Move to Jagran APP

Lok Sabha Elections 2019: पंजाब में चुनाव में फिर गूंजेगा ड्रग्स का मुद्दा

लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में एक बार फिर नशे का मुद्दा गूंजेगा। विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने को तैयार हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 05:08 PM (IST)
Lok Sabha Elections 2019: पंजाब में चुनाव में फिर गूंजेगा ड्रग्स का मुद्दा
Lok Sabha Elections 2019: पंजाब में चुनाव में फिर गूंजेगा ड्रग्स का मुद्दा

चंडीगढ़/बठिंडा [कैलाश नाथ/गुरप्रेम लहरी]। पंजाब सरकार चाहे दावा कर रही हो कि प्रदेश में ड्रग्स की सप्लाई लाइन को तोड़ दिया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि ड्रग्स का भूत सभी राजनीतिक पार्टियों को डरा रहा है। बड़े स्तर पर ड्रग्स की रिकवरी ने जहां सरकार की चिंता बढ़ा दी है। वहीं, विपक्ष में होने के बावजूद अकाली दल ड्रग्स को अब तक मुद्दा नहीं बना सका है, लेकिन चुनावी सीजन में वह इस मुद्दे को उठाएगा ही।

prime article banner

आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल द्वारा पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने के बाद से ही ड्रग्स के मुद्दे पर बैकफुट पर चल रही थी, लेकिन अब पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ का कहना है कि ड्रग्स अब कोई मुद्दा नहीं है। इसकी सप्लाई चेन तो टूट गई है।

दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक का दावा है कि सरकार ने ड्रग्स के नाम पर केवल प्रोपेगेंडा किया है। अगर सही में ड्रग्स की सप्लाई चेन टूटी होती, तो इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स की रिकवरी नहीं होती। आप के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान व पंजाब एकता पार्टी के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैहरा कहते हैैं कि ड्रग्स का मुद्दा खत्म नहीं हुआ है। आंकड़े ही बता रहे हैैं कि इसका कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। पेश है रिपोर्ट...

दिसंबर 2016। पंजाब विधानसभा के चुनाव। पंजाब की गलियों में ड्रग्स का मुद्दा हावी था। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता हर मंच से ड्रग्स का मुद्दा उठा रहे थे। अकाली दल-भाजपा गठबंधन के लिए अपना बचाव करना मुश्किल हो गया था। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के दो वर्ष बाद भी यह मुद्दा खत्म नहीं हुआ है। हां, फिलहाल ठंडा जरूर पड़ गया है। पंजाब में मतदान अभी एक माह बाद होना है, इसलिए चुनाव प्रचार गरमाने के साथ ही यह मुद्दा भी जोर पकड़ेगा।

गुटखा साहिब हाथ में लेकर 2016 में चार हफ्ते में ड्रग्स की कमरतोड़ देने का वादा करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ड्रग्स को रोकने के लिए एसआइटी का गठन किया। सरकार ने ड्रग्स के कारोबार को खत्म करने के लिए ताबड़तोड़ कदम उठाए। अपनी दो साल की उपलब्धि बताते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कुछ दिन पहले दावा किया कि ड्रग्स की कमर तोड़ दी गई है। दो वर्षों में पुलिस ने 562 किलो हेरोइन पकड़ी।

मुख्यमंत्री ने भले ही हेरोइन का आंकड़ा पेश किया हो, लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद से पकड़े सभी प्रकार के ड्रग्स का आंकड़ा देखें तो यह बेहद चौंका देने वाला है। प्रदेश में बीती दस मार्च को आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से पंजाब में अब तक 2551 किलो ड्रग्स पकड़ी जा चुकी है। यह मात्रा अपने आप में हैरानीजनक है, जबकि सरकार दावा कर रही है कि एनडीपीएस एक्ट के 21,049 मामलों में 25,092 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

एक साल में हुई बरामदगी

सरकार के दावे की हवा इस बात से भी निकलती है कि पंजाब पुलिस ने पंजाब में से पिछले एक साल में 19,64,250 नशीली गोलियां बरामद की हैं। नशे के कैप्सूल्स की संख्या 71,128 है। इसी प्रकार 8504 नशे के टीके बरामद किए गए हैं। साढ़े 53 क्विंटल पोस्त भी बरामद किया गया है। पिछले एक साल में नशे की बरामदगी को पंजाब पुलिस 154.76 करोड़ रुपये का मानती है। इससे इस बात की भी पुष्टि होती है कि पंजाब में हर साल अरबों का व्यापार हो रहा है।

कोई भी जिला ऐसा नहीं जहां बिक्री न हो

पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश भर में ऐसा कोई भी जिला नहीं है,, जिसमें नशे की बिक्री न हो रही हो। पिछले एक साल में प्रदेश भर में से 5350.67 किलोग्राम पोस्त बरामद किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा बरामदगी होशियारपुर जिले से है। होशियारपुर जिले से 831.5 किलोग्राम पोस्त बरामद किया गया है, जबकि बठिंडा से एक क्विंटल 33 किलोग्राम पोस्त की बरामदगी हुई है। बरनाला ऐसा जिला है, जहां से सबसे कम मात्रा में पोस्त मिला।

