Maharashtra Lok Sabha Election 2019: महाराष्ट्र में 55 फीसद मतदान
Maharashtra Lok Sabha Election 2019. महाराष्ट्र में नितिन गडकरी और हंसराज अहीर सहित विदर्भ की सात सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ।
मुंबई, जेएनएन। भाजपानीत राजग सरकार के दो केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी एवं हंसराज अहीर सहित विदर्भ की कुल सात सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान जारी है। गडकरी की नागपुर एवं अहीर की चंद्रपुर सहित विदर्भ की भंडारा-गोंदिया, चिमुर-गढ़चिरौली, वर्धा, रामटेक, यवतमाल-वाशिम की सीटों के लिए करीब 1.3 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। महाराष्ट्र में 55 फीसद मतदान हुआ।
नागपुर संसदीय क्षेत्र में अपरान्ह तीन बजे तक 38.35 फीसद मतदान हुआ है। महाराष्ट्र में एक बजे तक 39.19 फीसद मतदान हुआ। 11 बजे तक 13.8 फीसद मतदान हुआ है। इस बीच, महाराष्ट्र में गढ़चिरौली जिले के एतापल्ली में एक मतदान केंद्र के पास नक्सलियों द्वारा किए गए विस्फोट में कोई घायल नहीं हुआ। नौ बजे तक दस फीसद मतदान हुआ।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उनकी पत्नी अमृता फडणवीस ने आज नागपुर में एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला।
गढ़चिरौली के शंकरपुर गांव के पास ट्रैक्टर के पलट जाने से तीन लोगों की मौत हो गई, नौ घायल हो गए। सभी लोग वोट डालने के बाद अपने गांव लौट रहे थे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर संसदीय क्षेत्र में पोलिंग बूथ नंबर 220 पर अपना वोट डाला।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में वोट डाला। उन्होंने कहा कि वोट डालना हमारी जिम्मेदारी है।
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महाराष्ट्र के गोंदिया में 92 के मतदाता डीएन संघानी अपने बेटे और बहू के साथ मतदान किया।
नितिन गडकरी मोदी कैबिनेट के सर्वाधिक कर्मठ मंत्रियों में से एक माने जाते हैं। उनके पास सड़क परिवहन, जहाजरानी, नदी विकास एवं गंगा सफाई जैसे महत्त्वपूर्ण मंत्रालय हैं। भाजपा को कम सीटें हासिल होने की स्थिति में प्रधानमंत्री पद के लिए भी उनके नाम की चर्चा होती रही है। हालांकि स्वयं गडकरी इस बात का खंडन करते हुए कहते हैं कि भाजपा को इन चुनावों में पूर्ण बहुमत मिलेगा और मोदी पुनः प्रधानमंत्री बनेंगे। लेकिन भाजपा के लिए नितिन गडकरी की सीट भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, जिनका मुकाबला भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए पूर्व सांसद नाना पटोले से हो रहा है। नाना पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर गोंदिया-भंडारा से चुने गए थे।
इसी प्रकार चंद्रपुर से भाजपा उम्मीदवार एवं केंद्रीय गृहराज्यमंत्री हंसराज अहीर का मुकाबला शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व विधायक सुरेश धानोरकर से हो रहा है। नाना पटोले और धानोरकर दोनों कुणबी समाज से हैं। विदर्भ में इस समाज का वर्चस्व देखते हुए ही कांग्रेस ने भाजपा के दोनों दिग्गजों के विरुद्ध इन दो नेताओं को टिकट दिया है।
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पूरा विदर्भ लंबे समय से किसानों की आत्महत्याओं के दौर से गुजर रहा है। केंद्र और राज्य में भाजपानीत सरकारें होते हुए भी इसमें कोई कमी नहीं आई है। पिछले दो सप्ताहों में भी यवतमाल जनपद में तीन किसान आत्महत्या कर चुके हैं। मूलतः संतरे और कपास की खेती के लिए मशहूर इस क्षेत्र के विकास के लिए आवंटित होनेवाली राशि अब तक पश्चिम महाराष्ट्र के नेता अपने क्षेत्रों में उपयोग करते रहे। जिसके कारण विदर्भ पिछड़ा रहा। विदर्भ के साथ होते रहे इस अन्याय के कारण ही पृथक विदर्भ राज्य की मांग भी लगातार उठती रही है। हालांकि नितिन गडकरी का दावा है कि पिछले पांच साल में विदर्भ के लिए किए गए कामों के कारण इस क्षेत्र का बैकलॉग दूर हो चुका है। कुछ सिंचाई परियोजनाओं पर काम अब भी जारी है। लेकिन गडकरी के इस दावे के बावजूद पृथक विदर्भवादियों की चुनौती इस चुनाव में भी कायम है।
विदर्भ के पूर्वी हिस्से में स्थित गढ़चिरौली जनपद की सीमाएं छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश से मिलती हैं। तीन नक्सल प्रभावित राज्यों का यह त्रिकोण नक्सलियों का स्वर्ग माना जाता है। हालांकि गृहराज्यमंत्री हंसराज अहीर के अनुसार सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों एवं सुरक्षाबलों की सतर्कता के कारण गढ़चिरौली क्षेत्र में नक्सलवाद में कमी आई है। पिछले सप्ताह ही इस जिले में नक्सलियों द्वारा मतदान बहिष्कार के लिए लगाए गए बैनर-पोस्टर ग्रामीणों ने जला दिए थे। इसके बावजूद बुधवार को छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले को देखते हुए गढ़चिरौली में भी सुरक्षाबल सतर्कता बरत रहे हैं।
वैसे तो मुख्य मुकाबला विदर्भ की सभी सीटों पर कांग्रेस-राकांपा गठबंधन का भाजपा-शिवसेना गठबंधन के साथ ही है। लेकिन सपा-बसपा गठबंधन एवं प्रकार आंबेडकर की वंचिन बहुजन आघाड़ी ने भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर चुनाव को रोचक बना दिया है। इस क्षेत्र रिपब्लिकन आंदोलन का अच्छा असर रहने के कारण ये दोनों गठबंधन कई सीटों पर नतीजे प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।