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MP Chunav 2018: बदनावर सीट पर अपनों की नाराजगी के बीच भाजपा की कांग्रेस से टक्कर

MP Chunav 2018 कांग्रेस के राजवर्धनसिंह दत्तीगांव और भाजपा के मौजूदा विधायक और भाजपा प्रत्याशी भंवरसिंह शेखावत के बीच कड़ी टक्कर है।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 11:48 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 01:49 AM (IST)
MP Chunav 2018: बदनावर सीट पर अपनों की नाराजगी के बीच भाजपा की कांग्रेस से टक्कर
MP Chunav 2018: बदनावर सीट पर अपनों की नाराजगी के बीच भाजपा की कांग्रेस से टक्कर

प्रेमविजय पाटिल/पुरुषोत्तम शर्मा, धार। धार जिले की बदनावर विधानसभा में स्थानीय नेता का मुद्दा लंबे समय से उछल रहा है। आचार संहिता लगने से पहले ही मुख्यमंत्री के आगमन पर यह विषय चर्चा में आ गया था। दरअसल स्थानीय नेता को विधायक बनाए जाने के नाम पर ही भाजपा में राजेश अग्रवाल ने बगावत की है। फिलहाल उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। वे अब खुलकर काम कर रहे हैं।

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इस पूरी परिस्थिति में कांग्रेस के राजवर्धनसिंह दत्तीगांव और भाजपा के मौजूदा विधायक और भाजपा प्रत्याशी भंवरसिंह शेखावत के बीच कड़ी टक्कर है। इस संघर्ष में कहीं न कहीं त्रिकोणीय परिस्थिति के आसार नजर आ रहे हैं।

वैसे तो बदनावर विधानसभा मुख्य रूप से इस बात के लिए चर्चित रहती है कि यहां पर जिस पार्टी का उम्मीदवार विधायक बनता है वह हमेशा सियासी मामले में कहीं न कहीं विपक्ष में रहता है। हालांकि गत 2013 के चुनाव में यह मिथक टूट गया था। भाजपा ने यहां पर अपने सोची-समझी रणनीति के तहत सहकारिता के क्षेत्र के शेखावत को यहां भेजा था। जो कि अपैक्स बैंक में चेयरमैन भी रह चुके हैं।

इस तरह से उनको भेजने के साथ ही भाजपा ने यहां सभी को साध लिया था। दरअसल धार जिले में सामान्य दो ही सीट हैं। ऐसे में सामान्य वर्ग के नेताओं की लंबी लिस्ट धार और बदनावर दोनों ही क्षेत्र में है। टिकट को लेकर लंबी प्रतिस्पर्धा भी रहती है। जिसे टिकट नहीं मिलता, उसकी नाराजगी बढ़ जाती है।

जब भी यहां पर अपनों ने विरोध किया तो उसका लाभ दूसरे को मिला है। फिलहाल यहां पर राजेश अग्रवाल ने भाजपा की राह में कठिनाई पैदा कर रखी है। बदनावर विधानसभा पर इस समय सभी का फोकस है। कांग्रेस इस बगावत से थोड़ा फायदा देख रही है। अब यहां पर अपनी पूरी ताकत लगा रही है।

जातिगत समीकरण यहां का खास

यहां पर मुख्य रूप से वोटों की राजनीति के मामले में जातिगत समीकरण महत्वपूर्ण होते हैं। वर्तमान में दोनों ही बड़ी पार्टी के उम्मीदवार राजपूत समाज से हैं। राजपूत और पाटीदार समाज का बाहूल्य है। ऐसे में जो वर्ग जिस नेता के साथ चल पड़ता है उसके लिए राह आसान होती है। लेकिन इसमें संतुलन बनाना भी पार्टियों के लिए बहुत जरूरी हो जाता है। इस लिहाज से यहां पर जिसने दोनों वर्गों को साध लिया वह नतीजे के लिए आश्वस्त हो जाता है।

क्यों है चर्चित

यहां पर भाजपा के विधायक भंवरसिंह शेखावत हैं। स्थानीय नेता उन्होंने इंदौर से भेजा नेता मानते हैं। स्थानीय व्यक्ति को विधायक बनाने की मांग के कारण यह सीट चर्चित है। इसके अलावा यहां पर राजवर्धनसिंह दत्तीगांव भी अपने परिवार के कार्यक्षेत्र के प्रति विशेष रूप से चर्चित रहते हैं। राजवर्धन के पिता प्रेमसिंह दत्तीगांव विधायक रहे हैं।

महिला मतदाता : 96,788

पुरुष मतदाता : 97,790

कुल मतदाता : 1,94,578

मतदान केंद्र : 258

पिछले चुनाव का नतीजा

भाजपा : भंवरसिंह शेखावत  73,738

कांग्रेस : राजवर्धनसिंह दत्तीगांव 63,926  


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