Loksabha election 2019: पंजाब की इस सीट पर कांग्रेस की साख दांव पर
पंजाब की श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला कांटे का है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी यहां से चुनाव मैदान में हैं।
आनंदपुर साहिब [अजय अग्निहोत्री]। श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला कांटे का है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी यहां से चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर तिवारी ही नहीं बल्कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। यह सीट कांग्रेस के लिए साख का मामला बन गई है। टिकट देने से पहले चर्चाएं ये थी कि हाईकमान आनंदपुर साहिब सीट पर तिवारी को उतारने के लिए राजी नहीं था। किसी तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह मनीष तिवारी को आनंदपुर साहिब से टिकट दिलाने में कामयाब रहे।
हलके में गुटबाजी को खत्म करने और तिवारी की जीत को यकीनी बनाने के लिए कैप्टन को सभी नौ विधानसभा हलकों के नेताओं के साथ चंडीगढ़ में बैठक भी करनी पड़ी थी। इस सीट पर सिख करीब पचास फीसद हैं, जबकि तिवारी हिंदू हैं। दूसरी तरफ अन्य पार्टियों अकाली दल बादल, अकाली दल टकसाली और आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर जट्ट सिख उम्मीदवार उतारे हैं।
अकाली दल बादल के प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा पिछला चुनाव जीतने के बाद अब फिर से चुनाव मैदान में हैं अकाली दल टकसाली की तरफ से पंजाब विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविंदर सिंह चुनाव मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में मोहाली से दूसरे नंबर पर रहे नरिंदर सिंह शेरगिल को चुनाव मैदान में उतारा है, पर मुख्य मुकाबला अकाली दल और कांग्रेस के बीच है।
मनीष तिवारी चुनाव प्रचार में देर से कूदे, लेकिन अब उनकी चुनाव मुहिम रफ्तार पकड़ चुकी है। चंदूमाजरा लंबे समय से प्रचार कर रहे हैं। उनका पूरा कुनबा भी प्रचार में जुटा हुआ है। दूसरी तरफ तिवारी की बेटी इनिका तिवारी भी अपने पिता के लिए वोट मांग रही हैं। तिवारी के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री होना सराकात्मक पहलू साबित हो रहा है। चंदूमाजरा अपने कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की लंबी फेहरिस्त लेकर जनता की अदालत में
वोट मांग रहे हैं।
चंदूमाजरा अपने प्रचार में मोदी का नाम लगभग हर जगह लेते हैं, लेकिन बादल का शायद ही कभी लेते हों। तिवारी अपने भाषण में राहुल का नाम नहीं लेते हैं, न्याय योजना की चर्चा जरूर करते हैं। यह भी कहते हैं कि देश में अघोषित इमरजेंसी जैसे हालात हैं, इसे खत्म करना है। दोनों प्रत्याशी एक-दूसरे पर तीखे कटाक्ष करके जनता में अपनी छाप छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मुद्दों पर संजीदगी की कमी है।
दोनों प्रत्याशी एक-दूसरे को बाहरी बताते हैं और यह मुद्दा ज्यादा गूंज रहा है। दरअसल तिवारी 2004 और 2009 में लुधियाना सीट से लड़े थे। पहली बार यहां से लड़ रहे हैं। चंदूमाजरा का घर पटियाला में है, लेकिन ज्यादातर मोहाली में रहते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में सिर्फ पंजाब में देशभर में चार सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी के पक्ष में कुछ खास नहीं दिख रहा है।
आप पिछले लोकसभा चुनाव में तीन लाख वोट लेने में कामयाब रही थी। इस वजह से आप के उम्मीदवार नरिंदर सिंह शेरगिल के हौसले बुलंद हैं, लेकिन यह उनको भी पता है कि हलके में पहले जैसी हवा अब आप की नहीं है। उधर, आप के रूपनगर के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इसका फायदा किसे होता है यह तो भविष्य के गर्भ में ही छिपा हुआ है।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप