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विपक्ष के आरोपों पर EC ने बताया- आचार संहिता उल्लंघन की 43 शिकायतों का हुआ निपटारा

चुनाव आयोग ने कहा क्लीनचिट हो या कारवाई दोनों पर सहमति से लिया जाता है फैसला। सहमति न होने पर बहुमत के आधार पर लिया जाता है निर्णय।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 07 May 2019 09:11 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 09:13 PM (IST)
विपक्ष के आरोपों पर EC ने बताया- आचार संहिता उल्लंघन की 43 शिकायतों का हुआ निपटारा
विपक्ष के आरोपों पर EC ने बताया- आचार संहिता उल्लंघन की 43 शिकायतों का हुआ निपटारा

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव के बीच आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में कारवाई में कोताही बरतने के विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग ने आंकड़े पेश कर विपक्ष का मुंह बंद करने का प्रयास किया है। आयोग ने बकायदा सभी मामलों और उन पर हुई कारवाई को स्पष्ट करते हुए कहा है कि चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन की 43 शिकायतों का निपटारा किया गया है। यह आंकड़ा मात्र केंद्रीय चुनाव आयोग का है। अगर राज्यों में हुई कारवाई के आंकड़ें इसमें सम्मलित कर लिए जाएं तो यह कहीं ज्यादा निकलेगा।

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आयोग ने दिनप्रतिदिन संस्था पर लग रहे आरोपों के जवाब में साफ किया कि इन शिकायतों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, मायावती सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ शिकायतें शामिल हैं। उपचुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने बताया कि अब तक विभिन्न राज्य निर्वाचन कार्यालयों और अन्य स्त्रोतों से आचार संहिता उल्लंघन की 49 शिकायतें मिली हैं। इनमें जिन 43 शिकायतों का निपटारा किया गया उनमें से 15 में आचार संहिता का उल्लंघन नहीं पाया गया। शेष 28 शिकायतों में उल्लंघन पाए जाने पर आयोग ने नियमों के तहत कार्रवाई की है।

उन्होंने कहा कि विचाराधीन शिकायतों में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतें शामिल हैं। सक्सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि इनमें राज्य और जिला निर्वाचन अधिकारियों को मिलीं आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतें शामिल नहीं हैं।

अधिकांश मामलों में प्रधानमंत्री मोदी को क्लीनचिट दिए जाने के मामले में सफाई देते हुए आयोग के अफसरों ने बताया कि क्लीनचिट हो या कारवाई दोनों पर सहमति से फैसला लिया जाता है। प्रचार के दौरान मोदी द्वारा सेना के पराक्रम का जिक्र करने के मामले की शिकायत पर एक चुनाव आयुक्त की असहमति के बावजूद क्लीनचिट देने पर सक्सेना ने कहा कि आयोग सभी चुनाव आयुक्तों के फैसले के आधार पर सर्वसम्मति से फैसला लेता है। कुछ मामलों में किसी चुनाव आयुक्त के सहमत न होने पर बहुमत के आधार पर निर्णय लिया जाता है। मोदी के मामले में भी यही स्थिति है।

आयोग के महानिदेशक धीरेंद्र ओझा ने बताया कि चुनाव के दौरान आयोग को फर्जी खबरों की 189 शिकायतें मिली हैं। इनमें पांचवे चरण के मतदान के दौरान मिली आठ शिकायतें भी शामिल हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों के आधार पर आयोग ने फेसबुक से निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करने वाली 601 पोस्ट हटवाई हैं जबकि ट्विटर से 52 पोस्ट और यूट्यूब से पांच पोस्ट हटवाई गईं। इस दौरान वाट्सएप से भी ऐसे तीन संदेश हटाए गए।

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