MP Election 2018 : 13,530 करोड़ पर अटकी कर्ज वसूली, पिछले साल से चार फीसदी कम
MP Election 2018 : मध्यप्रदेश में शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पावधि के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से मिलता है कर्ज।
भोपाल। प्रदेश में इस बार किसानों को दिए कर्ज की वसूली पिछली बार की तुलना में पिछड़ गई है। सहकारी समितियों के मार्फत शून्य प्रतिशत ब्याज पर दिए अल्पावधि ऋण की वसूली 30 जून तक 66 फीसदी ही रही, जबकि पिछले साल यह 70 प्रतिशत थी।
किसानों के ऊपर कुल 20 हजार 500 करोड़ रुपए की मांग निकाली थी, लेकिन वसूली का आंकड़ा 13 हजार 530 पर अटक गया। इसे चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में छह जून को मंदसौर में कर्जमाफी की घोषणा की थी। प्रदेश कांग्रेस ने सरकार में आने पर दस दिन में कर्जमाफी का वचन दिया है।
आचार संहिता के मद्देनजर सहकारिता विभाग और राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के अधिकारियों ने कर्ज वसूली की स्थिति को लेकर पूरी तरह चुप्पी साध ली है। सूत्रों ने बताया कि पिछली बार वसूली की कुल मांग 18 हजार 647 करोड़ रुपए थी। इसमें से 70 फीसदी राशि की वसूली हुई थी।
वहीं, इस बार 20 हजार 500 करोड़ रुपए की मांग थी, लेकिन वसूली 66 फीसदी ही हुई यानी पिछले साल की तुलना में चार फीसदी कम। जबकि, इस बार परिस्थितियां किसानों के पक्ष में थीं, क्योंकि सरकार ने चुनावी वर्ष को देखते हुए भावांतर भुगतान, प्रोत्साहन भुगतान, ब्याज माफी, फसल बीमा सहित अन्य माध्यम से करीब 32 हजार करोड़ रुपए खाते में जमा किए।
चना, मसूर, सरसों, मूंग, उड़द, प्याज व लहसून की खरीदी भी की। इसके बावजूद वसूली नहीं बढ़ी। करीब 16 लाख किसान कर्ज न चुकाने की वजह से डिफाल्टर हो गए थे, इन्हें शून्य प्रतिशत ब्यात की मुख्यधारा में लाने में ब्याजमाफी योजना भी लागू की गई पर विकल्प भरकर देने के बाद भी सवा पांच लाख किसानों ने ही राशि जमा कराई।
माना जा रहा है कि कांग्रेस के कर्जमाफी का वादा करने का असर बैंकों की वसूली पर पड़ा है। इसकी आशंका भी सहकारिता विभाग और अपेक्स बैंक के अधिकारियों ने जताई थी। हालांकि, सरकार का इस मामले में रुख पहले दिन से बड़ा साफ रहा है कि किसानों के लिए इतने कदम उठाए जा चुके हैं कि कर्जमाफी ज्यादा असरदार नहीं रहेगी।
ब्याज माफी से मिली राहत
सहकारी बैंकों के लिए राहत की बात यह है कि ऋण समाधान योजना में लगभग सवा पांच लाख किसानों ने मूलधन चुकाया। इन्हें एक हजार 656 करोड़ रुपए जमा करके 990 करोड़ रुपए की ब्याज माफी पाई। यह राशि अनुदान के तौर पर बैंकों को मिलेगी। इस राशि से बैंकों को किसानों को आगे कर्ज देने में सहायता मिली।
किसान को कर्जदार नहीं रहने दूंगा: शिवराज
उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव प्रचार के दौरान किसानों को कर्जदार नहीं रहने देने की बात प्रमुखता के साथ रख रहे हैं। उन्होंने होशंगाबाद की सभा में कहा कि हमने किसानों को कर्ज से बाहर निकालने के लिए ऋण समाधान योजना बनाई थी। इसे और बेहतर करके कर्ज का बोझ रहने ही नहीं देंगे।