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Maharashtra Assembly Elections 2019: लोगों की टिप्पणियाें का मुख्यमंत्री फड़नवीस ने दिया करारा जवाब

मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि लोग टिप्पणियां कर रहे हैं कि भाजपा में मेगा भर्ती अभियान चालू है जबकि ऐसे लोगों को ये विचार करना चाहिये कि लोग पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 09:57 AM (IST)
Maharashtra Assembly Elections 2019: लोगों की टिप्पणियाें का मुख्यमंत्री फड़नवीस ने दिया करारा जवाब
Maharashtra Assembly Elections 2019: लोगों की टिप्पणियाें का मुख्यमंत्री फड़नवीस ने दिया करारा जवाब

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि अन्य दलों के लोग किसी पद के लिए नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों से प्रभावित होकर भाजपा में आ रहे हैं। यह बात उन्होंने बुधवार को राकांपा के वरिष्ठ नेता गणेश नाईक एवं 48 सभासदों के साथ भाजपा प्रवेश के समय कही। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन पाटिल भी आज ही भाजपा में शामिल हुए। 

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गणेश नाईक के आने से भाजपा नई मुंबई में, तो हर्षवर्धन पाटिल के आने से शरद पवार के गढ़ बारामती में भाजपा को मजबूती मिलेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग टिप्पणियां कर रहे हैं कि भाजपा में मेगा भर्ती अभियान चालू है। लेकिन ऐसा कहने वालों को यह विचार भी करना चाहिए कि लोग उनकी पार्टी छोड़कर क्यों जा रहे हैं। फड़नवीस के अनुसार लोगों को राज्य एवं देश में हो रहे काम दिखाई दे रहे हैं। इसलिए लोगों का भरोसा भाजपा में बढ़ रहा है। माना जा रहा था कि एक दिन पहले ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे चुके वरिष्ठ नेता कृपाशंकर सिंह भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। लेकिन उनकी ओर से अभी किसी अन्य दल में शामिल होने का फैसला नहीं लिया गया है। 

दूसरी ओर गणेश नाईक और हर्षवर्धन पाटिल के भाजपा में शामिल होने को लेकर न सिर्फ कांग्रेस-राकांपा, बल्कि शिवसेना में भी बेचैनी साफ दिख रही है। कांग्रेस में रहे हर्षवर्धन पाटिल ने कुछ समय पहले एक रैली करके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तीखी आलोचना की थी। जबकि आज वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस पर कटाक्ष करते हुए शरद पवार की पुत्री एवं बारामती से राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि झगड़ा जेठ से था, तो पति को छोड़ने की क्या जरूरत थी ? मतलब शिकायत राकांपा से थी, तो कांग्रेस क्यों छोड़ी? दूसरी ओर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने अपने पुराने दल छोड़कर भाजपा या शिवसेना में आ रहे लोगों को नसीहत दी है कि वे सिर्फ विधायक या सांसद बनने के लिए शिवसेना-भाजपा में न आएं। पहले हिंदुत्व की विचारधारा स्वीकार करें, फिर राजग की ओर रुख करें। 

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