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MP Election 2018 : शहडोल संभाग में सभाओं का दौर, प्रचार का शोर, मतदाताओं के मन का नहीं मिला ठौर

MP Election 2018 : महाकोशल के सबसे नए संभाग शहडोल में भी दोनों प्रमुख पार्टियों ने अपना ध्यान लगाया है।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 10:28 PM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 01:27 AM (IST)
MP Election 2018 : शहडोल संभाग में सभाओं का दौर, प्रचार का शोर, मतदाताओं के मन का नहीं मिला ठौर
MP Election 2018 : शहडोल संभाग में सभाओं का दौर, प्रचार का शोर, मतदाताओं के मन का नहीं मिला ठौर

अतुल गुप्ता, शहडोल। मध्यप्रदेश में चुनावी प्रचार अब अपने आखिरी दौर में प्रवेश कर रहा है। इस कारण पार्टियां और नेताओं ने भी अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के सामने चौथी बार पार्टी को जिताना लक्ष्य है तो कांग्रेस को इस चुनाव में सत्ता वापसी की उम्मीद है।

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महाकोशल के सबसे नए संभाग शहडोल में भी दोनों प्रमुख पार्टियों ने अपना ध्यान लगाया है। इसके अलावा यहां तीसरी क्षेत्रीय पार्टी भी एक-दो सीटों पर उम्मीद लगाए बैठी हैं। यही कारण है कि दोनों पार्टियों ने चुनावी प्रचार का पहला चरण शहडोल संभाग से ही शुरू किया था और आखिरी दौर में यह संभाग प्रमुख रहा है। पिछले 10 दिनों में दोनों पार्टियों के अलावा क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं ने भी आमद दर्ज कराई है। हालांकि, चुनावी प्रचार में गोंगपा की उपस्थिति धीमी पड़ी है लेकिन उसके समर्थकों की संख्या सभी पार्टियों के लिए चिंता का कारण है।

शहडोल : पीएम, सीएम के बाद हेमा और योगी का दिखेगा जलवा

जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने यहां विकास के लिए वोट मांगे थे। इसके बाद अमित शाह ने रोड शो और आमसभा में लोगों को भाजपा चुनने के फायदे गिनाए थे। अब भाजपा हेमा मालिनी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लाकर चुनावी माहौल को पूरी तरह अपने पक्ष में करना चाहती है।

शहडोल में राहुल गांधी भी आने वाले थे लेकिन दो बार उनका आगमन और रोड शो दोनों रद्द हो गए। हालांकि, इस कमी को पूरा करने के लिए अजय सिंह राहुल यहां सभा कर चुके हैं। पंजाब सरकार के मंत्री नवजोतसिंह सिद्धू ने भी अपने चिरपरिचित अंदाज में लोगों को भाजपा सरकार की कमियां गिनाईं।

अब कांग्रेस कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा करवाने के लिए प्रयास कर रही है। शहडोल शायद प्रदेश में एकमात्र ऐसी सीट होगी जहां भाजपा के सभी प्रमुख चेहरे आमसभा कर रहे हैं। पीएम मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सीएम, हेमा मालिनी के बाद योगी आदित्यनाथ को भी बुलाने की चर्चा है। प्रमुख कारण यह है कि भाजपा ने यहां से (जयसिंहनगर से) स्थानीय विधायक प्रमिला सिंह का टिकट काटकर जयसिंह मरावी को मैदान में उतारा है।

उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के ध्यानसिंह मार्को से है। टिकट कटने से नाराज प्रमिला सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चली गई और मरावी को लेकर बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा उछल रहा है। जयसिंह जैतपुर के विधायक थे और अब उनकी जगह मनीषा सिंह प्रत्याशी हैं। कांग्रेस की उमा धुर्वे से उनकी टक्कर हो रही है।

वहीं ब्योहारी सीट त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी हुई है। कांग्रेस छोड़कर आए शरद कोल को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। उनकी उम्मीद है कि वे कांग्रेस के वोट काटकर कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक रामपाल सिंह को हराकर भाजपा की एक सीट बढ़ा सकते हैं। हालांकि, दोनों की जीत के बीच गोंगपा के तेजप्रताप सिंह भी हैं, जो खासी टक्कर दे रहे हैं।

उमरिया : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रदेश स्तर के नेता

उमरिया जिले में बांधवगढ़ और मानपुर सीट है। बांधवगढ़ सीट पर पूर्व सांसद ज्ञान सिंह के बेटे शिवनारायणसिंह चुनाव मैदान में हैं। वे ज्ञानसिंह के सीट खाली करने पर हुए उपचुनाव में जीतकर ही विधायक बने थे। यहां कांग्रेस के डॉ. ध्यानसिंह चुनाव मैदान में हैं। अभी तक उमरिया में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ही चुनावी सभा हुई है जबकि सीएम ने प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल कराने के बाद सभा की थी। कांग्रेस से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और ज्योतिरादित्य सिंधिया सभा कर चुके हैं।

अनूपपुर : सीएम के अलावा कोई नेता नहीं पहुंचा

अनूपपुर, कोतमा और पुष्पराजगढ़ ऐसी सीट है जहां सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ही चुनावी आगाज किया है। उनके अलावा भाजपा और कांग्रेस का कोई बड़ा नेता यहां नहीं पहुंचा। कांग्रेस से सिंधिया के आने का कार्यक्रम तय हुआ था, लेकिन एनवक्त पर वह भी रद्द हो गया। अब चुनाव प्रचार खत्म होने तक किसी दल के बड़े नेता के आगमन की कोई जानकारी भी नहीं है। शायद यह कारण भी है कि जिले में 3 में से 2 सीटें कांग्रेस के पास हैं और भाजपा को यहां बेहतरी की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है, वहीं कांग्रेस को यहां कुछ खोने का डर नहीं है।


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