MP Chunav 2018 : महाकोशल क्षेत्र में भाजपा में बागी डटे, कांग्रेस में थमी बगावत
MP Chunav 2018 जो बागी मान गए हैं, उनसे भी अधिकृत प्रत्याशी को डर बना हुआ है कि कहीं उसकी मेहनत पर ये पानी न फेर दें।
राजीव उपाध्याय, जबलपुर। महाकोशल क्षेत्र में भाजपा को अपने ही कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पार्टी में टिकट वितरण से नाराज बागी मैदान में डटे हैं।
नाम वापसी के बाद स्पष्ट हो रहा है कि कांग्रेस में कुछ हद तक बगावत थम गई, लेकिन यह वोट दिलाने तक थमी रहेगी इस पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। जो बागी मान गए हैं, उनसे भी अधिकृत प्रत्याशी को डर बना हुआ है कि कहीं उसकी मेहनत पर ये पानी न फेर दें।
जबलपुर जिले में भाजपा ने वही पुराने चेहरे उतार दिए। उत्तर क्षेत्र भाजयुमो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धीरज पटेरिया को आस थी कि उन्हें उत्तर से टिकट मिलेगा, लेकिन टिकट शरद जैन को मिला। इससे वे इस कदर खफा हुए कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया और निर्दलीय नामांकन फॉर्म भर दिया।
उन्हें समझाने की कोशिश बहुत की गई लेकिन धीरज टस से मस नहीं हुए और चुनाव मैदान में कूद पड़े। पनागर क्षेत्र से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भारतसिंह यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस में भी टिकट को लेकर अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ जमकर आक्रोश था, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने आक्रोश को थाम लिया है। डेमेज कंट्रोल करने की पूरी कोशिश की। इसमें वे सफल भी हुए। अब यह आक्रोश भितरघात नहीं करेगा इसको लेकर संशय बना हुआ है।
अन्य जिलों में मचा घमासान
भाजपा से संजय शर्मा को कांग्रेस में लाकर तेंदुखेड़ा से टिकट देने पर कांग्रेस के अन्य दावेदारों में नाराजगी रही। तेंदुखेड़ा से कांग्रेस नेता मुलायमसिंह पटेल ने इस्तीफा दे दिया और वे भाजपा में चले गए भाजपा ने उन्हें तेंदुखेड़ा से टिकट भी दे दी।
इसी तरह गाडरवारा से निर्दलीय प्रत्याशी सुनीता पटेल को कांग्रेस ने गाडरवारा से टिकट दिया है इससे भी अन्य दावेदारों में नाराजगी रही लेकिन इनको मान मनौव्वल करके मना लिया गया। छिंदवाड़ा के पांढुर्ना में पूर्व विधायक जतन उइके की जगह नीलेश उइके को टिकट देने पर कुछ समय उनकी नाराजगी रही लेकिन कमलनाथ का क्षेत्र होने से जल्द ही उनकी नाराजगी दूर हो गई।
यहां भी उबरा असंतोष
टिकट वितरण से असंतोष के कारण जबलपुर जिले के उत्तर क्षेत्र में जातीय समीकरण बिगड़ रहा है। इस क्षेत्र में भाजपा से बागी हुए धीरज पटेरिया के ब्राम्हण वोट बंट सकते हैं। इस क्षेत्र मे तकरीबन 37 हजार ब्राम्हण मतदाता हैं। जिनमें से अधिकतर भाजपा समर्थित हैं लेकिन भाजपा से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण इन वोट में सेंध लग सकती है। जबकि यह भाजपा का कमिटेड वोट बैंक है। महाकोशल क्षेत्र में सपाक्स, आम आदमी पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं।
दमोह जिले में पूर्व कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया भाजपा से बागी होकर पथरिया और दमोह सीट से निर्दलीय फार्म भरा है।
सिवनी जिले के बरघाट सीट से भाजपा विधायक कमल मर्सकोले ने निर्दलीय फार्म भरा था, पार्टी की समझाइश के बाद नाम वापस ले लिया है।
बालाघाट जिले में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष उदयसिंह नगपुरे के 9 नवंबर को कांग्रेस में शामिल होने से क्षेत्र की राजनीति में नया मोड़ आया है। इससे बालाघाट और परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में लोधी समाज का वोट बैंक पर प्रभाव पड़ सकता है।
बालाघाट से अनुभा मुंजारे और परसवाड़ा से कंकर मुंजारे सपा उम्मीदवार हैं, दोनों ही लोधी समाज से हैं। दोनों ही क्षेत्र से लोधी समाज खासा दखल रखता है। मुख्यमंत्री के साले संजय सिंह मसानी कांग्रेस में शामिल हुए उन्हें वारासिवनी से कांग्रेस ने टिकट दिया।
मुख्यमंत्री ने ली सभा
डिंडौरी विधानसभा क्षेत्र के नेवसा और शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मानिकपुर गांव मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 10 नवंबर को आए। यहां उन्होंने सभाएं ली थी। इस दौरान सीएम ने कहा कि कांग्रेस 15 सालों से कुर्सी से दूर है इसलिए उन्हें गुस्सा आ रहा है। भाजपा की स्टार प्रचारक स्मृति ईरानी ने जबलपुर में आमसभा ली।