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ममता बनर्जी ने जीतने वाले प्रत्याशियों को दी बधाई, कहा-हारने वाले भी नहीं हारे

Lok Sabha Election Result 2019. ममता बनर्जी ने जीतने वाले प्रत्याशियों को बधाई दी और कहा कि हारने वाले भी हारे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पर मंथन होगा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 03:45 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 04:48 PM (IST)
ममता बनर्जी ने जीतने वाले प्रत्याशियों को दी बधाई, कहा-हारने वाले भी नहीं हारे
ममता बनर्जी ने जीतने वाले प्रत्याशियों को दी बधाई, कहा-हारने वाले भी नहीं हारे

कोलकाता, प्रेट्र। तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को ट्वीट करके अपने जीतने वाले प्रत्याशियों को बधाई दी और कहा कि हारने वाले भी हारे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पर मंथन होगा।

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साढ़े तीन दशकों तक वाममोर्चा के प्रति वफादार रहने वाली बंगाल की जनता ने 2011 में जब तृणमूल कांग्रेस पर भरोसा जताया तो सबको यही लगा था कि वाममोर्चा की तरह ये सिलसिला भी लंबा चलेगा। बीते आठ साल ऐसा चला भी। 2011 के विधानसभा चुनाव के बाद किसी भी चुनाव में तृणमूल की हार नहीं हुई। नगर निकाय से लेकर लोकसभा तक प्रत्येक चुनाव में तृणमूल की सीटें और वोट फीसद बढ़ता चला गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त 'मोदी लहर' में भी तृणमूल ने बंगाल की 34 सीटों पर कब्जा जमाया, लेकिन पिछले पांच साल में राज्य के मतदाताओं का मूड काफी बदल चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव के 'एक्जिट पोल' के बाद अब वास्तविक नतीजों में भी यह झलक रहा है।

रुझानों के मुताबिक, भाजपा 19 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि तृणमूल 22 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी। उस समय तक भाजपा का वोट फीसद 38.92 फीसद दर्ज हुआ, वही तृणमूल का 44.76 फीसद देखा गया। ये रुझान अगर नतीजों में बदल गए तो भाजपा के लिए बंगाल में बहुत बड़ी सफलता होगी।

गौरतलब है कि 2011 से पहले साढ़े तीन दशकों तक 50 फीसद से अधिक वोट बटोरकर बंगाल की सत्ता पर वाममोर्चा काबिज रहा। 15वें लोकसभा चुनाव के बाद बदलाव देखा गया। 2009 के आम चुनाव में वाममोर्चा को 43.28 फीसद वोट मिला, वहीं तृणमूल नीत फ्रंट की झोली में 45.09 प्रतिशत वोट आया। इसके बाद 2011 के विधानसभा चुनाव में पूरा परिवर्तन हो गया यानी ज्यादातर मतदाता वामपंथी स्वभाव को त्यागकर लोग तृणमूल के रंग में रंग गए और तृणमूल, कांग्रेस व एसयूसीआइ गठबंधन को 48.44 फीसद और वाममोर्चा को 41.05 प्रतिशत वोट देकर 34 वर्षो के वामपंथी शासन का अंत कर दिया।

तृणमूल के बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के बाद धीरे-धीरे भाजपा का दबदबा बढ़ना शुरू हुआ और पिछले दो वर्षो में भाजपा राज्य में नंबर दो पार्टी बन गई। उलबेरिया संसदीय क्षेत्र में जहां 2014 के चुनावों में भाजपा का वोट फीसद 11.5 था, उपचुनाव में बढ़कर 23.29 फीसद हो गया। इसी तरह नोआपाड़ा विधानसभा सीट पर 2016 में जहां भाजपा को 13 फीसद वोट मिला था, वह उपचुनाव में 20.7 फीसद हो गया। पिछले साल हुए कंटाई विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा 30 फीसद वोट के साथ दूसरे स्थान पर रही। अगस्त, 2017 के निकाय व 2018 के पंचायत चुनाव में भी भाजपा बंगाल में दूसरे स्थान पर रही थी।

2014 के आंकड़े इस प्रकार हैं 
पश्चिम बंगाल कुल लोकसभा सीट-42
तृणमूल कांग्रेस -34
कांग्रेस -4
माकपा -2
भाजपा -2
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2014 लोकसभा चुनाव का वोटिंग प्रतिशत इस प्रकार है -
तृणमूल- 39.05 प्रतिशत
कांग्रेस - 9.58 प्रतिशत
भाजपा - 16.80 प्रतिशत
माकपा- 29.71 प्रतिशत

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