कमलनाथ कैबिनेट बैठक : मप्र में नियमित कर्ज पर भी मिलेगी कर्ज माफी
26 जनवरी 2019 को सभी पंचायतों में पात्रता सूची चस्पा होगी और दावे-आपत्ति का मौका किसानों को मिलेगा।
भोपाल (मप्र)।मध्य प्रदेश के 60 लाख किसानों को प्रदेश कांग्रेस सरकार लगभग 60 हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी देगी। इसमें कालातीत के साथ नियमित कर्ज भी शामिल होगा। इसके लिए कट ऑफ डेट 31 मार्च से बढ़ाकर 30 नवंबर 2018 की जा सकती है।
26 जनवरी 2019 को सभी पंचायतों में पात्रता सूची चस्पा होगी और दावे-आपत्ति का मौका किसानों को मिलेगा। तेलंगाना के प्रति हेक्टेयर चार हजार रुपए सालाना देने के मॉडल पर भी विचार किया जाएगा। सैद्धांतिक तौर पर यह बात गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तय हुई। नए साल में पांच जनवरी को प्रस्तावित कैबिनेट में इस योजना पर मुहर लगेगी।
सूत्रों के मुताबिक सिर्फ कर्ज माफी योजना को लेकर बुलाई गई कैबिनेट बैठक में प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने प्रस्तुतिकरण दिया। इसमें बताया गया कि 31 मार्च 2018 की स्थिति में प्रदेश के 61 लाख 20 हजार किसानों के ऊपर 62 हजार 294 करोड़ रुपए का कर्ज है। औसत रूप से एक किसान एक लाख रुपए से ज्यादा का कर्जदार है। इसमें 19 लाख 55 हजार किसानों का 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कालातीत कर्ज भी शामिल है।
कर्ज का ब्योरा प्रस्तुत होने के बाद मंत्रियों ने कहा कि 31 मार्च की कट ऑफ डेट रखने से कई किसान दायरे से बाहर हो रहे हैं। इसको लेकर असंतोष पैदा हो सकता है। कांग्रेस ने किसानों को दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का वादा किया है। कट ऑफ डेट 30 नवंबर 2018 की जाए। वहीं, कुछ मंत्रियों ने कहा कि योजना ऐसी बने, जिससे ज्यादा से ज्यादा लाभांवित हों और प्रक्रिया भी पारदर्शी रहे, ताकि किसी को उंगली उठाने का मौका न मिले।
फरवरी अंत तक खाते में आ जाएगी राशि
सूत्रों का कहना है कि कृषि विभाग ने फरवरी अंत तक किसानों के खातों में कर्ज माफी की राशि पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी है। मार्च के पहले सप्ताह में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने इसे देखते हुए तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।
किसानों को सम्मान पत्र देगी सरकार
बैठक में सुझाव आया कि कर्ज माफी योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषि ऋण मुक्ति योजना रखा जाए। कालातीत कर्ज की माफी पर किसान को ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र दिया जाए और चालू बकायादारों को सम्मान पत्र सार्वजनिक कार्यक्रम में दिया जाएगा।
मुख्य सचिव का सम्मान
इधर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक में मुख्य सचिव बीपी सिंह को प्रशस्ति-पत्र भेंट किया। उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कैबिनेट ने सराहना की और उनके सुखद व सुदीर्घ जीवन की कामना की। बीपी सिंह की यह अंतिम कैबिनेट बैठक थी। वे 31 दिसंबर को सेवा निवृत्त हो रहे हैं।