Move to Jagran APP

MP Politics: सरकार बनते ही अपने ही नेताओं के निशाने पर आए सिंधिया

Jyotiraditys Scindia: दिग्गज नेता प्रदेश की राजनीति से सिंधिया को दूर रखने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

By Rahul.vavikarEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 12:48 AM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 09:15 AM (IST)
MP Politics: सरकार बनते ही अपने ही नेताओं के निशाने पर आए सिंधिया
MP Politics: सरकार बनते ही अपने ही नेताओं के निशाने पर आए सिंधिया

भोपाल, नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनाए जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में सरकार बनते ही दिग्गज नेताओं की राजनीति के निशाने पर दिखाई दे रहे हैं।

loksabha election banner

विधायक दल के नेता चयन में जहां सिंधिया किनारे कर दिए गए, उसी तरह अब प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की संभावनाओं के बीच दूसरे नामों की चर्चा शुरू हो गई है। दिग्गज नेता प्रदेश की राजनीति से सिंधिया को दूर रखने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए शुरू हुई खींचतान में अजय सिंह का नाम आगे बढ़ाया गया है, ताकि सिंधिया को रोका जा सके। हालांकि अंदरखाने की खबर है कि ये तो सिर्फ दिखावा है, वक्त आने पर दिग्विजय के पास प्रदेश कांग्रेस की कमान जा सकती है।

मप्र कांग्रेस में कई दशकों से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सिंधिया परिवार के रिश्तों में दूरियां हैं। स्व. माधवराव सिंधिया से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया तक ये दूरियां मौके-बे-मौके दिखाई देती रही हैं। विधानसभा चुनाव 2018 के लिए जब प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन हुआ था, तब कमलनाथ के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी चला। उस समय दिग्गज नेताओं ने अनुभव को आधार बताकर सिंधिया को दौड़ से बाहर कर दिया और प्रदेश में सरकार बनाने की प्राथमिकता बताते हुए सिंधिया को हाईकमान के फैसले में साथ करा लिया।

फिर विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हुईं और समन्वय समिति बनी तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उसके अध्यक्ष बने। उन्होंने पूरे प्रदेश का दौरा कर नाराज और घर बैठे नेताओं को मानने का काम किया, लेकिन सिंधिया के प्रभाव वाले आठ जिलों में एक दिन भी नहीं पहुंचे। जबकि सिंधिया ने पूरे प्रदेश के अंचलों में दौरे किए। चुनाव परिणामों के एलान के बाद जब कांग्रेस की सरकार बनते दिखाई दी तो फिर ये दिग्गज विधायक दल के नेता चयन में भोपाल से दिल्ली तक एक दिखाई दिए।

भोपाल में दिग्विजय सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी और निवृत्तमान नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के निवास पर रणनीति बनाई। विधायक दल में पारित हाईकमान पर फैसला छोड़ने के प्रस्ताव के बाद भी दो दिन तक नेताओं के दबाव चले। गांधी परिवार को सिंधिया को मनाने के लिए उतारा गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मप्र का फैसला लेने के लिए सोनिया और प्रियंका वाड्रा की मदद लेना पड़ी। बिना कोई फार्मूले के कमलनाथ को विधायक दल का नेता चुनने का फैसला सुना दिया।

अब सिंधिया समर्थक अड़े

सिंधिया समर्थक अब अपने नेता को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने या सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाने का दबाव बनाने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। शनिवार को सिंधिया समर्थक रामनिवास रावत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, इमरती देवी, बनवारी लाल शर्मा, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, राजेंद्र भारती, श्रीकांत चतुर्वेदी, राकेश मावई, रमेश दुबे जैसे नेताओं ने सिंधिया के दिल्ली स्थित निवास 27 सफदरगंज रोड के सामने धरना दिया। ये लोग सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे थे। सिंधिया ने इन नेताओं को घर में बुलाकर समझाइश दी। हालांकि समर्थकों ने चेतावनी दी है कि अगर रविवार दोपहर 12 बजे तक उनकी मांग पर फैसला नहीं किया तो हाईकमान से मुलाकात कर अपनी मांग रखेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.