Madhya Pradesh Chunav 2018: पहली बार झाबुआ में उच्च शिक्षित प्रत्याशी, डॉक्टर-इंजीनियर में मुख्य मुकाबला
MP Chunav 2018: झाबुआ की ये सीट इसलिए चर्चाओं में आ गई क्योंकि यहां से पहली बार इतने शिक्षित उम्मीदवार मैदान में रहे।
झाबुआ। मध्यप्रदेश की चर्चित सीटों में झाबुआ विधानसभा सीट भी शामिल है। इस सीट पर इसलिए भी पूरे प्रदेश की निगाहें हैं क्योंकि यहां दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। आदिवासी बाहुल्य झाबुआ विधानसभा में चर्चा इस बात की है कि पहली बार इस सीट से इतने शिक्षित उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां कांग्रेस के डॉ. विक्रांत भूरिया का मुकाबला भाजपा के इंजीनियर गुमानसिंह डामोर से है।
कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया की प्रतिष्ठा झाबुआ सीट पर टिकी है। उनके बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने भाजपा की ओर से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर इन चीफ रहे गुमानसिंह डामोर हैं। टिकट फाइनल होने के बाद से ही झाबुआ की ये सीट इसलिए चर्चाओं में आ गई क्योंकि यहां से पहली बार इतने शिक्षित उम्मीदवार मैदान में रहे।
दोनों प्रत्याशियों ने ज्यादातर जनसंपर्क, सभाएं और रैलियां गांवों में ही की है। इस दौरान प्रत्याशी गांव के किसी फलिये में गए और खटिया पर बैठकर अपनी बात गांव वालों के सामने रखी। दोनों के प्रचार की खास बात भी यही रही कि दोनों ही शहरी इलाकों में कम घूमे। डॉ. विक्रांत के लिए जहां उनके पिता ने पूरा जोर लगाया, वहीं गुमानसिंह डामोर के लिए उनका परिवार और पार्टी लगा रहा। डॉ. विक्रांत की ओर से सबसे विशेष ये रहा कि उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर जबर्दस्त प्रचार किया। इस मामले में डामोर थोड़ा पीछे रहे। दोनों ही प्रत्याशियों का जनसंपर्क झाबुआ, पिटोल, कल्याणपुरा, बोरी, रानापुर और आसपास ज्यादा रहा।
कांतिलाल भूरिया की इस इलाके में जबर्दस्त पकड़ है और इसके चलते वे पूरे समय अपने बेटे के लिए लगे रहे। वहीं डामोर के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जोर लगाया। हालांकि इस बार मतदाताओं ने दोनों को ही पूरा सम्मान दिया, जिससे स्थिति रोचक बन गई है। बुधवार को मतदाता इंजीनियर और डॉक्टर में से किसे चुनेंगे ये पता चलेगा।