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पार्टी चलाने के लिए बसपा पैसा लेती है, दूसरे दल भी दूध के धुले नहीं: राजभर

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मप्र विधानसभा में इस बार उनके पार्टी की सीटें चार गुना बढ़ेंगी।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 09:07 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 09:07 PM (IST)
पार्टी चलाने के लिए बसपा पैसा लेती है, दूसरे दल भी दूध के धुले नहीं: राजभर
पार्टी चलाने के लिए बसपा पैसा लेती है, दूसरे दल भी दूध के धुले नहीं: राजभर

भोपाल, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर का दावा है कि इस चुनाव में उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में कम से कम 15 सीटें जीतेगी। बसपा में पैसे देकर टिकट के सवाल पर वह कहते हैं कि आरोप लगाने वाले पहले अपना दामन भी देखें। पार्टी का खर्च चलाने के लिए बसपा अपने कार्यकर्ताओं से पैसे लेती है, लेकिन बड़े दल तो हम से सौ गुना ज्यादा चंदा वसूलते हैं। व्यापमं के आरोपित डॉ.जगदीश सगर को टिकट देने पर जब अदालत और चुनाव आयोग को दिक्कत नहीं है तो हम क्यों सवाल उठाएं? उस पर लगे आरोप अभी अदालत में सिद्ध नहीं हुए हैं। 

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राजभर ने 'नईदुनिया" से विशेष बातचीत में अपनी चुनावी रणनीति, तैयारी और संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने दावा किया कि बसपा मप्र विधानसभा में अपनी सीटें चार से बढ़ाकर 15 तक कर लेगी। साथ ही मतदान प्रतिशत भी बढ़ेगा। कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने के पीछे भी उन्होंने वोट प्रतिशत बढ़ाने की बाध्यता बताई। राजभर बोले कि बसपा को विंध्य, बुंदेलखंड, महाकोशल में बालाघाट और ग्वालियर-चंबल से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। 

राजभर से बातचीत के कुछ अंश

सवाल-इस बात में कितनी सच्चाई है कि बसपा में पैसे देकर टिकट मिलते हैं? 

जवाब- पार्टी का खर्च चलाने बसपा अपने कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों से मदद के रूप में यदि एक लाख रुपए लेती है तो बड़े दल 100 लाख रुपए लेते हैं, लेकिन उनकी चर्चा नहीं होती। आरोप लगाने वाले पहले अपना गिरेबां भी देखें। कोई दूध का धुला नहीं है। 

सवाल-आपका इशारा किसकी तरफ है? 

जवाब - प्रदेश और देश में सत्ताधारी दल के खातों की स्थिति ही देख लें। देश के सभी दलों की राशि से ज्यादा पैसा निकलेगा, यह कहां से आया। अब जिलों में भी हाईटैक कार्यालय बन रहे हैं। 

सवाल- व्यापमं महाघोटाले के मुख्य आरोपित को टिकट देने की क्या मजबूरी रही? 

जवाब- चुनाव आयोग और अदालत को डॉ. जगदीश सगर के चुनाव लड़ने पर आपत्ति नहीं तो हम क्यों सवाल उठाएं। अदालत में दोष सिद्ध नहीं हुए। 

सवाल- बसपा हमेशा वर्ग विशेष की बात ही क्यों करती है? 

जवाब- उप्र में चार मर्तबा हमारी सरकार रही, हम 'सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय" की बात करते हैं। समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलते हैं, चुनाव में भी सभी समाज को टिकट दिए। 

सवाल-नोटबंदी, जीएसटी और फिर से जोर पकड़ रहे मंदिर आंदोलन को लेकर बसपा का क्या स्टैंड है? 

जवाब- नोटबंदी से केवल मध्यम वर्ग और गरीब ही पिसा, बड़े लोगों ने अपना कालाधन बदल लिया। अमीर-गरीब की खाई बढ़ती जा रही है। मंदिर बनाने से कौन रोक रहा है? मामला अदालत में है, लेकिन जनता का दिमाग भटकाने के लिए यह सब हो रहा है। 


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