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MP Election 2018 : मॉकपोल में हुई गलती, कम अंतर से हार-जीत पर VVPAT की पर्चियों की होगी गिनती

MP Election 2018 : विवादित ईवीएम को गणना में शामिल करने या नहीं करने पर अंतिम फैसला करेगा चुनाव आयोग।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 10:24 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 07:43 AM (IST)
MP Election 2018 : मॉकपोल में हुई गलती, कम अंतर से हार-जीत पर VVPAT की पर्चियों की होगी गिनती
MP Election 2018 : मॉकपोल में हुई गलती, कम अंतर से हार-जीत पर VVPAT की पर्चियों की होगी गिनती

भोपाल। मतदान की पारदर्शिता और निष्पक्षता के मद्देजनर ईवीएम में कराया गया मॉकपोल मध्य प्रदेश के 27 जिलों के 144 मतदान केंद्रों में विवाद का कारण बन सकता है। यहां मॉकपोल में ईवीएम में दर्ज मतों को मतदान से पहले नहीं हटाया गया।

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इससे ये वोट भी वास्तविक मतदान में प्रत्याशियों को मिले मतों में शामिल हो गए। इसको लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेज दी है। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संदीप यादव ने भी इसकी पुष्टि की।

बताया जा रहा है कि मतगणना में इन मशीनों में दर्ज मतों को तभी गिनती में लिया जाएगा, जब हार-जीत में इन मशीनों में दर्ज मत असर डाल सकते हैं। चूंकि, पीठासीन अधिकारियों ने वीवीपैट से मॉकपोल की पर्चियां हटा दी थीं, इसलिए बाकी पर्चियों से ही गिनती की जाएगी। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय चुनाव आयोग लेगा।

सूत्रों के मुताबिक, मतदान के बाद पीठासीन अधिकारियों ने पहले तो इस गलती को छुपाया। जब पर्यवेक्षकों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने पड़ताल कराई। इसमें 27 जिलों के 144 मतदान केंद्रों में मॉकपोल में दर्ज किए गए मतों को मतदान से पहले ईवीएम से नहीं हटाने की गलती पकड़ में आई।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मतदान से आधा घंटे पहले मॉकपोल इसलिए कराया जाता है, ताकि सभी प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधि निश्चिंत हो जाएं कि ईवीएम ठीक काम कर रही है।

सामान्यत: एक प्रत्याशी से पांच-पांच वोट डलवाए जाते हैं। इसके नतीजे से संतुष्ट होने पर पीठासीन अधिकारी ईवीएम में दर्ज रिकॉर्ड को हटाकर मतदान कराता है। इन 144 केंद्रों के पीठासीन अधिकारियों ने यह काम नहीं किया और मतदान करा दिया। कम मतों के अंतर से होने वाली हार-जीत में इन 144 केंद्रों की मशीनें विवाद का सबब बन सकती हैं।

मतगणना में संभवत: अलग रखी जाएगी ये मशीनें

सूत्रों का कहना है कि मतगणना के दौरान इन मशीनों को संभवत: अलग रखा जाएगा। यदि हार-जीत का अंतर कम रहता है तो फिर इन ईवीएम के मतों को गणना में शामिल किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि इन ईवीएम में औसत पांच सौ वोट हो सकते हैं।

मॉकपोल और मतदान का प्रोटोकॉल

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि ईवीएम सही काम कर रही है या नहीं, इसके लिए मॉकपोल में सभी प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों से पांच-पांच मत डलवाए जाते हैं। इसका रिजल्ट भी सभी को बताया जाता है। संतुष्टि होने पर इस रिकॉर्ड को क्लीयर कर मतदान की शुरुआत कराई जाती है। इसके लिए पीठासीन अधिकारी को क्लोज, रिजल्ट और क्लीयर की बटन दबानी होती है। इसके बाद ईवीएम मतदान के लिए तैयार हो जाती है।

इन जिलों में हुई गड़बड़ी

भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, भिंड, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, सिंगरौली, विदिशा, रायसेन, गुना, बालाघाट, दमोह, सागर, सतना, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, कटनी, रतलाम, झाबुआ, नीमच, देवास, बड़वानी, राजगढ़ और छिंदवाड़ा। 


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