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MP Election 2018: यहां दिनभर में EVM खराबी के आए 5000 कॉल

MP Election 2018: भोपाल में ईवीएम खराब होने की शिकायतों को कंट्रोल रूम से इस तरह दूर किया गया।

By Saurabh MishraEdited By: Published: Thu, 29 Nov 2018 11:54 AM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 11:54 AM (IST)
MP Election 2018: यहां दिनभर में EVM खराबी के आए 5000 कॉल
MP Election 2018: यहां दिनभर में EVM खराबी के आए 5000 कॉल

दीपक विश्वकर्मा, भोपाल। 28 नवंबर को सुबह 8 बजे से मतदान शुरू होते ही शहर में सातों विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम खराब होने की लगातार शिकायतें शुरू हो गई। पोलिंग बूथों में तैनात निर्वाचन आयोग का अमला मतदाताओं के सवाल-जवाब और विरोध के सामने बेबस नजर आ रहा था। करीब दिनभर में अधिकारियों ने मशीन की खराबी दूर करने और अन्य सुविधा के लिए करीब 5000 कॉल किए।

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इतना ही नहीं 1000 शिकायतों का निराकरण किया। वोटिंग से वंचित कई मतदान केंद्रों में मतदाताओं में इस दौरान आक्रोश देखने को मिला। देखा जाए तो करीब 300 से ज्यादा ईवीएम खराब होने की शिकायतें आई। कलेक्टर डॉ सुदाम पी खाडे के पास ही स्वयं के मोबाइल पर 102 शिकायतें आई, जिनका अधिकारियों को निर्देश देकर निराकरण करवाया।

आलम यह था कि सुबह से मतदान केंद्रों में भीड़ लगी हुई थी, लेकिन मशीनें खराब होने की दशा में कुछ मतदाताओं को वापस होना पड़ा। ईवीएम के मामले को सुलझाने के लिए कंट्रोल रूम को करीब 20 कॉल करने पड़े। जब ओके रिपोर्ट आई तब ही अधिकारियों को रिपोर्ट दी गई। सुबह 8 से 10 बजे तक कंट्रोल रूम में तांडव मचा रहा। सबसे ज्यादा शिकायत नरेला क्षेत्र से आई। इधर, कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम से दिनभर में करीब 5000 कॉल हुए। यह कॉल यहां बैठे दो दर्जन अधिकारियों की फौज ने किए।

तत्काल निराकरण किया

सभी शिकायतों का निराकरण कर भोपाल में चुनाव संपन्न कराए गए है। इस बार 20 प्रतिशत रिजर्व मशीनें थी इसलिए कोई परेशानी नहीं हुई। खास बात तो यह है कि वेल के इंजीनियर को कंट्रोल रूम में बैठाकर तत्काल समस्या का समाधान करवाया गया।

-डॉ. सुदाम पी खाडे कलेक्टर, एवं जिला निर्वाचन अधिकारी

यह मुख्य वजह रही ईवीएम खराब होने की

आयोग के निर्देश थे कि बूथ पर जाकर ही ईवीएम चालू करना है। इससे पहले नहीं लिहाजा मॉक पोल के समय ईवीएम शुरू नहीं हो पाई और हंगामा हो गया।

-पीठासीन अधिकारियों ने ट्रेनिंग सही तरीके से नहीं ली। लिहाजा वे सीआरसी (मॉकपोल के बाद रिजल्ट देखने और क्लीयर करने के बाद मशीन सील करने की प्रक्रिया) नहीं कर पा रहे थे। लिहाजा बैलेट रीलीज नहीं हो पाए।

- कई पीठासीन अधिकारी तो वीवीपैट मशीनों के डर के कारण ईवीएम का तार सही तरीके से नहीं जोड़ पाए और कॉल सेंटर में कॉल कर दिया।


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