Lok Sabha Election 2019: BIG ISSUE: चुनावी माैसम में निरसा के 15 गांवों में पानी वाले नेताजी का इंतजार
बारबेंदिया जलापूर्ति योजना के मूर्त रूप लेने के बाद कभी भी नियमित इस योजना से जलापूर्ति नहीं हुई है। साल में 2-3 माह अगर जलापूर्ति हो जाए तो यही काफी है।
निरसा,संजय सिंह। निरसा के बारबेंदिया में पेयजल व स्वच्छता विभाग की तरफ से लगभग साढे चार लाख रुपये की लागत से निर्मित बारबेंदिया जलापूर्ति योजना इन दिनों सफेद हाथी साबित हो रही है। निर्माण के बाद से आज तक लोगों को नियमित जलापूर्ति नहीं हुई। निरसा प्रखंड की चार पंचायतों के 15 गांवों में जलापूर्ति करने के लिए बारबेंदिया जलापूर्ति योजना का निर्माण वर्ष 2008 में शुरू हुआ था। फिलहाल छह माह से जलापूर्ति ठप है। चुुनावी माैसम में गांव वालों को ऐसे नेजाती का इंतजार है जो जलापूर्ति योजना को चालू करा दे।
ग्रामीणों का आरोप है कि यदि जलापूर्ति योजना का रखरखाव सही ढंग से होता तथा इंटेकवेल से पानी नियमित रूप आपूर्ति की जाती तो ग्रामीणों को राहत मिल सकती थी। परंतु इस दिशा में ना तो विभाग ना ही जनप्रतिनिधियों के द्वारा कोई सार्थक पहल की गई। वर्ष 2008-09 में राज्य की तत्कालीन पेयजल व स्वच्छता मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता व तत्कालीन सांसद चंद्रशेखर दुबे ने 20 नवंबर 2008 को बारबेंदिया जलापूर्ति योजना का शिलान्यास किया था। वर्ष 2010 में जलापूर्ति योजना मूर्त रूप ले लिया था। इसके निर्माण में लगभग साढे चार लाख रुपये की लागत आई थी। 15 गांवों में जलापूर्ति के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से 17170 मीटर पाइपलाइन बिछाई गई थी।
इस जलमीनार से प्रतिदिन दो लाख गैलन पानी आपूर्ति करने की क्षमता है। लेकिन निर्माण के बाद से आज तक कभी भी उक्त जलापूर्ति योजना से ग्रामीणों को सही रूप से जलापूर्ति नहीं हो पाई।
चार पंचायतों के 15 गांव में होनी थी जलापूर्तिः बारबेंदिया जलापूर्ति योजना से भागाबांध पंचायत के बरङ्क्षबदिया, विशाल पहाड़ी, पलारपुर पंचायत के रतनपुर, लुकईडीह, बेलडांगा, चारकोनिया, नीचे बेलडांगा, पांड्रा, पूरब पंचायत के बरवाडीह, गांगपुर, उपचुरिया पंचायत के पोद्दारडीह, कृष्णीकनाली, तुलसीभीठा, हरिहरपुर, वास्ताबाड़ी एवं उपचुरिया गांवों में पाइप लाइन से जलापूर्ति होनी थी। जल मीनार का निर्माण करने बाली कंपनी के जिम्मे जब तक जलापूर्ति की व्यवस्था थी। उसी दौरान कुछ माह जलापूर्ति हुई थी।
सुरक्षाकर्मियों को 6 माह से वेतन नहींः बारबेंदिया जलापूर्ति योजना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सुरक्षा कार्य में लगे सुरक्षा कर्मी विजय सिंह एवं नंदलाल ङ्क्षसह ने बताया कि हम लोगों को पिछले छह माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। इनटेकवेल के पास काम करने वाले दो कर्मी सर्वेश्वर मरांडी एवं श्यामसुंदर मरांडी को भी छह माह से वेतन नहीं मिला है। बारबेंदिया के पास जहां इंटरवेल बना हुआ है। उस स्थान पर रॉ वाटर समुचित मात्रा में नहीं मिल रहा। इसके कारण बीते छह माह से जलापूर्ति नहीं हो रही। बताया कि रखरखाव नियमित नहीं होने के कारण बारबेंदिया जलापूर्ति योजना की यही स्थिति है। मोटर खराब हो जाने के बाद उसकी मरम्मत तक करवाने के लिए महीनों लग जाते हैं।
योजना के मूर्त रूप लेने के बाद कभी भी नियमित इस योजना से जलापूर्ति नहीं हुई है। साल में 2-3 माह अगर जलापूर्ति हो जाए तो यही काफी है। योजना का लाभ सभी को मिले इस दिशा में ना तो विभाग के लोग और ना ही जनप्रतिनिधि सही रूप से तत्पर हैं।
-राजकुमार सिंह, रतनपुर निवासी
जलापूर्ति योजना के लाभुक का कहना है कि निर्माण के बाद से कभी भी इस योजना से ग्रामीणों को नियमित जलापूर्ति का लाभ नहीं मिला। सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर योजना बनाई। हम लोगों के मन में खुशी थी कि अब हमलोगों को पेयजल की समस्या से राहत मिलेगी। परंतु वह सपना सपना ही बनकर रह गया।
-राजीव बाउरी, चारकोनिया निवासी
इंटेकवेल में समुचित रूप से पानी नहीं मिलने के कारण भी जलापूर्ति बाधित है। योजना के रखरखाव एवं सुचारू रूप से जलापूर्ति करवाने की जिम्मेदारी संबंधित पंचायतों के मुखियों की है। बारबेंदिया जलापूर्ति योजना को चालू करवाने का प्रयास करूंगा।
-प्रदीप कुमार सिंह, एसडीओ, पीएचईडी