MP Election 2018: सत्ता न होने का मतलब ये नहीं कि हम घर बैठ जाएंगे : मलैया
MP Election 2018 : जयंत मलैया बोले- मैं तो राहुल गांधी को होशियार नेता समझता था, लेकिन उन्होंने कर्ज माफी का बयान दे दिया।
दमोह। सत्ता न होने का मतलब ये नहीं होता कि हम घर बैठ जाएंगे, हमारे काम का तरीका जनता के बीच रहने का था, जिसे आगे भी जारी रखा जाएग। मुझे तो बस उन दस दिनों का इंतजार है, जब राहुल गांधी किसानों की कर्ज माफी के वादे को पूरा करेंगे।
यह बात बुधवार को जिला भाजपा कार्यालय में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मैं तो राहुल गांधी को होशियार नेता समझता था, लेकिन उन्होंने कर्ज माफी का बयान दे दिया। प्रदेश में किसानों पर 38 हजार करोड़ का कर्ज है। सरकार उसे कैसे माफ करेगी।
इतना पैसा कहां से आएगा। कोई भी सरकार अनसिक्योर लोन नहीं ले सकती। साथ ही जातिगत फैक्टर ने भी विकास कार्यों को नकार दिया। गौरतलब है कि दमोह विधानसभा से लगातार छह बार से विधायक व कैबिनेट मंत्री रहे भाजपा प्रत्याशी जयंत मलैया को इस चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा। वे प्रतिद्वंदी प्रत्याशी कांग्रेस के राहुल सिंह से 798 वोट से चुनाव हार गए।
हमने जो कहा, सब किया भी
अपनी हार के मुद्दे पर बोले, पता नहीं जनता के मन में क्या रहता है। होगी कोई बात जो रही होगी। मुश्किल से दो सीटों का फर्क है। इसे मेजोरिटी नहीं कह सकते हैं। अब वो दूसरी पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं। हमने जब 2003 में सरकार बनाई थी और अब जो 15 साल बाद छोड़कर जा रहे हैं। तब से हमने हर क्षेत्र में काम किया है। मुझे आशा है कि सरकार पुराने कार्यों को आगे बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा कि हम बेरोजगार नौजवानों को 4 हजार रुपए प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने वाली बात का भी स्वागत करते हैं। लेकिन हमने कभी ऐसे एजेंडे की घोषणा नहीं की कि हम ये करेंगे। हमने हमेशा कहा- हम यह कर रहे हैं। हमने एक रुपए किलो गेहूं, बिजली बिल माफ, मुफ्त यूनीफार्म, उज्जवला योजना जो भी कहा सब करके बताया।