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Rajasthan Chunav 2018: पैराशूटर्स को टिकट नहीं देने का राहुल का वादा भूली कांग्रेस

Rajasthan Assembly Election 2018. राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पैराशूट प्रत्याशियों को टिकट नहीं देने का राहुल गांधी का वादा भूल गई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 03:36 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 03:36 PM (IST)
Rajasthan Chunav 2018: पैराशूटर्स को टिकट नहीं देने का राहुल का वादा भूली कांग्रेस
Rajasthan Chunav 2018: पैराशूटर्स को टिकट नहीं देने का राहुल का वादा भूली कांग्रेस

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान विधानसभा चुनाव में पैराशूट प्रत्याशियों को टिकट नहीं देने का राहुल गांधी का वादा कांग्रेस भूल गई है। राहुल गांधी ने राजस्थान की सभाओं में कई बार कांग्रेस कार्यकर्ताओं से वादा किया था कि किसी भी पैराशूटर को कांग्रेस टिकट नहीं देगी, अगर कोई पैराशूट से आएगा तो वे 200 मीटर ऊपर से उसका धागा काट देंगे। लेकिन गुरुवार आधी रात बाद जारी 152 कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची में आधा दर्जन उम्मीदवारों के नाम ऐसे हैं, जो टिकट मिलने से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए।

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सबसे चौंकाने वाले नाम भाजपा सांसद हरीश मीणा और विधायक हबीबुर्रहमान के हैं। ये दोनों नेता दो दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे। वहीं, बीकानेर पूर्व से प्रत्याशी बनाए गए कन्हैया लाल झंवर ने गुरुवार रात 11 बजे कांग्रेस में शामिल हुए और करीब साढ़े बारह बजे उन्हे कांग्रेस की टिकट मिल गई।

ये हैं कांग्रेस के पैराशूट प्रत्याशी

दौसा सांसद हरीश मीणा, नागौर विधायक हबीबुर्रहमान, पूर्व विधायक कन्हैया लाल झंवर, सोनादेवी बावरी, पूर्व आईपीएस सवाई सिंह गोदारा एवं निर्दलीय विधायक राजकुमार शर्मा को कांग्रेस में शामिल होते ही टिकट दे दिया गया। हरीश मीणा ने संसद और हबीबुर्रहमान ने विधानसभा से इस्तीफा तो दे दिया, लेकिन इनका इस्तीफा स्वीकार होने की अधिकारिक सूचना अभी तक जारी नहीं हुई। हरीश मीणा को जिस देवली-उनियारा सीट से टिकट दिया गया है, वहां से उनके बड़े भाई पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा टिकट मांग रहे थे। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बीडी कल्ला को दरकिनार कर गुरुवार देर रात पार्टी में शामिल होने वाले कन्हैया लाल झंवर को बीकानेर पूर्व से टिकट दिया गया है।

कहां गया राहुल गांधी का वादा?

राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि काम करने वालों को टिकट मिलेगा। पार्टी रिश्तेदारों को टिकट नहीं देगी, लेकिन कांग्रेस की सूची को देखने पर पता चलता है कि पार्टी ने 15 नेताओं के रिश्तेदारों को मौका दिया है, वहीं भाजपा ने नौ नेता पुत्रों को टिकट दिया है। राहुल ने प्रत्येक जिले में एक महिला को टिकट देने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, 152 में से 20 महिलाओं को ही टिकट मिल सका है। भाजपा ने 19 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि कांग्रेस ने इस बार सख्ती दिखाते हुए दो बार लगातार चुनाव हारने वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया है। इस सख्ती के चलते पूर्व पीसीसी अध्यक्ष डॉ. बीडी कल्ला,राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा और पूर्व मंत्री केसी विश्नोई सहित कई नेताओं के टिकट कटे हैं। भंवरी देवी हत्याकांड में जेल में बंद मलखान सिंह के बेटे महेन्द्र विश्नोई और महिपाल मदेरणा की बेटी दिव्या मदेरणा को टिकट दिया गया है।

कांग्रेस ने नौ मुस्लिम उम्मीदवारों को दिया टिकट

कांग्रेस ने नौ मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। भाजपा ने अब तक किसी भी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। भाजपा ने 101 प्रत्याशियों को दोबारा मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने 73 लोगों का टिकट दोहराया है। कांग्रेस ने दो मौजूदा विधायकों घनश्याम मेहर एवं हरीलाल के भी टिकट काटे हैं। कांग्रेस में चर्चा है कि लिस्ट फाइनल करने में सचिन पायलट की चली है और करीब 79 लोगों का टिकट बदलवाने में वह सफल रहे हैं, लेकिन फिर भी गहलोत सरकार में शामिल रहे 23 मंत्रियों और छह संसदीय सचिवों को एक बार फिर से टिकट मिल गया है।  

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