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उज्जैन : क्लास में विद्यार्थियों को लेक्चर फिर सेक्टर में बदमाशों को ढूंढ रहे प्रोफेसर

खास बात यह है कि प्रोफेसरों को सेक्टर अधिकारी बनाकर कई तरह की जिम्मेदारियां दी गई हैं।

By Prashant PandeyEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 11:07 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 11:07 AM (IST)
उज्जैन : क्लास में विद्यार्थियों को लेक्चर फिर सेक्टर में बदमाशों को ढूंढ रहे प्रोफेसर
उज्जैन : क्लास में विद्यार्थियों को लेक्चर फिर सेक्टर में बदमाशों को ढूंढ रहे प्रोफेसर

धीरज गोमे, उज्जैन। विधानसभा चुनाव में विक्रम विश्वविद्यालय के शासकीय कॉलेजों के प्रोफेसरों और सहायक प्रोफेसरों की भी ड्यूटी लगाई गई है। खास बात यह है कि प्रोफेसरों को सेक्टर अधिकारी बनाकर कई तरह की जिम्मेदारियां दी गई हैं। इसमें संदिग्ध गतिविधि वाले व्यक्तियों और बदमाशों पर नजर रखने का काम भी शामिल है। सेक्टर अधिकारियों को स्थायी वारंट और जिलाबदर बदमाशों पर भी निगाह रखनी है, वहीं नियमित रूप से क्लास लेने के निर्देश भी इन प्राध्यापकों को दिए गए हैं। जाहिर है सेक्टर अधिकारी बनाए जाने पर विवि की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। मगर इस विषय पर प्राध्यापक खुलकर कुछ नहीं बोल रहे।

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मालूम हो कि विधानसभा चुनाव-2018 कराने को जिला निर्वाचन अधिकारी ने कई विभागों के क्लास वन 182 अधिकारियों को सेक्टर अधिकारी नियुक्त किया है। इनमें स्कूल-कॉलेज के प्राचार्य और प्राध्यापकों की संख्या तकरीबन 90 शामिल हैं, जो इन दिनों अपने कार्य क्षेत्र में मतदान केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। वे वहां की कमियों एवं संदिग्ध गतिविधियों की हर दिन की रिपोर्ट रिटर्निंग ऑफिसर को दे रहे हैं।

मतदान को प्रभावित करने वाले गुंडे-बदमाशों की जानकारी भी जुटा रहे हैं। जिले के रजिस्टर्ड 700 जिला बदर और 2400 वारंटियों पर उनकी खास नजर है। इधर, कॉलेज में प्राध्यापकों की अनुपस्थिति के कारण विद्यार्थियों की उपस्थिति में भी काफी कमी हो गई है। ज्यादातर कॉलेजों में एक-दो पीरियड के बाद सन्न्ाटा पसरा रहता है। विद्यार्थियों की उपस्थिति 50 के आसपास रह गई है।


कहां के कितने प्रोफेसर बनाए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन - 40

माधव कला एवं वाणिज्य कॉलेज - 12

कालिदास कन्या कॉलेज - 7

माधव साइंस कॉलेज - 4

कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय - 1

सेक्टर मजिस्ट्रेट के मुख्य कार्य

- अपने पोलिंग बूथ क्षेत्र का सतत भ्रमण और मतदाताओं को जागरूक करना।

- गांवों में चौपाल लगाकर मतदाताओं को मतदान का तरीका बताना। ग्रामीणों को यह भी बताना कि मतदाता सूची में नाम होने पर ही वोट डाल सकते हैं।

- चुनाव आचार संहिता का पालन करवाना। फर्जी मतदान रोकने का इंतजाम करना। मतदान दलों को ट्रेनिंग दिलाना।

- ऐसे इलाकों को चिन्हित करना जहां प्रलोभन एवं धमकी के जरिए मतदान प्रभावित हो सकता है।

ये भी जानें

- कुछ प्रोफेसरों को मास्टर ट्रेनर, बीएलओ, पीठासीन अधिकारी का दायित्व भी सौंपा गया है।

- सेक्टर मजिस्ट्रेट बने प्रोफसरों को पोस्टल बैलेट दिए जाएंगे, जिनसे वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।

- चुनाव की वजह से सेमेस्टर परीक्षा शेड्यूल से महीनेभर देरी से 11 दिसंबर के बाद कराने की तैयारी की गई है।

इनका कहना है

विक्रम विश्वविद्यालय के कई प्रोफसरों को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया है, जो अपने-अपने सेक्टर में जाकर दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए सभी एचओडी को निर्देश दिए जा चुके हैं।

-डॉ. डीके बग्गा, प्रभारी कुलसचिव, विक्रम विश्वविद्यालय


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