुनाव में कांग्रेस को 55 सीटें मिली थी। हालांकि दो साल बाद ही बाबरी मस्जिद मामले में सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
  2. 1993 के चुनाव में 60.59 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि 1990 के चुनाव से 3.50 प्रतिशत अधिक था। इस चुनाव में भाजपा सत्ता में आई ।
  3. 1998 में हुए चुनाव में 3 प्रतिशत वोटों की बढ़ोतरी हुई। इस चुनाव में कांग्रेस को 153 सीटें मिली, वहीं भाजपा को 33 सीटों पर संतोष करना पड़ा। शेष सीटें निर्दलियों एवं अन्य के खाते में गई।
  4. 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर चली और मतदान प्रतिशत में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इस चुनाव में 67.18 प्रतिशत मतदान हुआ और भाजपा ने 120 सीटें हासिल की, कांग्रेस को 56 सीटों पर संतोष करना पड़ा। शेष सीटों पर अन्य जीते।
  5. 2008 के चुनाव में लगभग एक प्रतिशत कम अर्थात 66.49 फीसदी मतदान हुआ। इस चुनाव में कांग्रेस को 96 और भाजपा को 78 सीटें मिली। कांग्रेस ने निर्दलियों एवं अन्य के सहयोग से सरकार बनाई।
  6. 2013 के चुनाव में मोदी लहर के चलते प्रदेश के इतिहास में पहली बार मतदान में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इस चुनाव में भाजपा ने 163 और कांग्रेस ने मात्र 21 सीटें जीती। शेष सीटें अन्य के खाते में गई। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.