नशे की गोलियों की सबसे ज्यादा बरामदगी मानसा से

नशे की गोलियों की बरामदगी में मानसा जिला पहले स्थान पर है। मानसा एकमात्र ऐसा जिला है, जहां से 13,23,765 नशे की गोलियां बरामद की गई हैं। बठिंडा पुलिस ने एक साल में 2,43,514 नशे की गोलियां बरामद की हैं। पूरे प्रदेश से 19,64,250 नशे की गोलियां बरामद की गई हैं, लेकिन अकेले मानसा जिले से ही 63 फीसद गोलियां बरामद हुई हैं।

सबसे ज्यादा हेरोइन फिरोजपुर से पकड़ी

पंजाब पुलिस ने सबसे ज्यादा हेरोइन साढ़े 14 किलोग्राम फिरोजपुर जिले से बरामद की है। जालंधर हेरोइन की बरामदगी में दूसरे स्थान पर रहा है। जालंधर पुलिस ने 11 किलो 10 ग्राम हेरोइन बरामद की है। तरनतारन पुलिस ने 10 किलो 35 ग्राम हेरोइन इस साल में बरामद की है।

सियासी बोल...

पंजाब में नशा अब कोई मुद्दा नहीं

पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ का कहना है कि अब पंजाब में नशा कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। कैप्टन सरकार ने नशे पर रोक लगा दी है। पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के समय मंत्रियों व विधायकों का नाम नशा तस्करी में आता रहा है। उस समय से नशे की दलदल में गई नौजवान पीढ़ी अब भी संताप झेल रही है। कांग्रेस सरकार के समय नशे की सप्लाई न मिलने से नौजवान मौत के मुंह में जा रहे हैं। अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में नशा कैंसर का रूप धारण कर चुका था। कैप्टन सरकार नशे के खात्मे में सफल रही है।

कहां टूटी कमर, कैप्टन को इस्तीफा दे देना चाहिए

आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान का कहना है कि पूरे देश में से पंजाब में सबसे ज्यादा नशा बिकता है। चुनाव आचार संहिता लगने के बाद पूरे देश में से बरामद किए गए नशे में से 90 फीसद अकेले पंजाब से है। तब तो कैप्टन ने गुटका साहिब हाथ में पकड़ कर बोला था कि हम तो नशा तस्करों की कमर तोड़ देंगे। कहां टूटी कमर? गुटका साहिब की झूठी शपथ के लिए कैप्टन को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

कांग्रेसी विधायक ही मान रहे नशा बिक रहा

पंजाब एकता पार्टी के प्रधान सुखपाल खैहरा का कहना है कि पंजाब सरकार का डाटा बता रहा है कि पंजाब में नशे का कारोबार जोरों पर है। डेढ़ अरब के नशे की तो पुलिस ने रिकवरी ही दिखा दी। जो नशीले पदार्थ बिके हैं, उनका किसी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। पुलिस ने एनडीपीएस के जो मामले दर्ज किए हैं, वो तो नशे के आदी बीमार लोगों पर किए हैं। सप्लाई लाइन तो तोड़ी ही नहीं गई। कांग्रेस सरकार के विधायक ही खुद मान रहे हैं कि पंजाब में नशा बिक रहा है।

नशे पर सरकार को लग चुकी है हाईकोर्ट से फटकार

पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्वेत मलिक का कहना है कि राज्य में नशा बहुत बड़ा मामला है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी कि वह इस पर कंट्रोल नहीं कर सकी। इतना ही नहीं आए दिन वायरल हो रहे वीडियो व खुद कांग्रेस नेता पंजाब में बिक रहे नशे की पोल खोलते रहे हैं। पंजाब सरकार के 24 माह के कार्यकाल में नशा तो खत्म नहीं हुआ, पर नशा माफिया से नेताओं के निजी हितों की पूर्ति हो रही है। यही वजह है कि सरकार आंखें मूंदे बैठी है और नशे के सौदागर स्कूलों व कॉलेजों तक पहुंच गए हैं।

आरोप लगाने वालों का चेहरा बेनकाब हुआ

शिअद नेत्री व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का कहना है कि अकाली दल पर नशे के आरोप लगाने वालों का असली चेहरा बेनकाब हो गया है। अब तो अकाली सत्ता में नहीं हैं, अब नशा कहां से आ रहा है। चार सप्ताह में नशा खत्म करने के नाम पर गुटका साहिब की झूठी शपथ लेने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों को गुमराह करके वोट बटोरनी थी, बटोर ली। इस बार लोग उनकी झूठी बातों में आने वाले नहीं हैं।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.