हिमाचल के छह बूथ ऐसे जहां पहुंचने के लिये 15 किमी तक पैदल चली पोलिंग पार्टियां
हिमाचल के पंडार स्टेशन तक पहुंचने में पोलिंग पार्टी को काफी परेशानी हुई कई बूथ ऐसे जहां तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को पांच से 15 किलोमीटर तक का पैदल सफर तय करना पड़ा।
शिमला, जेएनएन। पहाड़ में जिंदगी जितनी कठिन है, उससे कहीं ज्यादा कठिन है यहां मतदान करवाना। खासकर शिमला जिला के डोडरा क्वार में। यहां करीब छह बूथ ऐसे हैं जहां तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को पांच से 15 किलोमीटर तक का पैदल सफर तय करना पड़ा।
शिमला जिले के भौगोलिक हालात सूबे में सबसे ज्यादा दुर्गम हैं। यहां के किसी भी क्षेत्र में पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है। रोहड़ू विधानसभा के पंडार पोलिंग स्टेशन पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को 15 किलोमीटर से अधिक का पैदल सफर तय करना पड़ा। इसके अलावा जाखा और जिस्कून के लिए भी पांच से सात किलोमीटर सफर तय कर र्पोंलग पार्टियां पहुंचीं। हालांकि चांशल वैली मार्ग बहाल होने के चलते राजधानी से दूरी कम हो गई है। चांशल वैली यदि बंद होती तो पार्टियों को 215 किलोमीटर की दूरी तय करके उत्तराखंड के रास्ते डोडरा क्वार पहुंचना था। हालांकि जिला मुख्यालय से डोडरा क्वार की दूरी करीब 300 किलोमीटर है।
16 मई को ही पार्टियां डोडरा क्वार के लिए रवाना हो गई थीं। 17 मई को दोपहर 2:30 बजे पोलिंग पार्टियां स्टेशन पर पहुंच गई थीं। पंडार पोलिंग स्टेशन पहुंचने के लिए आठ किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ी। चुनाव के दौरान खराब मौसम के कारण पोलिंग पार्टियों को सूबे के ऊंचे इलाकों में पहुंचाना कठिन था। ऐसे में पैदल सफर ही नहीं भारी ठंड का सामना भी कर्मचारियों को करना पड़ा।
स्थानीय ग्रामीणों ने किया खाने-पीने का इंतजाम पंडार में पोलिंग पार्टियों के लिए स्थानीय लोगों ने खाने-पीने और रहने का प्रबंध किया है। पोलिंग पार्टियों के पहुंचते ही ग्रामीण बूथ पर पहुंच गए। इस दौरान रहने और खाने-पीने का इंतजाम ग्रामीणों द्वारा किया गया। हालांकि पोलिंग पार्टियां मतदान केंद्र पर ही रुकी, लेकिन ग्रामीणों ने बिस्तर और अन्य सुविधाएं बूथ पर उपलब्ध करवा दीं। हालांकि प्रशासन द्वारा इसके लिए पहले ही प्रबंध कर दिया गया था, लेकिन ग्रामीणों ने भी इसमें पूरा सहयोग किया। यहां ग्रामीणों में मतदान को लेकर उत्साह है।
पोलिंग पार्टियों को करनी पड़ी कड़ी मशक्कत
उपमंडल पांगी में लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ बूथों तक पहुंचने के लिए पोलिंगपार्टियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इन पार्टियों को र्पोंलग बूथों तक पहुंचने के लिए चार से लेकर 15 किलोमीटर तक का पैदल सफर करना पड़ा। उपमंडल में चस्क तथा चस्क भटौरी बूथ के लिए र्पोंलग पार्टियों को सेचू से छह और 15 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ा। सेचू तक बस के माध्यम से पार्टियां पहुंचीं। यहां से आगे सड़क न होने के कारण चस्क के लिए छह तथा चस्क भटौरी के लिए 15 किलोमीटर का पैदल सफर करना पड़ता है। कुलाल बूथ के लिए मिंधल से सात किलोमीटर, पुंटो की पार्टी को पुंटो पुल से पांच किलोमीटर, पुरथी से थांदल के लिए चार किलोमीटर तक पार्टियों को पैदल चलकर जाना पड़ा। इनमें से पुरथी से थांथल के लिए सड़क तो बनी है, लेकिन वह गत महीनों में हुई बारिश तथा बर्फबारी में भूस्खलन होने के कारण बंद पड़ हुई है। इन सबके बीच राहत भरी बात यह है कि सभी पार्टियां अपने गंतव्य पर पहुंच चुकी हैं।
बड़ा भंगाल के लिए चार दिन पैदल चली टीम
15 मई को बैजनाथ से निकली टीम चार दिन का पैदल सफर करने के बाद शनिवार शाम साढ़े पांच बजे र्पोंलग स्टेशन बड़ा भंगाल पहुंची। पहले र्पोंलग पार्टी को बैजनाथ से हेलीकॉप्टर में बड़ा भंगाल भेजने का कार्यक्रम था। मौसम खराब होने से हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका व प्रशासन ने टीम को मार्ग से चंबा और नया ग्रां होते हुए भेजने का निर्णय लिया। टीम ने पहले दिन रात्रि ठहराव होली में किया। अगले दिन फिर टीम को हेलीकॉप्टर से बड़ा भंगाल पहुंचाने की व्यवस्था की गई पर फिर मौसम खराब हो गया। इस पर टीम को मार्ग से नया ग्रां व लाके वाली माता तक वाहनों से पहुंचाया गया। इसके बाद आगे का 50 किलोमीटर सफर पैदल शुरू हुआ। बिजोली, धारदा, खन्नार आदि गांवों को पैदल पारकर टीम शाम को खरुडू पहुंची थी। जहां से पैदल चलकर टीम शनिवार देर शाम बड़ा भंगाल पहुंची। सहायक निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम बैजनाथ रामेश्वर दास ने टीम के बड़ा भंगाल पहुंचने की पुष्टि की है।
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