Move to Jagran APP

Lok Sabha Elections 2019: विजय रूपाणी बोले, कांग्रेस ने कभी मुसलमानों का विकास नहीं होने दिया

Vijay Rupani. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गिर सोमनाथ जिले के उना कस्बे में एक चुनावी सभा में कहा कि मुस्लिम समाज के लोग आज भी कांग्रेस को मत देते हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 02:33 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 02:33 PM (IST)
Lok Sabha Elections 2019: विजय रूपाणी बोले, कांग्रेस ने कभी मुसलमानों का विकास नहीं होने दिया
Lok Sabha Elections 2019: विजय रूपाणी बोले, कांग्रेस ने कभी मुसलमानों का विकास नहीं होने दिया

अहमदाबाद, जेएनएन। जाति, धर्म के नाम पर प्रचार व मत मांगने को लेकर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ सहित कई नेताओं के प्रचार करने पर रोक लगाई है। अब गुजरात के मुख्ययमंत्री ने धर्मविशेष को लेकर टिप्पणी की है।

loksabha election banner

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गिर सोमनाथ जिले के उना कस्बे में एक चुनावी सभा में कहा कि मुस्लिम समाज के लोग आज भी कांग्रेस को मत देते हैं। कांग्रेस ने कभी मुसलमानों का विकास नहीं होने दिया। हमेशा मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपनाई, लेकिन इसके बावजूद यह समाज कांग्रेस को मत देना है। रूपाणी ने कहा कि आज भी मुसलमान कांग्रेस को ही मत देता है।  ़

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सख्त कदम उठाया है। प्रचार के दौरान विद्वेष फैलाने वाले भाषणों के चलते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व सपा नेता आजम खां पर 72 घंटे और बसपा प्रमुख मायावती व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पर 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर देशव्यापी प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध 16 अप्रैल यानी मंगलवार सुबह छह बजे से शुरू हो जाएगा। इस दौरान ये नेता न किसी रैली में बोल पाएंगे और न ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकेंगे। किसी को साक्षात्कार देने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। उधर, आजम खां के खिलाफ जयाप्रदा पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में एफआइआर दर्ज हो गई है।

चुनाव आयोग का यह फैसला ऐसे वक्त आया जब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार सुबह ही चुनाव आयोग से पूछा कि आयोग ने अभी तक इस मामले में क्या कार्रवाई की है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आयोग अभी तक सिर्फ नोटिस ही जारी कर रहा है। कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मायावती के देवबंद की रैली में दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई थी। हालांकि आयोग का कहना है कि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही से जोड़ना गलत है। आयोग रविवार को ही इस मामले में बैठक कर चुका था और कार्रवाई तय की जा चुकी थी। चुनाव आयोग के फैसले से साफ है कि अब योगी आदित्यनाथ और आजम खां 16, 17 और 18 अप्रैल को कोई प्रचार नहीं कर पाएंगे, जबकि मायावती और मेनका गांधी 16 और 17 अप्रैल को कोई चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगी। मायावती को 16 अप्रैल को आगरा में एक रैली को संबोधित करना था।

यह कहा था योगी-माया ने

सात अप्रैल को देवबंद, सहारनपुर में गठबंधन की संयुक्त रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा था कि मुसलमान अपने वोट बंटने न दें। एकमुश्त गठबंधन प्रत्याशी को वोट करें। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने 11 अप्रैल को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था। आयोग उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। योगी ने मेरठ में अपने बयान में कहा था कि अगर कांग्रेस, सपा और बसपा को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंग बली पर विश्वास है। योगी ने देवबंद में मायावती के उस भाषण की तरफ इशारा करते हुए यह टिप्पणी की थी। योगी की जनसभा के दौरान एक खास संदर्भ में 'हरा वायरस' और 'बजरंग बली' शब्द के प्रयोग को आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना है।

आजम बोले थे

आजम ने रविवार को रामपुर के शाहबाद में हुई जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। आजम ने कहा था, 'रामपुर वालों, उत्तर प्रदेश वालों, हिंदुस्तान वालों, उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे। मैं 17 दिनों में पहचान गया कि इनके नीचे का जो .. है वो खाकी रंग का है।'

मेनका ने कहा था

सुल्तानपुर से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मुस्लिम वोटरों से उन्हें वोट करने के लिए कहते हुए कहा था कि लोकसभा चुनावों के बाद एक बार तो उन्हें उनकी (मेनका) जरूरत पड़ेगी।

आयोग को जवाब में योगी ने कहा, आरोप मिथ्या

चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है, 'भारतीय संविधान हर नागरिक को धर्म और आस्था की स्वतंत्रता प्रदान करता है।' अपने जवाब में योगी ने साफ लिखा है, उन्हें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि बजरंगबली में उनकी अटूट आस्था है। किसी को बुरा लगने या किसी के भी अज्ञानतावश असुरक्षित महसूस करने के डर से वह अपनी आस्था नहीं छोड़ सकते। भगवान बजरंगबली उनके आराध्य देव हैं और हर शुभ कार्य के अवसर पर वह बजरंगबली की स्मरण करते हैं।

उन्होंने कही भी अपने संबोधन में जाति और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगे। अगर धर्म और जाति के नाम पर किसी ने वोट की मांग की तो वे विपक्ष के नेता हैं। इसीलिए जाति अथवा धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप मिथ्यारोपण के सिवाय कुछ नहीं है। योगी ने लिखा कि न तो उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया और न ही लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधान का। हरा वायरस वाले बयान पर योगी स्पष्ट किया कि इस शब्द का प्रयोग उन्होंने 'उपमा' के रूप में उस संकीर्ण दर्जे की राजनीति के लिए किया जिसके तहत धर्म विशेष को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.