छिंदवाड़ा को मुख्यमंत्री तो मिला, लेकिन मंत्रिमंडल में रहा खाली हाथ
कमलनाथ ने मंत्रिमंडल गठन में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखा।
छिंदवाड़ा। मंगलवार को भोपाल में मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। मंत्रिमंडल के गठन में छिंदवाड़ा के किसी विधायक को मौका नहीं मिला। हालांकि छिंदवाड़ा जिला खुद मुख्यमंत्री का क्षेत्र है। लिहाजा माना जा रहा है कि जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखा गया है। हालांकि छिंदवाड़ा विधायक दीपक सक्सेना का नाम मंत्री पद में शामिल होने को लेकर चर्चा का दौर चलता रहा, लेकिन छिंदवाड़ा से किसी भी विधायक को मौका नहीं मिला।
छिंदवाड़ा जिले में मंत्रिमंडल में किसी का नाम नहीं आने के बाद एक बार सीएम के छिंदवाड़ा के किसी सीट से चुनाव लड़ने की उम्मीद है। गौरतलब है कि छिंदवाड़ा जिले में छिंदवाड़ा, सौंसर और चौरई सामान्य सीट है, लिहाजा सीएम को इन्हीं सीट से किसी विधायक को इस्तीफा देकर चुनाव लड़ाना होगा। छिंदवाड़ा से विधायक दीपक सक्सेना और सौंसर से विजय चौरे पहले ही विधायक पद से इस्तीफा देने की बात कह चुके हैं।
जिले के विकास की चुनौती
मुख्यमंत्री कमलनाथ 30 दिसंबर से 1 जनवरी तक छिंदवाड़ा के दौरे पर रहेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम यहां जिले के विकास का खाका तैयार करेंगे। सीएम के दौरे से पहले ही नवगात कलेक्टर और एसपी सक्रिय हो गए हैं। छिंदवाड़ा में 31 दिसंबर को सीएम जिले के तमाम अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। जिसमें जल संकट, मास्टर प्लान और मेडिकल कॉलेज जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। जिसके बाद उम्मीद है कि इन मुद्दों पर कुछ हल निकलेगा।
महाकौशल के नेता करेंगे मुलाकात
सीएम कमलनाथ के छिंदवाड़ा दौरे के दौरान छिंदवाड़ा महाकौशल का पावर सेंटर बनकर सामने आएगा। विधान सभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस नेता टिकिट की दावेदारी के लिए छिंदवाड़ा ही आते थे, अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी महाकौशल क्षेत्र के नेता अपनी मांग और समस्याओं को लेकर छिंदवाड़ा में ही सीएम से मुलाकात करेंगै। जिसमें छिंदवाड़ा के अलावा बैतूल, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला और जबलपुर के नेता छिंदवाड़ा आएंगे। इसे लेकर शिकारपुर स्थित सीएम निवास पर भी गहमागहमी बढ़ गई है।
इनका कहना है
मंत्रिमंडल का चयन मुख्यमंत्री का विशेष अधिकार होता है, छिंदवाड़ा से कमलनाथ के सीएम बनना हमारे लिए खुशी की बात है- दीपक सक्सेना विधायक छिंदवाड़ा