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Maharashtra Election Result 2019: इन 5 वजहों से कांग्रेस को रेस में पीछे छोड़ आगे बढ़ गई एनसीपी

Maharashtra Assembly Election Result 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने कांग्रेस को चुनावी रेस में पीछे छोड़ दिया है।

By Mohit PareekEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 04:51 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 04:51 PM (IST)
Maharashtra Election Result 2019: इन 5 वजहों से कांग्रेस को रेस में पीछे छोड़ आगे बढ़ गई एनसीपी
Maharashtra Election Result 2019: इन 5 वजहों से कांग्रेस को रेस में पीछे छोड़ आगे बढ़ गई एनसीपी

नई दिल्ली, जेएनएन। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भले कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को जीत नसीब नहीं हुई है, लेकिन एनसीपी के लिए यह चुनाव उम्मीद की किरण लेकर आया है। साथ ही पार्टी ने गठबंधन में हमेशा बड़े भाई माने जाने वाली कांग्रेस का कद थोड़ा नीचे कर दिया है। पिछले चुनाव में 41 सीट जीतने वाले एनसीपी इस बार 57 सीटों पर आगे हैं यानी पार्टी के रिपोर्ट कार्ड में 16 सीटों का इजाफा हुआ है, जबकि कांग्रेस 42 से 44 (रुझान) पर पहुंची है। ऐसे में एनसीपी कांग्रेस पर भारी पड़ती नजर आ रही है और जानते हैं आखिर वो कौनसे कारण रहे, जिसकी वजह से आज बैकफ्रंट पर खेलने वाली एनसीपी आज फ्रंट पर लड़ रही है...

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शरद पवार का कुशल नेतृत्व- एनसीपी की इस सफलता में शरद पवार खुद ही एक अहम वजह है। दरअसल, एनसीपी को शरद पवार की नीतियों, वेल डिफाइन पर्सनेलिटी, अनुभव का खास फायदा मिला। जिस तरह से शरद पवार ने रणनीति तैयार की है, उसने पार्टी के प्रदर्शन को अच्छा करने में अहम योगदान निभाया है। खास बात ये है कि इस उम्र में भी शरद पवार चुनाव में एक्टिव रहे और इसका सबसे अच्छा उदाहरण है जब उन्होंने तेज बारिश के बीच भी भाषण दिया था।

कांग्रेस में नेतृत्व का अभाव- कांग्रेस से आगे निकलने में एनसीपी को कांग्रेस के सेल्फ गोल ने भी मदद की यानी कांग्रेस के नेतृत्व अभाव का एनसीपी को फायदा मिला। वहीं कांग्रेस संगठन के तौर पर राज्य में काफी कमजोर है, जिससे इसे नुकसान हुआ। साथ ही जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण जैसे नेता कार्यकर्ताओं और वोटर्स में विश्वास पैदा करने में नाकाम रहे।

सेंट्रल लीडरशिप का क्लियर स्टेंड नहीं- वहीं एनसीपी को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का भी फायदा मिला। दरअसल, दिल्ली में बैठी कांग्रेस लीडरशिप ने कई मुद्दों पर अपना स्टैंड पहले से क्लियर नहीं रखा और एनसीपी ने उलट मुद्दों की राजनीति से अपने पांव पसार लिए।

कांग्रेस के बागी नेताओं का असर- वैसे तो कांग्रेस और एनसीपी दोनों के नेताओं को बीजेपी ने अपनी ओर खेंचा, लेकिन इसका ज्यादा फर्क कांग्रेस पर पड़ा। वहीं एनसीपी ने शरद पवार के नेतृत्व में अपने कुछ तुरप के इक्कों को इस्तेमाल कर चुनाव में अपनी पकड़ बनाई रखी।

मुद्दों को दी आवाज- एनसीपी ने प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे महाराष्ट्र में पीड़ितों की आवाज उठाई। साथ ही देश के मराठा मूवमेंट, किसान आंदोलन को भी एनसीपी ने बल दिया और उस वक्त कांग्रेस घर में बैठी रही, लेकिन एनसीपी ने उस दौरान संघर्ष कर पीड़ितों के दिल में जगह बनाई।  


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