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Lok Sabha Election 2019 : लाल आतंक के सफाए के बाद पहली बार निडर होकर मतदान करेंगे वोटर

Lok Sabha Election 2019. वोट डालने के नाम से खौफ खाने वाले लांगो के ग्रामीण आज बेखौफ चौपाल में बैठ चुनाव पर चर्चा कर रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 01:47 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 01:47 PM (IST)
Lok  Sabha Election 2019 : लाल आतंक के सफाए के बाद पहली बार निडर होकर मतदान करेंगे वोटर
Lok Sabha Election 2019 : लाल आतंक के सफाए के बाद पहली बार निडर होकर मतदान करेंगे वोटर

जमशेदपुर, मुजतबा हैदर रिजवी/जितेंद्र सिंह। Lok  Sabha Election 2019 लगभग सोलह साल पहले, 7-8 अगस्त 2003 की रात धमकी से आजिज ग्रामीणों ने नौ नक्सलियों की हत्या कर दी थी। इस घटना से डुमरिया प्रखंड का लांगो चर्चा में आया था। वोट डालने के नाम से खौफ खाने वाले लांगो के ग्रामीण आज बेखौफ चौपाल में बैठ चुनाव पर चर्चा कर रहे हैं। सभी घरों से निकल कर 12 मई को मतदान करने का संकल्प ले रहे हैं। नक्सलियों का सफाया होने के बाद अब ग्रामीण अपनी मर्जी के मालिक हैं। 

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वैसे पोटका विधानसभा क्षेत्र में आने वाले इस गांव में चुनावी माहौल जैसा कुछ भी नहीं। न कहीं दीवारों पर किसी सियासी पार्टी का पोस्टर और न ही चुनावी शोर। बस ग्रामीणों को पता है कि 12 मई को वोट डालने जाना है। भाजपा से विद्युत वरण महतो और झामुमो से चंपई सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं। हम लोकसभा चुनाव की नब्ज टटोलने निकले थे। हम दोपहर 12.20 पर 952 वोटर वाले केंदुआ पंचायत के लांगो पहुंचे। यह आदिवासी इलाका है। गांव में कोई नजर नहीं आ रहा था। मगर, देखते ही देखते सामुदायिक भवन पर चौपाल जुट गई। मगर, कोई ये बताने को तैयार नहीं था कि यहां चुनावी बयार किस ओर है। लोग बता रहे हैं कि अब यहां नक्सलियों का कोई असर नहीं है। पहले नक्सली फरमान आते थे लेकिन, अब ऐसा कुछ नहीं है।

प्रचार करने न कोई नेता आया, न प्रत्याशी

अर्जुन सिंह मेलगांडी यहां से मुखिया का चुनाव लड़ चुके हैं। सियासत में थोड़ी दिलचस्पी है। काफी कुरेदा पर उन्होंने महागठबंधन का नाम लिया। ग्रामीणों ने बताया कि इस ओर चुनाव प्रचार करने न कोई नेता आया है और न ही प्रत्याशी। दोनों प्रत्याशियों में कौन बेहतर है, इस सवाल पर साव हेंब्रम ने मोर्चा संभाला। वो बोले उनकी नजर में चंपई ठीक है। गरीबों की मदद करता है। उसके घर जाओ तो मिलता है। बेटी की शादी में मदद भी मिल जाती है। गांव के लोगों ने बताया कि वो 12 मई को दुबलाबेड़ा बूथ पर वोट डालने जाएंगे। यहां के बाद हम लोग पहाड़ी पर मौजूद गांव लखाईडीह पहुंचे। लोगों की सियासी नब्ज देखते हुए हम डुमरिया पहुंचे। डुमरिया में भाजपा और महागठबंधन दोनों की चर्चा है। डुमरिया के राकेश हेंब्रम ने कहा कि भाजपा ने क्षेत्र का विकास किया है। इलाका नक्सल मुक्त हो गया है। गांवों तक सड़कें बन गई हैं। इसका फायदा पार्टी को होगा। रेडीमेड कपड़ों की दुकान लगाने वाले भारत मुर्मू ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की चर्चा की। जादूगोड़ा में भी लोग भाजपा की नीतियों से खुश हैं। 

गांवों में तोडऩा होगा महागठबंधन का चक्रव्यूह 

जमशेदपुर संसदीय सीट पर भाजपा के विद्युत वरण महतो और झामुमो के चंपई सोरेन के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा के कब्जे वाली इस सीट पर पार्टी की राह आसान नहीं है। शहरी इलाके में भाजपा भारी नजर आ रही है तो गांवों में महागठबंधन का चक्रव्यूह है। पोटका विधानसभा क्षेत्र में बराबर की टक्कर में कौन भारी पड़ेगा कहना मुश्किल है। यहां भाजपा के साथ ही महागठबंधन की भी चर्चा है। ग्रामीण इलाके में अगर महागठबंधन की चर्चा है तो शहरी इलाकों जैसे बागबेड़ा, मुसाबनी आदि में भाजपा का असर दिख रहा है। 

35 घरों में रखे हैं खाली गैस सिलेंडर 

लांगो के 165 परिवारों में से 35 को पीएम उज्जवला योजना के तहत मिला मुफ्त गैस सिलेंडर खाली पड़ा है। नरसिंह बताते हैं कि कौन गैस सिलेंडर लाद कर भराने 35 किलोमीटर दूर मुसाबनी जाए। 

सोलर पंप से जलापूर्ति 

गांव में पानी की आपूर्ति सोलर सिस्टम से संचालित होने वाले पंप पर निर्भर है। इसके अलावा गांव में कुछ जगहों पर हैंडपंप भी है। 

अस्पताल व स्कूल की जरूरत

गांव के लोगों का कहना है कि बीमार होने पर रांगामाटिया गांव जाना पड़ता है। गांव वालों को एक स्कूल और सिंचाई की सुविधा चाहिए। 

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