मध्य प्रदेश में भाजपा की रणनीति, कांग्रेस के सवालों का नहीं देगी जवाब
भाजपा नेताओं का यह भी मानना है कि कांग्रेस के आरोप पर रोज अपनी बात रखना रक्षात्मक रणनीति का हिस्सा है।
भोपाल (ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव तक कांग्रेस की प्रदेश से जुड़े मुद्दों पर 40 दिन तक 40 सवाल पूछने की मुहिम पर भाजपा ने जवाब नहीं देने की रणनीति बनाई है। अपनी मुहिम के पहले दिन स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार से सवाल किए थे, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने जवाब भी दिया, लेकिन इसके बाद करीब हफ्तेभर से इन सवालों का जवाब भाजपा की तरफ से नहीं दिया जा रहा है।
भाजपा के पदाधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस जो सवाल पूछ रही है, उन सभी मुद्दों पर भाजपा और सरकार ने पिछले दिनों अपने विज्ञापनों के जरिए आंकड़े जनता के सामने पेश किए हैं, इसलिए अब कांग्रेस के सवालों के जवाब देने की कोई वजह नहीं बनती।
इसके अलावा भाजपा नेताओं का यह भी मानना है कि कांग्रेस के आरोप पर रोज अपनी बात रखना रक्षात्मक रणनीति का हिस्सा है। इससे यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस चुनाव प्रचार में आगे चल रही है और भाजपा सिर्फ उसका जवाब देने में लगी हुई है। इसीलिए कांग्रेस के इन प्रश्नों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देने का फैसला किया गया है।
कमलनाथ खुद बन गए हैं सवाल
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने पार्टी के इस फैसले को लेकर कहा कि हम जनता से जुड़े हैं और जनता के बीच जाकर लगातार सरकार के कार्यों का हिसाब दे रहे हैं। कांग्रेस और उसके नेता जनता से कटे हैं, मुद्दों से हटे हैं। विपक्ष में होने के नाते भी वे जनता के बीच कभी नहीं गए। सिर्फ सोशल मीडिया पर किराए के लोगों के जरिए सवाल करने से कांग्रेस की जिम्मेदारी पूरी नहीं होती। हम जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं और अब कमलनाथ खुद सवाल बन गए हैं।
इसलिए काट रहे कन्नी
कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा के पास हमारे सवालों का कोई जवाब नहीं है। जो सरकार 15 साल से राज कर रही है, अगर वो जवाब नहीं दे रही है तो इसका मतलब है कि उसका लोकतंत्र में भरोसा नहीं है। जवाब नहीं देकर वह तानाशाही रवैया अपना रही है। इसका जवाब जनता 28 नवंबर को देगी। भाजपा ने जनता की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए अब वह कांग्रेस के प्रश्नों से कन्नी काट रही है।