मोहनलालगंज में घर संग प्रचार की भी कमान संभाल रहीं महिला कार्यकर्ता
कहीं सुबह से शाम और कहीं दो शिफ्टों में प्रचार में जुटी महिलाएं परिवार का भी मिल रहा पूरा साथ अपने उम्मीदवारों के प्रचार में नहीं आती थकान
लखनऊ, (निशांत यादव)। आशियाना सेक्टर एच की रहने वाली मुन्नी पाल समाजवादी पार्टी की महिला कार्यकर्ता हैं। पिछले करीब 15 दिनों से उनकी दिनचर्या बदल गई है। घर संभालने की चुनौती के साथ उनके ऊपर गठबंधन से बसपा के लोकसभा उम्मीदवार सीएल वर्मा को जिताने की जिम्मेदारी भी है। खाना बनाने और सभी कामकाज निपटाने के बाद वह प्रचार पर निकल पड़ती हैं। रात को थक हारकर घर आती हैं और फिर काम में जुट जाती हैं।
मुन्नी पाल की तरह ही कांग्रेस, भाजपा और अन्य राजनैतिक दलों में सक्रिय भूमिका निभाने वाली आधी आबादी इन दिनों घर से लेकर गांवों तक मोर्चा संभाल रही हैं। महिला कार्यकर्ता अपने प्रत्याशियों के समर्थन में दिन रात कड़ी मेहनत कर रही हैं। मोहनलालगंज लोकसभा सीट का अधिकांश इलाका ग्रामीण है। जहां घर-घर पहुंचकर राजनैतिक दलों की महिला कार्यकर्ता अपनी पार्टियों की नीतियों और प्रत्याशियों का प्रचार प्रसार करने में जुटी हैं।
इनकी ड्यूटी केंद्रीय चुनाव कार्यालय से शुरू होती है। दो तरह से महिला कार्यकर्ता अपनी टोली के साथ जिम्मेदारी संभालती हैं। एक तो सुबह नौ से शाम पांच बजे तक वह लगातार प्रचार अभियान में जुटी रहती हैं, जबकि कुछ महिला कार्यकर्ता दिन में दो शिफ्ट सुबह नौ से दोपहर एक और शाम चार से रात आठ बजे तक अपनी पार्टी के लिए काम कर रही हैं। कांग्रेस की ललिता शर्मा सरोजनीनगर में रहती हैं। उनके साथ चार महिलाओं की टोली सुबह से क्षेत्रों में निकल पड़ती है। बताती हैं कि घरवालों का पूरा साथ मिलता है। पति और बच्चे यह जानते हैं कि मैं अभी व्यस्त हूं तो वह भी हाथ बटा देते हैं। कांग्रेस उम्मीदवार आरके चौधरी के समर्थन में वह और उनकी टोली सरोजनीनगर से गोसाईगंज तक पहुंच जाती है।
इसी तरह सोनम बताती हैं कि उनके पांच बच्चे हैं। एक बेटी है जो घर की जिम्मेदारी संभालती है। मैं शिफ्ट में प्रचार करती हूं। दिन में कुछ देर के लिए घर जाकर परिवार को भी देख लेती हूं। सरोजनी अंबेडकर तो प्रचार के दौरान अपने बचपन की यादों में खो जाती हैं। वह कहती हैं कि कुछ गांवों में जब पहुंचती हूं तो वहां हमउम्र बहूएं आपस में गुट्टक का खेल खेलती हैं। उनको देख कर रहा नहीं जाता और मैं भी पार्टी के प्रचार को भूलकर इस खेल में जुट जाती हूं। बहुत अच्छा लगता है लोगों के बीच जाकर अपनी पार्टी की बात को रखना। मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर के लिए काकोरी की सलमा खातून घर का काम सुबह 8 बजे तक पूरा कर चुनाव प्रचार में निकल पड़ती हैं।
शाम को वापस लौटकर फिर से घर के सारे काम पूरे करती हैं। दुबग्गा की नजमा सिद्दीकी के बच्चे स्कूल जाते हैं। सुबह किचन का काम पूरा कर वह बच्चों को स्कूल भेजती हैं। इसके बाद पार्टी की दी गई जिम्मेदारी को पूरा करने में जुट जाती हैं। मंजू यादव ने तो अपनी मां को मायके से बुलाया है, जिससे मदद मिल सके। कुंडरा की पुष्पा सुबह 10 से शाम पांच बजे तक घर घर जाकर प्रचार कर रही हैं।