MP Chunav 2018: जादुई 16 सीटें, जिस पार्टी का उम्मीदवार जीता, सरकार उसी की
Madhya Pradesh Chunav 2018 इन सीटों पर दोनों पार्टियों के रणनीतिकार मतगणना से पहले जीत-हार का गणित लगाने में जुटे हैं।
लोकेश सोलंकी, नईदुनिया। सट्टा बाजार से लेकर एग्जिट पोल तक प्रदेश में आने वाली सरकार का अनुमान अपने-अपने हिसाब से लगा रहे हैं। इन सब अनुमानों के बीच प्रदेश की खास 'स्पेशल-16" सीटों पर दोनों दलों की नजर है। इन सीटों पर दोनों पार्टियों के रणनीतिकार मतगणना से पहले जीत-हार का गणित लगाने में जुटे हैं।
दरअसल, इन 16 सीटों पर जिस पार्टी ने जीत हासिल की, प्रदेश में उसी की सरकार बनी। बीते छह चुनावों में ऐसा हो रहा है। 12 सीटें तो ऐसी हैं जो करीब 30 साल से इस मिथक को कायम रखे हुए हैं। ताजा चुुनाव में मुकाबला जब कांटे का है, ऐसे में इन सीटों का जादू बरकरार रहेगा या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।
राजनीतिक पार्टियां और चुनाव विश्लेषकों ने इन्हें 'बेल वेदर" यानी आने वाले मौसम की भविष्यवाणी करने वाली सीटों की उपमा दे दी है। ये 16 सीटें प्रदेश के सभी रीजन को समेट रही हैं। इनमें मालवा-निमाड़ रीजन की सुसनेर, जावद, बड़नगर, मनावर, खरगोन और सेंधवा सीट हैं। इसके अलावा ग्वालियर (पूर्व), सौंसर, नरियावली, होशंगाबाद, घोड़ा डोंगरी, बैतूल और नेपानगर सहित पूर्वी मप्र की बिजावर, बड़वारा, निवास की गिनती भी स्पेशल-16 में शामिल होती है। सत्ता का इंडीकेटर कही जा रही इन सीटों पर उम्मीदवार तय करने में भी दोनों पार्टियों के रणनीतिकारों ने खासा जोर लगाया क्योंकि राजनेता खुद इन सीटों की किंवदंती या कहें संयोग पर यकीन करते हैं।
चार सीटें 9 चुनाव से
सत्ता के साथ रहने का संयोग चार सीटों पर 37 वर्षों से लगातार जारी है। बीते 9 विधानसभा चुनावों से इन सीटों पर जो उम्मीदवार जीता, सरकार उसी की बनी। ये सीटें हैं खरगोन, सेंधवा, नेपानगर और निवास। तीन सीटें आठ चुनाव से तीन सीटें ऐसी हैं जो आठ चुनाव यानी 34 वर्षों सत्ता के साथ हैं। इनमें मनावर, सौंसर, नरियावली का नाम शामिल है।
छह सीटें सात चुनाव से
जादुई-16 में शामिल प्रदेश की छह विधानसभा सीटें ऐसी हैं जो सात चुनावों यानी 29 वर्षों से सत्ता का साथ देने के लिए पहचानी जा रही हैं। इनमें बड़वारा, बड़नगर, घोड़ा डोंगरी, बैतूल, जावद और होशंगाबाद का नाम शामिल है।
तीन सीटें छह चुनाव से
तीन सीटें ऐसी हैं जो बीते छह चुनावों यानी 24 वर्षों से सत्ता पर काबिज होने वाली पार्टी के उम्मीदवारों को ही जीत दिला रही हैं। इनमें ग्वालियर पूर्व, बिजावर, और सुसनेर का नाम शामिल है।