EVM विवादः केजरीवाल सरकार व दिल्ली EC हो सकते हैं आमने-सामने
ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर केजरीवाल और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन दोनों ही आवाज उठाते रहे हैं।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। ईवीएम विवाद (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर दिल्ली सरकार और राज्य चुनाव आयोग जल्द आमने-सामने हो सकते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित तमाम राजनेताओं की आपत्तियों को खत्म करने के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया जा सकता है। ईवीएम पर विवाद बढ़ता देख राज्य चुनाव आयोग ने अपने स्तर पर तैयारी भी कर ली है।
ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर केजरीवाल और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन दोनों ही आवाज उठाते रहे हैं। मध्य प्रदेश के भिंड जिले का मामला सामने आने के बाद तो केजरीवाल नगर निगम का चुनाव बैलेट पेपर से कराने के लिए और मुखर हो गए हैं।
उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि अगर उन्हें ईवीएम दे दी जाए तो वह दिखा सकते हैं कि छेड़छाड़ किस तरह हो सकती है। ऐसे में अप्रत्यक्ष रूप से राज्य चुनाव आयोग पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि दो दिन पहले ही आयोग के कुछ शीर्ष अधिकारियों ने निजी स्तर पर कई ईवीएम की जांच की और उनमें सबकुछ ठीक मिला।
सूत्रों की मानें तो आयोग के अधिकारियों ने आपत्तियां दूर करने के लिए एक खुला सत्र रखने का मन बना लिया है। बताया जाता है कि इस सत्र में सरकार सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। ईवीएम बनाने वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) के विशेषज्ञ इंजीनियर भी मौजूद रहेंगे।
इस दौरान राजनेता खुद ईवीएम की जांच करने के साथ इंजीनियरों से सवाल भी पूछ सकेंगे। हालांकि इस सत्र के आयोजन को लेकर अभी आधिकारिक तौर पर कुछ तय नहीं किया गया है।
वहीं, राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त संजय कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि ईवीएम में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। बावजूद इसके आपत्तियां दूर करने और आपत्ति करने वालों की तसल्ली के लिए खुला सत्र आयोजित किया जा सकता है। यह तभी संभव है जब चुनाव आयोग इसके लिए स्वीकृति या निर्देश जारी करे।