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नेताजी! मुद्दा न बनाइए करके दिखाइए, क्योंकि यहां सुरक्षित नहीं आधी आबादी

हरियाणा में महिला सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। बावजूद हर बार नेता सिर्फ वादे करते हैं। लगातार बढ़ती घटनाएं इस बात की गवाह है कि महिला सुरक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 01:34 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 01:34 PM (IST)
नेताजी! मुद्दा न बनाइए करके दिखाइए, क्योंकि यहां सुरक्षित नहीं आधी आबादी
नेताजी! मुद्दा न बनाइए करके दिखाइए, क्योंकि यहां सुरक्षित नहीं आधी आबादी

पानीपत, जेएनएन। जीटी बेल्ट पर महिलाओं के विरुद्ध अपराध रुक नहीं पा रहा है। दुष्कर्म, छेड़छाड़ और दहेज के मामलों पर अंकुश नहीं लग पा रहा। हालात ये हैं कि बेटियां घर से अकेली निकलने से डरती हैं। बेटियों से सरेराह दङ्क्षरदगी इसकी सुबूत हैं। घटनाएं होने के बाद इन पर सियासत भी खूब होती है। सरकार ने हर जिले में महिला थाने खोले, दुर्गा शक्ति एप भी शुरू किया, महिला हेल्पलाइन की भी शुरुआत हुई, लेकिन दङ्क्षरदों का दुस्साहस नहीं रुका। महिलाओं के प्रति बढ़े अपराध के आंकड़े पुलिस के दावों से पर्दा उठाने के लिए काफी हैं। प्रस्तुत है दैनिक जागरण टीम की विशेष रिपोर्ट-

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बढ़ते अपराध के आंकड़ों पर नजर
वर्ष 2010 से अब तक के आंकड़ों पर गौर करें तो दुष्कर्म का आंकड़ा 720 से 1197 तक पहुंच चुका है। वर्ष 2012 में यह आंकड़ा 668 था, लेकिन 2017 में पिछले दस सालों का रिकॉर्ड टूट गया और यह 1197 तक पहुंच गया। 

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सात साल में बढ़ा उत्पीडऩ का आंकड़ा
हरियाणा राज्य में 2011 की जनगणना के मुताबिक, प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 879 थी, सीएडब्ल्यू सेल द्वारा 2017 के अंत में जारी किए गए आंकड़ों ने महिलाओं की स्थिति की जमीनी हकीकत खोल कर रख दी है। इसी प्रकार दहेज उत्पीडऩ का आंकड़ा सन 2010 में जहां 2720 तक पहुंचा, सात सालों में बढ़कर 3238 तक पहुंच गया।

करनाल में इस साल 29 मामले दुष्कर्म के
करनाल में इस साल अब तक 29 दुष्कर्म के मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 52 केस छेडख़ानी के दर्ज हो चुके हैं। दुष्कर्म के मामलों के बाद भी आरोपित तक पहुंचने में पुलिस के प्रयास कई बार उल्लेखनीय रहे हैं तो कई बार पुलिस की ढीली कार्रवाई भी सामने आई है। करनाल शहर के साथ ही असंध में भी महिला पुलिस थाना खुला है। इसके साथ ही महिला विरुद्ध अपराधों और खासकर छेडख़ानी की घटनाओं को कम करने के लिए दुर्गा शक्ति टीम भी सक्रियता के साथ काम कर रही है। बावजूद इसके शिक्षण संस्थाओं तक आने वाली छात्राओं के साथ बस में भी छेडख़ानी के घटनाएं हो रही हैं। 

