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फेक न्यूज पर मध्यप्रदेश साइबर सेल की निगाह, आईटी एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान फेसबुक ने 54 फेक न्यूज पकड़ी थी और उन्हें डाउन (चलन से बाहर) किया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 03:53 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 03:53 PM (IST)
फेक न्यूज पर मध्यप्रदेश साइबर सेल की निगाह, आईटी एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
फेक न्यूज पर मध्यप्रदेश साइबर सेल की निगाह, आईटी एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

भोपाल, नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया (फेसबुक, टि्वटर आदि) पर किसी ने फेक (झूठी) न्यूज फैलाई तो उस पर आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। चुनाव आयोग ने इसके लिए पुलिस की साइबर सेल को निगाह रखने का जिम्मा सौंपा है। सेल के अधिकारी फेसबुक और टि्वटर के अधिकारियों से संपर्क में हैं। गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान फेसबुक ने 54 फेक न्यूज पकड़ी थी और उन्हें डाउन (चलन से बाहर) किया था।

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हाल ही में, 26 सितंबर को भोपाल में चुनाव आयोग की मीडिया वर्कशॉप में भी फेक न्यूज का मुद्दा उठा था। आयोग के महानिदेशक (मीडिया एवं कम्युनिकेशन) धीरेंद्र ओझा ने बताया था कि फेक न्यूज की समस्या से सभी जूझ रहे हैं। सोशल मीडिया कंपनियां भी हलाकान हैं। इसके वास्तविक स्रोत को पकड़ना मुश्किल होता है। इससे संभावित नुकसान को रोकना कठिन हो जाता है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान फेसबुक ने ऐसी खबरों को रोकने के लिए कदम उठाए थे।

फेक न्यूज चेकर्स संस्थाओं के साथ मिलकर फेसबुक ने 54 ऐसी खबरों को पकड़कर उन्हें डाउन किया था। इसमें एक खबर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से भी जुड़ी थी। हमने सभी जिला अधिकारियों से कहा है कि फेक न्यूज का पता लगे तो मीडिया को भी बताएं। उधर, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि फेक न्यूज के मामले में आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। पुलिस की साइबर सेल इस पर नजर रखने का काम कर रहा है। वहां का अमला इसमें प्रशिक्षित है और कंपनियों से संपर्क में भी है।

राजस्थान में अभी कोई मैकेनिज्म नहीं

फेसबुक, ट्विटर आदि पर चलने वाली फेक न्यूज की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए राजस्थान में निर्वाचन विभाग के पास फिलहाल कोई मैकेनिज्म नहीं है। विशेषाधिकारी एचएस गोयल ने बताया कि फेक न्यूज को पकड़ने या इससे जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है, हालांकि इस पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि अभी कोई शिकायत आई भी नहीं है।

ये शिकायतें पुलिस को भेजने के सवाल पर उन्होने कहा कि जब शिकायत आएगी तब देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। हालांकि विभाग ने फेक न्यूज तो नहीं, लेकिन पेड न्यूज पर कार्रवाई के लिए हर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है जो शिकायतों पर कार्रवाई करेगी और पेड न्यूज पर नजर भी रखेगी।


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