Move to Jagran APP

MP Election 2018: राजगढ़ में इससे पहले हर बार विधायक बदला या सरकार, इस बार दोनों बदल गए

MP Election 2018 : कांग्रेस के बापू सिंह ने 81,921 वोट हासिल करते हुए अमरसिंह को हराया, जिन्हें 50,738 वोट मिले। पिछली बार अमरसिंह यादव विधायक चुने गए थे।

By Prashant PandeyEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 04:47 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 03:27 PM (IST)
MP Election 2018: राजगढ़ में इससे पहले हर बार विधायक बदला या सरकार, इस बार दोनों बदल गए
MP Election 2018: राजगढ़ में इससे पहले हर बार विधायक बदला या सरकार, इस बार दोनों बदल गए

राजगढ़। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे किसी टी-20 मैच से कम रोमांचक नहीं रहे। भाजपा और कांग्रेस के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। आखिरी में कांग्रेस सरकार बनाती दिख रही है। इन चुनाव नतीजों के दौरान कई रिकॉर्ड्स पर भी लोगों की नजर थी। ऐसा ही एक रिकॉर्ड था राजगढ़ सीट का।

loksabha election banner

इस विधानसभा सीट का अपना अजब मिजाज रहा है। 2018 से पहले का चुनावी इतिहास देखें तो यहां पर या तो कोई भी उम्मीदवार लगातार दो बार नहीं जीत पाया और यदि किसी ने यह मिथक तोड़ा तो उसकी पार्टी की सरकार बदल जाती है। इस बार की खास बात यह रही कि विधायक भी बदल गया और सत्ताधारी दल भी।

यहां भाजपा की ओर से इस बार अमरसिंह यादव और कांग्रेस की ओर से बापूसिंह तोमर चुनाव मैदान में थे। कांग्रेस के बापू सिंह ने 81,921 वोट हासिल करते हुए अमरसिंह को हराया, जिन्हें 50,738 वोट मिले। पिछली बार अमरसिंह यादव विधायक चुने गए थे। 

जानिए पिछले चुनावों की स्थिति

वर्ष 1957 से लेकर इन चुनावों से पहले तक राजगढ़ सीट पर ऐसी स्थिति रही कि अक्सर राजनीतिक दलों ने अपना प्रत्याशी हर चुनाव में बदल दिया। यदि प्रत्याशी नहीं बदला गया तो जनता ने विधायक बदल देया। यहां सिर्फ दो नेता ही लगातार दो बार जीते, लेकिन उनकी दूसरी जीत के साथ ही सरकार बदल गई।

इनमें जनता पार्टी के जमनालाल गुप्ता और भाजपा के रघुनंदन शर्मा शामिल हैं। वर्ष 1977 में यहां से जमनालाल गुप्ता अपना पहला चुनाव जीते थे, तो करीब ढाई साल बाद ही राष्ट्रपति शासन लग गया था। इसके बाद 1980 के चुनाव में वे फिर जीते तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई और उन्हें विपक्षी विधायक के रूप में काम करना पड़ा। इसी प्रकार रघुनंदन शर्मा जब 1990 में अपना पहला चुनाव जीते तो भाजपा की सरकार थी, लेकिन जब 1993 में लगातार दूसरी बार जीते तो कांग्रेस की सरकार बन गई।

ऐसे बदलते रहे विधायक

1957 के चुनाव में रामचरण दुबे निर्दलीय विधायक बने। 1962 में शिवप्रसाद निर्दलीय जीते। 1967 में कांग्रेस के विजयसिंह जीते। 1972 में कांग्रेस ने उम्मीदवार बदला तो गुलाबसिंह विधायक बने। 1977 में कांग्रेस ने गुलाबसिंह को रिपीट किया तो मतदाताओं ने विधायक जनता पार्टी के जमनालाल को विधायक बनाया। 1980 में जमनालाल भाजपा से विधायक बने, लेकिन सरकार नहीं रही। 1985 में गुलाबसिंह फिर विधायक बने। 

1990 व 93 में रघुनंदन शर्मा भाजपा से चुने गए, लेकिन 93 में सरकार कांग्रेस की आ गई। 1998 में प्रताप मंडलोई कांग्रेस से चुनाव जीते, तब सरकार कांग्रेस की थी। 2003 में कांग्रेस ने उम्मीदवार बदला तो भाजपा के पं. हरिचरण तिवारी जीते। 2008 भाजपा ने श्री तिवारी को रिपीट किया तो मतदाताओं ने कांग्रेस के हेमराज कल्पोनी को चुनाव जिता दिया। फिर 2013 में भाजपा से अमरसिंह यादव विधायक बने।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.