पानीपत में चार महीने में 12 महिलाओं से झपटमारी
पानीपत में चार महीने में 12 महिलाएं झपटमारी का शिकार हो चुकी हैं। बेखौफ बदमाश दिनदहाड़े पॉश कॉलोनी सेक्टर 11-12, सेक्टर 13-17, मॉडल टाउन और हाउङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन पुलिस वारदातों को नियंत्रण नहीं पा रही है। बदमाश ज्यादातर उम्रदराज महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। गत दिनों डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार ने दावा किया था कि वारदातों को रोकने के लिए दिन में भी पुलिस नाकाबंदी करके चौकसी रखेगी, लेकिन धरातल पर ऐसा दिखाई नहीं दे रहा हैं। इसी तरह से चार माह में घरेलू हिंसा के 50 मामले आ चुके हैं। इनमें ज्यादातर महिलाओं को पति शराब पीकर पिटाई करते हैं। महिला थाने में भी महिलाओं को सुनवाई नहीं हो पा रही है। जिले में दुष्कर्म और छेड़छाड़ के 25 मामले दर्ज हुए हैं।

दो बार एसआइटी बनी, छात्रा की मौत अभी भी रहस्य
कुरुक्षेत्र में दो महीने के दौरान महिला थाने में 22 शिकायतें आई हैं। महिला थाने के कर्मी स्कूल-कॉलेजों में जा कर भी छात्राओं व महिलाओं को जागरूक कर रहे हैं और महिला हेल्प लाइन नंबर के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पिछले वर्ष झांसा गांव में छात्र और छात्रा की मौत की गुत्थी पुलिस अभी तक नहीं सुलझा पाई है। पुलिस ने मामले में दो बार एसआइटी गठित कर जांच की, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। मामला मुख्यमंत्री के दरबार तक भी पहुंचा, लेकिन उनके आश्वासन के बाद भी कुछ नहीं हुआ। अब मामला प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गया है। 

142 मनचलों के चालान
विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के बाहर अभियान चला कर 142 मनचलों के चालान किए गए। कैथल में स्कूल व कॉलेजों के बाहर समय-समय पर मनचलों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। महिला थाना में मार्च और अप्रैल महीने में दहेज प्रताडऩा के 12 केस दर्ज हुए हैं। महिला सशक्तीकरण समिति की प्रधान अंजू आर्य ने बताया कि महिला थाना खुलने से अपराध कम हुआ है। महिलाओं व छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में भी कमी आई है।

अपनों के बीच ही सुरक्षित नहीं महिलाएं और बेटियां
यमुनानगर के विभिन्न थानों में दर्ज आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं है। कहीं पर महिलाएं दहेज उत्पीडऩ की शिकार हो रही है, तो कहीं पर दुष्कर्म व छेड़छाड़ की शिकार हो रही हैं। मनचलों की धरपकड़ के लिए दुर्गा शक्ति की एक गाड़ी कभी कभार ही कॉलेज के पास खड़ी होती है। यह भी केवल जीएनजी कॉलेज के आसपास ही खड़ी होती है। इसके बावजूद भी यहां पर अक्सर मनचले घूमते रहते हैं। 

बुलेट सवार मनचले कसते हैं फब्तियां
बुलेट सवार मनचले आते जाते महिलाओं व छात्राओं पर फब्तियां कसते हैं। दुष्कर्म व छेड़छाड़ के मामले भी पुलिस के पास पहुंचते हैं। इनमें पुलिस तुरंत केस दर्ज कर लेती है। कुछ मामलों में शादी का झांसा देकर युवती के साथ संबंध बनाए जाते हैं, तो कुछ मामलों में किशोरियों या युवतियों से उनके सगे संबंधी ही दुष्कर्म की वारदात करते हैं। सप्ताह में एक या दो केस इस तरह के भी महिला थाने में दर्ज होते हैं। 13 मार्च को महिला थाने में सौतेले पिता पर बेटी से दुष्कर्म करने का केस दर्ज हुआ। 15 मार्च को किशोरी से उसके ममेरे भाई ने दुष्कर्म किया। 22 अप्रैल को जगाधरी एरिया में ताऊ पर भतीजी से छेड़छाड़ के मामले में केस दर्ज हुआ। फरवरी व मार्च माह में दुष्कर्म के 18 केस महिला थाने में दर्ज हुए।


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