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Lok Sabha Election 2019 : पहला मुद्दा, पहला वोट : डिजिटल इंडिया में बदहाल शिक्षा से कैसे समृद्ध होगा समाज

Lok Sabha Election 2019. दैनिक जागरण के अभियान पहला मुद्दा पहला वोट की कड़ी में जेआरडी टाटा स्पोट्र्स काम्प्लेक्स में युवा खिलाडिय़ों ने अपने विचार साझा किए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 03:06 PM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2019 03:06 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 :  पहला मुद्दा, पहला वोट : डिजिटल इंडिया में बदहाल शिक्षा से कैसे समृद्ध होगा समाज
Lok Sabha Election 2019 : पहला मुद्दा, पहला वोट : डिजिटल इंडिया में बदहाल शिक्षा से कैसे समृद्ध होगा समाज

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ओर जहां देश को डिजिटल बनाने में तेजी दिखाई है, वहीं विदेश नीति और सुरक्षा के मामले में भी नई पहचान दिलाई है। इन सबके बावजूद जो कमी अब भी खटक रही है, वह प्राथमिक शिक्षा है। इसका स्तर पिछले कई दशक से लगातार गिरता जा रहा है।

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पिछले चार-पांच वर्ष में बड़े पैमाने पर सरकारी प्राथमिक विद्यालय बंद हुए हैं। जो चल रहे हैं, उनमें भी शिक्षकों की बेहद कमी है। जो हैं, उनमें अधिकांश गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में असमर्थ हैं। जब तक बच्चों की प्राथमिक शिक्षा मजबूत नहीं होगी, उनका भविष्य उज्ज्वल नहीं हो सकता। आज के बच्चों में मौलिक ज्ञान की बहुत कमी है। इसके बाद बारी आती है उच्च शिक्षा व रोजगार की। इन सबके बिना भारत आत्मनिर्भर देश नहीं बन सकता। ये बातें उन युवा मतदाताओं की हैं, जो एडवेंचर स्पोट्र्स में कॅरियर तलाश रहे हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दैनिक जागरण के अभियान 'पहला मुद्दा, पहला वोट' की कड़ी में रविवार की शाम जेआरडी टाटा स्पोट्र्स काम्प्लेक्स में युवा खिलाडिय़ों ने अपने विचार साझा किए। आइए, जानें इन युवाओं के मन में देश की प्राथमिकता क्या है...

ये कहते युवा

निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार ने जो सक्रियता दिखाई, उससे महिलाओं में सुरक्षा का भाव आया है। हालांकि इसमें अब भी बहुत काम करने की जरूरत है। आज सबसे बड़ी जरूरत भारत को आत्मनिर्भर बनाने की है, जैसा अमेरिका, चीन, जापान आदि देश हैं। 

- कुमारी खुशबू

मैंने जब से होश संभाला है, तभी से सुन रहा हूं। हर सरकार चुनाव के समय गरीबी हटाओ का नारा देती है, फिर चुनाव बाद भूल जाती है। मेरा मानना है कि प्राथमिक शिक्षा निश्शुल्क, अनिवार्य व गुणवत्तापूर्ण हो जाए तो अपने आप गरीबी दूर हो जाएगी।

- हेमंत गुप्ता

युवाओं के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तो अहम है ही, रोजगार दूसरी सबसे बड़ी जरूरत है। सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि जो पढ़ाई-लिखाई में कमजोर हैं, उन्हें उनकी योग्यता व क्षमता के अनुसार रोजगार मिल जाए। 

- राजेश कुमार सिंह

आज के समय में खेल को कॅरियर बनाने वालों की तादाद बढ़ी है। इसमें जो उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं, उन्हें अच्छी नौकरी मिल जाती है। जो बहुत अच्छा नहीं कर पाते, उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है। ऐसे खिलाड़ी भी कम नहीं हैं। सरकार को इनके बारे में सोचना चाहिए। 

- बाबूलाल रावत

प्राथमिक शिक्षा को पहले की तरह गुणवत्तापूर्ण बनाने की नितांत आवश्यकता है। निजी स्कूलों में भी रिजल्ट ओरिएंटेड पढ़ाई हो रही है। मौलिक ज्ञान या बेसिक नालेज पर जोर नहीं दिया जाता है। यह चलन भविष्य की पीढ़ी के लिए खतरनाक है। खासकर सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊंचा करना होगा। 

- जयवद्र्धन

सरकारी स्कूलों का स्तर हाल के दिनों में तेजी से गिरा है। बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान नहीं दिया जाता, जिससे वे बड़ों का आदर नहीं करते। उनसे सलाह लेना या मानना तो दूर, बात सुनना भी पसंद नहीं करते। इससे बच्चों में नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है। वे अच्छे-बुरे की पहचान तक नहीं कर पाते। जो भी सरकार चुनकर आए, इस पर ध्यान देना चाहिए।

 - रूपकिशन

 

यूथ की चिंता

- धड़ाधड़ बंद हो गए स्कूल, जो खुले हैं वहां भी शिक्षक का अभाव

- युवाओं ने कहा कि भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत 


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