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Loksabha Election 2019 : लोकतंत्र की विडंबना : हजारों से छिना सरकार चुनने का अधिकार

बीएलओ की लापरवाही से वोटरलिस्ट से नाम गायब होने के कारण चिलचिलाती धूप में आए मतदाता कोसते हुए लौट गए।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 10:48 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 10:48 AM (IST)
Loksabha Election 2019 : लोकतंत्र की विडंबना : हजारों से छिना सरकार चुनने का अधिकार
Loksabha Election 2019 : लोकतंत्र की विडंबना : हजारों से छिना सरकार चुनने का अधिकार

कानपुर, जेएनएन। 'पहले मतदान फिर जलपान।' ऐसे जाने कितने नारे गढ़े गए, उनका प्रचार हुआ। सरकारी मशीनरी, सोशल मीडिया और जागरूक नागरिकों ने भी वोटरों को खूब प्रेरणा दी। पर उत्साहित मतदाता चिलचिलाती धूप में वोट डालने पहुंचे तो भौचक रह गए। बीएलओ (बूथ लेबल अफसर) की लापरवाही से उनके नाम वोटर लिस्ट से गायब थे। सोमवार को मतदान के दिन बूथों ऐसे में हजारों मतदाताओं को इसके चलते निराश होकर लौटना पड़ा, कई जगह हंगामा भी हुआ।

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लोकसभा चुनाव से पहले कई चरण में मतदाता सूची के पुनरीक्षण किया गया। बूथों पर कैंप लगने और डोर टू डोर सर्वे के बावजूद वोटर लिस्ट में खामियां घटने की बजाय बढ़ गईं। सोमवार को मतदान के दिन वोटर आइडी लेकर मतदान केंद्र पहुंचे हजारों वोटर निराश हुए। सूची में नाम न होने के कारण उन्हें खीझकर लौटना पड़ा। कल्याणपुर के अवि सक्सेना, श्याम सिंह, महाराजपुर के प्रदीप कुमार, किदवई नगर की नम्रता सिंह, अनिला महेश्वरी, बाबू लाल शर्मा, कृष्णापुरम के पवन कुमार, लालबंगला के प्रतीक शर्मा के पूरे परिवार का नाम, तिलक नगर के अमन अग्रवाल व ललिता अग्रवाल, दर्शन पुरवा की निशा मिश्रा व आलोक कुमार, गोविंद नगर के राजकुमार व अंशू शर्मा, हंसपुरम के संजय सिंह, केशव नगर की आरती देवनाथ, अकबरपुर के रघुनाथ प्रसाद, बृजेश, रीता, हरवंश मोहाल के रामप्रताप के पूरे परिवार का नाम गायब रहा।

आर्यनगर में 75 वर्षीय नरेंद्र टंडन, मंगला बिहार की पूजा सिंह, शास्त्री नगर के अंकुर शुक्ल, बर्रा विश्व बैंक के सूर्य प्रसाद, कोहना की पूजा, फीलखाना की प्रतिमा तिवारी, सरवन खेड़ा के धनंजय पांडेय, सिविल लाइंस की श्वेता भगत, स्वर्ण जयंती के जर्नादन, अर्चना, पारुल व सिद्धार्थ शुक्ला आदि भी मतदाता सूची में नाम न होने के कारण बिना वोट दिये वापस आ गए। इसी तरह तिलक नगर निवासी आशीष भल्ला के पूरे परिवार, किशन शर्मा, स्वरूप नगर के रीतेश कुमार, चमनगंज निवासी हसन अशरफ की पत्नी अमरा बेगम का वोट भी नहीं आया था।

जो जीवित नहीं उनके नाम थे

मजे की बात यह कि अशरफ की मां अनीसा बेगम की मृत्यु होने के बावजूद उनका नाम वोटरलिस्ट में शामिल था। वह अकेली नहीं हैं। कई ऐसे हैं जिनकी मौत के बाद उनके नाम मतदाता सूची में मिले। ज्वाला देवी विद्या मंदिर में पहुंचे जुगल किशोर को भी नाम कटने की वजह से बिना वोट डाले लौटना पड़ा।

सनिगवां में हुआ हंगामा

सनिगवां प्राइमरी स्कूल में तो नाम कटने से नाराज लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। सनिगवां व अहिरवां क्षेत्र में कई लोगों के नाम मतदाता सूची से कट गए थे। हंगामा करने वालों को जब पुलिसकर्मियों ने समझाना चाहा तो वह और भड़क गए। हालांकि बाद में अधिक फोर्स पहुंचने पर लोग शांत हुए।

भड़के मतदाता ने प्रेक्षक से पूछा नाम कटने का जिम्मेदार कौन?

अकबरपुर लोकसभा सीट के मतदान केंद्र नगर निगम बालिका विद्यालय तिलक नगर में दर्जनों वोटरों के नाम गायब थे। तिलकनगर निवासी आशीष मित्तल का वोट भी कट गया था। ऐसे में जब विशेष प्रेक्षक एसके मिश्रा दोपहर 1:55 बजे मतदान केंद्र पहुंचे तो आशीष मित्तल का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने विशेष प्रेक्षक से पूछा कि कैसे मतदान बढ़ेगा जब नाम ही काट दिया गया। बीएलओ व पीठासीन अधिकारी जवाब देने के बजाय दौड़ा रहे हैं। इसका जिम्मेदार कौन है? प्रेक्षक कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए। बस उन्होंने बीएलओ से कहा कि मतदाताओं को जानकारी दे कि अगली बार कैसे अपना नाम जुड़वाएं।


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