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Loksabha Election: पंजाब के मंत्रियों की जान सांसत में, चुनाव मैदान में उतारने के संकेत

Loksabha Election 2019 में कांग्रेस पंजाब में कुछ मंत्रियों को भी प्रत्‍याशी बनाने की तैयारी में है। इस कारण इन मंत्रियों की जान सांसत में है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 09:23 AM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 11:50 AM (IST)
Loksabha Election: पंजाब के मंत्रियों की जान सांसत में, चुनाव मैदान में उतारने के संकेत
Loksabha Election: पंजाब के मंत्रियों की जान सांसत में, चुनाव मैदान में उतारने के संकेत

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। चुनाव के दिन जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैैं राजनीतिक उतार-चढ़ाव का ग्राफ तेजी से बदल रहा है। पंजाब की तीन हाईप्रोफाइल सीटों पर कांग्रेस को दमदार उम्मीदवार नहीं मिल रहा है। ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि इन पर कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के तीन तेजतर्रार मंत्रियों को उतारा जा सकता है। इसकी वजह से इन कैबिनेट मंत्रियों की जान सांसत में फंस गई है।  माना जा रहा है कि दमदार प्रत्‍याशी नहीं मिलने और विपक्ष द्वारा तगड़े उम्‍मीदवार उतारने की स्थिति में उन्हें चुनाव मैदान में उतरा जा सकता है।

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कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू, मनप्रीत बादल व सिंगला पर दांव खेल सकती है कांग्रेस

इन मंत्रियों में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल और पीडब्ल्यूडी मंत्री विजय इंदर सिंगला शामिल हैं। ये मंत्री चुनाव मैदान में होंगे या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा कैसा प्रत्याशी मैदान में उतारती है। तीनों मंत्री चुनाव लडऩे को लेकर कतरा रहे हैं। हालांकि किसी ने भी इन्कार नहीं किया है, लेकिन अपनी तरफ से चुनाव लडऩे को लेकर पहल भी नहीं करना चाहते हैं।

अकाली दल व भाजपा उम्मीदवारों के मद्देनजर तय होगी अगली रणनीति

कांग्रेस ने पहले यह नीति बनाई थी कि किसी भी विधायक या मंत्री को चुनाव मैदान में नहीं उतारा जाएगा। इसके बाद जीतने की क्षमता का फार्मूला सामने आया और कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव की एक परिवार एक टिकट की नीति को खारिज कर दिया। पार्टी अब केवल जीत को तवज्जो दे रही है। वह सिटिंग विधायक या कैबिनेट मंत्री पर भी दांव खेल सकती है।

बठिंडा से अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल सांसद हैं। वह केंद्रीय मंत्री भी हैं। इस सीट पर कांग्रेस के पास मजबूत उम्मीदवार नहीं है। हालांकि अकाली दल ने अभी तक सभी को भ्रम की स्थिति में रखा हुआ है कि हरसिमरत बठिंडा से लड़ेंगी या फिरोजपुर से।

-ृमंत्रियों ने इन्कार नहीं किया, लेकिन उनकी तरफ से कोई पहल भी नहीं

जानकारी के अनुसार हरसिमरत अगर बठिंडा से चुनाव लड़ती हैं तो कांग्रेस उनके सामने मनप्रीत बादल को चुनाव मैदान में उतार सकती है। 2014 में जब मनप्रीत अपनी पंजाब पीपल्स पार्टी (पीपीपी) में रहते हुए कांग्रेस के सिंबल पर लड़े थे तो 19,395 वोटों से हरसिमरत कौर से हार गए थे। उन्हें 4,95,332 वोट मिले थे। कांग्रेस एक बार फिर उन पर दांव खेल सकती है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह भी चाहते हैैं कि सिद्धू अमृतसर से लड़ें चुनाव

वीआइपी सीट मानी जाने वाली अमृतसर  की स्थिति भी यही बनी हुई है। भाजपा इस बात के लगातार संकेत दे रही है कि इस सीट पर वह किसी सेलीब्रिटी को मैदान में उतार सकती है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस का चेहरा नवजोत सिंह सिद्धू हो सकते हैं। पार्टी के उच्च स्तरीय सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी इस बात के हक में हैं कि सिद्धू को अमृतसर सीट से मैदान में उतारा जाए। सिद्धू यहां से तीन बार सांसद रह चुके हैं।

सशक्त हिंदू उम्मीदवार का संकट

संगरूर सीट भी कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनी हुई है। हिंदू बाहुल्य वाली इस सीट पर कांग्रेस के पास कोई सशक्त हिंदू उम्मीदवार नहीं है। 2009 में यहां से सांसद रहे विजय इंदर सिंगला 2014 का लोकसभा चुनाव हार गए थे। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मौजूदा समय में वह पंजाब सरकार में मंत्री हैं।

कांग्रेस की तरफ से भले ही पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल और पूर्व विधायक केवल सिंह ढिल्लों ने दावा ठोंका हो, लेकिन वह इस सीट पर किसी सिख उम्मीदवार को नहीं उतारना चाहती है। कांग्रेस पर पहले ही पंजाब में हिंदुओं को उचित प्रतिनिधित्व न देने का आरोप लगता रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री अपने करीबी केवल सिंह ढिल्लों के हक में दिखाई दे रहे हैं।

संगरूर में 30 फीसद हिंदू मतदाता

कांग्रेस इस सीट पर हिंदुओं की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है। यहां पर 30 फीसद हिंदू मतदाता हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट से आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान भगवंत मान ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। ऐसे में कांग्रेस की नजर पुन: विजय इंदर सिंगला पर टिकी हुई है।


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