लोकसभा चुनाव: कीर्ति-सिद्दीकी की पेंच से निकले मुकेश सहनी अब खगड़िया से ठोकेंगे ताल
महागठबंधन की तरफ से विकासशील इंसान पार्टी के संयोजक मुकेश सहनी खड़ड़िया संसदीय सीट से चुनाव लड़ेंगे। पहले उनके दरभंगा सीट पर लड़ने की बात थी। वहां राजद-कांग्रेस का पेंच फंसा है।
पटना, [सुनील राज]। बड़े ही तामझाम के साथ महागठबंधन का हिस्सा बने विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के प्रमुख मुकेश सहनी की नाव चुनाव के बीच मंझधार में फंसी तो जरूर पर अब उसे किनारा मिलता नजर आ रहा है। सहनी महागठबंधन से तीन सीट लेने में तो सफल रहे और दावा भी कर दिया कि दरभंगा से वे खुद चुनाव मैदान में होंगे, लेकिन उसके बाद से कांग्रेस की फिरकी में फंस गए हैं।
हालांकि अब लगभग तय हो गया है कि वह खगडिय़ा से चुनाव मैदान में होंगे। संभावना है कि सहनी दो अप्रैल को नामांकन करेंगे।
कीर्ति और सिद्दीकी के पेच में फंसे सहनी
दिल्ली में महागठबंधन की बैठक के तत्काल बाद सहनी ने दावा किया था कि दरभंगा सीट से उनका चुनाव मैदान में उतरना तय है। उससे पहले भाजपा के बागी सांसद कीर्ति आजाद कांग्रेस का हाथ थाम चुके थे। कांग्रेस उन्हें दरभंगा के मैदान में उतारना चाहती है, जबकि राजद अब्दुल बारी सिद्दीकी पर दांव लगाना चाहती है। ऐसे में सहनी को फंसना ही था।
दरभंगा के बदले मुजफ्फरपुर का विकल्प
सूत्रों की माने तो राजद ने मुकेश सहनी को अब मुजफ्फरपुर का विकल्प दिया। हवाला यह कि मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र में आने वाली विधानसभा की तीन सीटें राजद के कब्जे में है। ऐसे में सहनी के लिए सहूलियत होगी। मुजफ्फरपुर में निषाद बिरादरी के तकरीबन साढ़े तीन लाख वोटों की उम्मीद भी।
मुजफ्फरपुर के साथ ही सहनी को खगडिय़ाा सीट भी ऑफर की गई। सहनी कटिहार की इच्छा जाहिर कर रहे थे, लेकिन वहां कांग्रेस ने तारिक अनवर का हवाला देकर दरभंगा की तरह मामला फंसा दिया। अब तो तारिक अनवर को सिंबल तक मिल चुका है।
खगडिय़ा पर बन गई बात
वीआइपी सूत्रों की माने तो काफी ना-नुकुर के बाद अंतत: मुकेश सहनी खगडिय़ा से चुनाव लडऩे को तैयार हो गए हैं। वे दो अप्रैल को यहां से नामांकन कर सकते हैं। हालांकि दो अन्य सीटें कौन सी होंगी जहां से वीआइपी प्रत्याशी मैदान में होंगे इसे लेकर अब तक संशय की स्थिति बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि वो कौन सी दो सीटें हैं जिन पर सहनी की नाव किनारे पर लगेगी।