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MCD चुनाव नतीजों से तय होगा दिल्ली के कई दिग्गज नेताओं का कद

चुनाव परिणाम से ही मनोज तिवारी व अजय माकन का सियासी कद भी तय होगा। यदि उनकी पार्टी जीतती है तो निश्चित रूप से वे कद्दावर नेता के रूप में उभरेंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 12:58 PM (IST)
MCD चुनाव नतीजों से तय होगा दिल्ली के कई दिग्गज नेताओं का कद
MCD चुनाव नतीजों से तय होगा दिल्ली के कई दिग्गज नेताओं का कद

नई दिल्ली (संतोष कुमार सिंह)। दिल्ली नगर निगम चुनाव परिणाम का इंतजार प्रत्याशियों के साथ ही दिल्ली के दिग्गजों की भी है, क्योंकि इसी के आधार पर उनकी सियासी राह तय होनी है। चुनाव परिणाम से ही मनोज तिवारी व अजय माकन का सियासी कद भी तय होगा। यदि उनकी पार्टी जीतती है तो निश्चित रूप से वे कद्दावर नेता के रूप में उभरेंगे। पराजय की स्थिति में उनकी राह मुश्किल हो जाएगी।

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनकी पार्टी के लिए भी बुधवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। चुनाव परिणाम इनकी दिल्ली की ही नहीं देश की राजनीति को भी प्रभावित करेंगे। दिल्ली भाजपा की सियासत की दिशा निगम चुनाव परिणाम से तय होगी। 

यदि भाजपा इसमें विजयी होती है तो प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कद भी बढ़ेगा। वह अगले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में उभर सकते हैं। पराजय की स्थिति में दिल्ली की कमान को लेकर नेताओं के बीच लड़ाई तेज हो जाएगी, क्योंकि विजय गोयल सहित कई नेता इस कुर्सी पर नजरें गड़ाए हैं।

इस कुर्सी से ही मुख्यमंत्री बनने की राह तय होगी। खराब प्रदर्शन से तिवारी उनके निशाने पर आ जाएंगे। भाजपा ने पूर्वाचली वोटरों को अपने साथ जोड़ने के लिए तिवारी को दिल्ली में अपना चेहरा बनाया है। चुनाव प्रचार की कमान उन्हीं के हाथ में थी।

उन्होंने भी पिछले पांच महीने से दिल्ली की सड़कों पर पसीना बहाया और झुग्गी बस्तियों में प्रवास कर गरीबों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की। वहीं कांग्रेस में माकन की बादशाहत भी दांव पर लगी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित व उनके समर्थकों के साथ ही दिल्ली कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओं में उनकी कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी है।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, पूर्व विधायक अमरीश गौतम, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह और प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक उन्हें छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस स्थिति में यदि कांग्रेस की हार होती है तो माकन के खिलाफ मोर्चा खुलना तय है। अगर कांग्रेस का प्रदर्शन सुधरता है तो फिर माकन और प्रभावशाली होंगे।

इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेताओं खासकर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की साख भी दांव पर है। पंजाब व गोवा में हार के बाद आप को दिल्ली नगर निगम चुनाव से काफी उम्मीदें हैं। दिल्ली विधानसभा में 67 विधायक जीतने वाले केजरीवाल अगर नगर निगम में हारते हैं तो सरकार पर भाजपा व कांग्रेस के हमले तेज हो जाएंगे।

वे इस चुनाव को केजरीवाल सरकार के कामकाज का रेफरेंडम बताते रहे हैं। अगर आप जीतती है तो केजरीवाल इसे अपनी लोकप्रियता से जोड़ेंगे। यही नहीं, इससे पार्टी को अपने निराश समर्थकों व कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में मदद मिलेगी।


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