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Maharashtra Elections 2019: कांग्रेस-एनसीपी ने जारी किया संयुक्त घोषणापत्र

Maharashtra Elections 2019. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस और एनसीपी ने संयुक्त घोषणापत्र जारी किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 04:06 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 04:12 PM (IST)
Maharashtra Elections 2019: कांग्रेस-एनसीपी ने जारी किया संयुक्त घोषणापत्र
Maharashtra Elections 2019: कांग्रेस-एनसीपी ने जारी किया संयुक्त घोषणापत्र

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सोमवार को मुंबई में संयुक्त घोषणापत्र जारी किया है। घोषणापत्र में कई लोकलुभावन वादे किए गए हैं।

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार एक ओर कांग्रेस व एनसीपी मिलकर लड़ रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व शिवसेना और कुछ अन्य दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल शिवसेना 124 व भाजपा चार अन्य दलों के साथ 164 सीटों पर लड़ रही है। इनमें रामदास आठवले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आ) को छह, मराठा नेता विनायक मेटे के शिव संग्राम पक्ष को चार, सांसद राजू शेट्टी से अलग होकर रैयत क्रांति संगठन बनाने वाले सदाभाऊ खोत को चार और महादेव जानकर के राष्ट्रीय समाज पक्ष को दो सीटें हासिल हुई हैं। शेष 148 सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ रही है। महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को चुनाव हैं और 24 अक्टूबर को नतीजे आएंगे।

गौरतलब है कि मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके संजय निरूपम ने गत दिनों कहा था कि जिस तरह टिकट बांटे गए हैं, तीन-चार सीटों को छोड़ दिया जाए तो शेष पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो जाएगी। मुंबई की वर्सोवा सीट पर अपनी पसंद का प्रत्याशी न दिए जाने से नाराज संजय निरूपम ने शुक्रवार को पार्टी के लिए प्रचार नहीं करने की बात दोहराते हुए पत्रकारों से कहा कि अब मैं आपको 24 अक्टूबर (चुनाव परिणाम आने के दिन) को ही मिलूंगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे लोग सच्चाई का आकलन नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें जमीनी हकीकत का पता नहीं है। उनके द्वारा बिना सोचे-समझे लिए गए निर्णयों की मैं निंदा करता हूं।

अत्यंत मुखर नेता की पहचान रखने वाले संजय निरूपम ने कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, मैंने चार मजबूत उम्मीदवार खड़गे को सुझाए थे। उन्होंने उनमें से एक से भी बात नहीं की और सभी को खारिज कर दिया। निरूपम को इस बात का भी दुख है कि जिस उत्तर मुंबई से वह दो बार सांसद चुने गए और जहां के बारे में वह अच्छी तरह जानते हैं। वहां के उम्मीदवारों का चयन करते समय उनसे पूछा तक नहीं गया। मुंबई को महाराष्ट्र के किसी भी नेता से ज्यादा समझने का दावा करते हुए निरूपम कहते हैं कि इसके बावजूद उन्हें टिकट वितरण की निर्णय प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। सिर्फ एक सीट की बात होती तो मैं नजरअंदाज कर सकता था, लेकिन पूरे जिले में यही रवैया अपनाया गया तो यह मुझे स्वीकार्य नहीं है। निरुपम कहते हैं, यदि यही रवैया जारी रहा तो हमें जल्दी ही पार्टी छोड़नी पड़ेगी।

निरूपम दो बार शिवसेना से राज्यसभा सदस्य रहने के बाद करीब 15 साल पहले कांग्रेस में आ गए थे। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी होने का दावा करने वाले निरूपम का मानना है कि कांग्रेस के अंदर एक साजिश चल रही है। राहुल गांधी के करीबी रहे लोगों को जानबूझकर दरकिनार किया जा रहा है।

वहीं, उनके इस आरोप पर कांग्रेस के केंद्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी को सफाई देनी पड़ी है। तिवारी ने निरूपम को इस प्रकार की साजिश वाली अफवाहों की पतंग न उड़ाने की सलाह देते हुए इसे कल्पना से परे करार दिया है।

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