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गहलोत मंत्रिमंडल: प्रोफाइल उन नेताओं का जिन्हें मिल सकता है मंत्रीपद

मंत्रि परिषद में 14 जिलों को कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है, जबकि जयपुर और भरतपुर से 3-3 विधायक मंत्री बनाए गए हैं।

By Arvind DubeyEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 10:57 AM (IST)Updated: Mon, 24 Dec 2018 10:57 AM (IST)
गहलोत मंत्रिमंडल: प्रोफाइल उन नेताओं का जिन्हें मिल सकता है मंत्रीपद
गहलोत मंत्रिमंडल: प्रोफाइल उन नेताओं का जिन्हें मिल सकता है मंत्रीपद

जयपुर। राजस्थान में बनी नई कांग्रेस सरकार सोमवार को पूरी तरह अस्तित्व में आ जाएगी। कांग्रेस के 22 और गठबंधन में चुनाव लड़ी आरएलडी के एक विधायक मंत्री पद शपथ लेंगे। इन 23 में से 13 केबिनेट और 10 राज्य मंत्री है। 17 विधायक पहली बार मंत्री बन रहे हैं। इनमें भी महिला सिर्फ एक ही है। इस बार गहलोत के मंत्रियों में युवा चेहरे ज्यादा दिख रहे हैं। कई बड़े नेताओं को इस बार मंत्री बनने का मौका नहीं मिल पाया है। सभी मंत्रियों को राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह शपथ दिलाएंगे।

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मंत्रि परिषद में 14 जिलों को कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है, जबकि जयपुर और भरतपुर से 3-3 विधायक मंत्री बनाए गए हैं।

कैबिनेट मंत्रियों का यह है प्रोफाइल

बीडी कल्ला : कल्ला कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष, दो बार शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। वे बीकानेर शहर से 1980 से 2003 तक लगातार छह बार विधायक बने, लेकिन 2008 में हुए परिसीमन के बाद कल्ला लगातार दो बार चुनाव हार गए। राजस्थान के एक मात्र ऐसे नेता थे जो लगातार दो बार चुनाव हारने के बाद भी टिकट लाने में कामयाब रहे और जीत भी दर्ज की।

रघु शर्मा : रघु शर्मा को इस बार के चुनावों में कांग्रेस के कैम्पेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। अजमेर से इस वर्ष लोकसभा का उपचुनाव जीता था। पहले वे विधानसभा में उपमुख्य सचेतक रह चुके हैं।

शांति धारीवाल : शांती धारीवाल चार बार विधायक बने हैं। गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में उनके पास गृह और स्वायत्तशासन के साथ ही संसदीय कार्यमंत्री का भी दर्जा था। सरकार के सबसे दमदार मंत्रियों में से एक रहे हैं।

लाल चंद कटारिया : लाल चंद कटारिया दूसरी बार विधायक बने हैं। 2008 में वो जयपुर ग्रामीण से सांसद बने इसके बाद केन्द्र सरकार में उन्हे मंत्री पद दिया गया।

प्रमोद जैन भाया : प्रमोद जैन दुसरी बार विधायक बने हैं। पिछला विधानसभा और सांसद का चुनाव हार गए थे। गहलोत के पिछले कार्यकाल में मंत्र थे, हालांकि बीच मे ही इन्हें हटा दिया गया था।

परसादी लाल मीणा : परसादी लाल छठी बार राजस्थान विधानसभा में विधायक बने हैं। गहलोत की पिछली सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

विश्वेन्द्र सिंह : भरतपुर के पूर्व महाराजा विश्वेन्द्र सिंह तीन बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन मंत्री पहली बार बन रहे हैं।

हरीश चौधरी : हरीश चौधरी हालांकी विधायक पहली बार बने हैं, लेकिन सांसद रह चुके हैं।

रमेश मीणा : लगातार तीसरी बार विधायक बनें हैं। कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में ये बसपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और इन्हें संसदीय सचिव बनाया गया था।

मास्टर भंवरलाल मेघवाल : मास्टर भंवर लाल पांचवी बार विधायक बने हैं। गहलोत की पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।

प्रताप सिंह खाचरियावास : खाचरियावास दूसरी बार विधायक बने है। कांग्रेस के जयपुर जिला अध्यक्ष और पार्टी के प्रवक्ता हैं। मंत्री पहली बार बने हैं।

उदयलाल आंजना : आंजना ने 1998 में भाजपा के जसवंत सिंह को हराकर हर किसी को चैंका दिया था। आंजना दूसरी बार विधायक बने हैं। एक बार सांसद रह चुके है।

सालेह मोहम्मद : सालेह महोम्मद दूसरी बार विधायक बने हैं। ये जैसलमेर के गाजी फकीर के परिवार से हैं और जैसलमेर के बडे धर्मगुरू प्रतापपुरी को हरा कर आए हैं। मंत्री पहली बार बन रहे हैं।

राज्य मंत्रियों का यह है प्रोफाइल

गोविंद डोटासरा : दूसरी बार विधायक बने हैं। मोदी लहर में जीतकर आने के बाद विधानसभा में कांग्रेस के सचेतक के रूप में बहुत सक्रियता से काम किया।

ममता भूपेश : दूसरी बार विधायक बनी हैं। सरकार मे एक मात्र महिला मंत्री हैं। पिछली बार संसदीय सचिव थीं।

अर्जुन बामनिया : अर्जुन बामनिया तीसारी बार विधायक बने हैं। बांसवाडा से महेन्द्रजीत सिंह मालवीय की जगह इन्हे मंत्री बनाया गया है।

भंवर सिंह भाटी : दूसरी बार विधायक बने हैं। इन्होंने भाजपा के कददावर नेता देवी सिंह भाटी को मोदी लहर में और इस बार उनकी बहु को हराया है।

सुखराम विश्नोई : दूसरी बार विधायक बने हैं.। मोदी लहर में जीतकर आने के बाद पांच साल तक विपक्ष में रहते हुए विधानसभा में सवाल उठाए।

अशोक चांदना : दूसरी बार चुनाव जीते हैं। युवक कांग्रेस के अध्यक्ष और तेजतर्रार युवा नेता हैं।

टीकाराम जूली : दूसरी बार विधायक बने हैं। अलवर के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं।

भजनलाल जाटव : वैर विधानसभा से बीता उपचुनाव जीते थे। अब दूसरी बार विधायक बने हैं।

राजेन्द्र यादव : दूसरी बार विधायक बने हैं। कांग्रेस के जयपुर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष रहे हैं।

सुभाष गर्ग : पहली बार चुनाव जीतकर आने वाले एकमात्र नेता हैं। हालांकी ये कांग्रेस और आरएलडी के गठबंधन में दी गई सीट पर जीतकर आए हैं। गहलोत सरकार के समय सुभाष गर्ग माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं।

यह है जातिगत संतुलन

ग्हलोत मंत्रिमण्ल में जाट और एससी समुदाय से चार-चार एसटी और वैश्य समुदाय से तीन-तीन, ब्राहम्ण, ओबीसी और राजपूत समुदाय से दो-दो तथा गुर्जर, मुस्लिम और विश्नोई समुदाय से एक-एक मंत्र है।


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