MP Election Result 2018: मालवा-निमाड़ से मंत्रीपद की दौड़ में नौ दावेदार
MP Election Result 2018: 15 साल का वनवास खत्म होने के बाद राजनीतिक गलियारों में एक ही सवाल गूंज रहा है मंत्रिमंडल में किसे स्थान मिलेगा।
इंदौर, डॉ.जितेंद्र व्यास। किसी तरह सत्ता की दहलीज तक पहुंची कांग्रेस में अब सरकार बनाने के साथ- साथ मंत्रिमंडल गठन की कवायद भी तेज होने लगी है। 15 साल का वनवास खत्म होने के बाद राजनीतिक गलियारों में एक ही सवाल गूंज रहा है मंत्रिमंडल में किसे स्थान मिलेगा। दावेदारों की लंबी फौज के बीच कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले मालवानिमाड़ क्षेत्र से नौ विधायक भी मंत्रीपद की दौड़ में शामिल हैं। वरिष्ठता, अनुभव, क्षेत्र और वरिष्ठ नेताओं की पसंद जैसे समीकरणों के लिहाज से सभी कवायद में जुटे हैं। आधा दर्जन विधायक अपनेअपने वरिष्ठ नेताओं से संपर्क कर अपना नाम आगे बढ़ा चुके हैं।
ये हैं दावेदार
जीतू पटवारी- विधायक राऊ
दूसरी बार के विधायक, वर्तमान में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, विपक्ष में रहकर विधानसभा में लगातार सक्रिय बने रहे। राहुल गांधी से नजदीकी की वजह से दावेदारी पुख्ता।
तुलसी सिलावट- विधायक सांवेर
80 के दशक से राजनीति में सक्रिय, कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे। पहले माधवराव सिंधिया और बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी होने के नाते दावा मजबूत।
राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव
विधायक बदनावर तीन बार के विधायक, सिंधिया खेमे के करीबी, लोकसभा चुनाव की दृष्टि से राजपूत समाज को प्रतिनिधित्व देने के फार्मूले के तहत मिल सकता है मौका
उमंग सिंघार- विधायक गंधवानी
2008 के परिसीमन में बने गंधवानी विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार विधायक। क्षेत्र की वरिष्ठ आदिवासी नेता और उपमुख्यमंत्री रही स्व.जमुनादेवी के भतीजे हैं। राहुल गांधी की युवा टीम के सदस्य हैं। धार-झाबुआ से आदिवासी नेतृत्व को मौका देने की स्थिति में भी दौड़ में सबसे आगे।
विजयलक्ष्मी साधौ विधायक महेश्वर
चार बार की विधायक और कैबिनेट मंत्री, राज्यसभा सदस्य रही हैं। सोनिया गांधी की करीबी हैं। मंत्रिमंडल में स्थान के साथ ही स्पीकर बनाने के विकल्प पर भी वरिष्ठ नेता विचार कर रहे हंै।
बाला बच्चन- विधायक राजपुर
पांचवीं बार विधायक, कैबिनेट मंत्री, उपनेता प्रतिपक्ष रहे हैं। फिलहाल कार्यकारी अध्यक्ष हैं। विधानसभा में विपक्ष में रहते हुए सक्रिय रहे। कमलनाथ खेमे से सीधे जुड़े हैं।
हुकुमसिंह कराड़ा विधायक शाजापुर
1993 से 2008 तक लगातार विधायक रहे, 2013 में हारे। सातवीं बार कांग्रेस ने टिकट दिया है। दिग्विजयसिंह सरकार में उर्जा और खनिज मंत्री रहे हैं। कमलनाथ खेमे से जुड़े हैं।
सज्जन सिंह वर्मा विधायक सोनकच्छ
1985, 1998, 2003, 2008 चार बार विधायक रहे हैं। कमलनाथ गुट से नजदीकी, केंद्रीय कार्यकारिणी में भी महत्वपूर्ण दायित्वों पर रहे, वरिष्ठता के आधार पर दावेदारी।
सचिन यादव विधायक कसरावद
दूसरी बार के विधायक, पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे सुभाष यादव के बेटे और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के भाई। वरिष्ठता में निमाड़ के अन्य नेताओं से चुनौती लेकिन बड़े भाई अरुण समीकरणों के सहारे मंत्रिमंडल में जगह दिलाने की कवायद में।